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यूहन्ना 3:17 - नवीन हिंदी बाइबल

17 परमेश्‍वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिए नहीं भेजा कि वह जगत को दोषी ठहराए, परंतु इसलिए कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।

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पवित्र बाइबल

17 परमेश्वर ने अपने बेटे को जगत में इसलिये नहीं भेजा कि वह दुनिया को अपराधी ठहराये बल्कि उसे इसलिये भेजा कि उसके द्वारा दुनिया का उद्धार हो।

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Hindi Holy Bible

17 परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा, कि जगत पर दंड की आज्ञा दे परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

17 परमेश्‍वर ने अपने पुत्र को संसार में इसलिए नहीं भेजा कि वह संसार को दोषी ठहराए। उसने उसे इसलिए भेजा है, कि संसार उसके द्वारा मुक्‍ति प्राप्‍त करे।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

17 परमेश्‍वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा कि जगत पर दण्ड की आज्ञा दे, परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।

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सरल हिन्दी बाइबल

17 क्योंकि परमेश्वर ने अपने पुत्र को संसार पर दोष लगाने के लिए नहीं परंतु संसार के उद्धार के लिए भेजा.

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यूहन्ना 3:17
36 क्रॉस रेफरेंस  

हमने देखा और साक्षी देते हैं कि पिता ने पुत्र को जगत का उद्धारकर्ता होने के लिए भेजा।


मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को ढूँढ़ने और उनका उद्धार करने आया है।”


जिस प्रकार जीवित पिता ने मुझे भेजा और मैं पिता के कारण जीवित हूँ, उसी प्रकार जो मुझे खाता है वह भी मेरे कारण जीवित रहेगा।


क्योंकि मेरे पिताकी इच्छा यह है कि जो कोई पुत्र को देखे और उस पर विश्‍वास करे, वह अनंत जीवन पाए, और मैं उसे अंतिम दिन में जिला उठाऊँगा।”


इस पर यीशु ने उन्हें उत्तर दिया,“परमेश्‍वर का कार्य यह है कि तुम उस पर विश्‍वास करो जिसे उसने भेजा है।”


यीशु ने उनसे फिर कहा,“तुम्हें शांति मिले; जैसे पिता ने मुझे भेजा है, वैसे ही मैं भी तुम्हें भेजता हूँ।”


वही हमारे पापों का प्रायश्‍चित्त है, और न केवल हमारे बल्कि संपूर्ण जगत के पापों का भी।


और अनंत जीवन यह है कि वे तुझ एकमात्र सच्‍चे परमेश्‍वर को और यीशु मसीह को, जिसे तूने भेजा है, जानें।


मैं जानता था कि तू सदैव मेरी सुनता है; फिर भी चारों ओर खड़े इन लोगों के कारण मैंने यह कहा, ताकि ये विश्‍वास करें कि तूने मुझे भेजा है।”


मैं उसे जानता हूँ, क्योंकि मैं उसकी ओर से हूँ और उसी ने मुझे भेजा है।”


यह न सोचो कि मैं पिता के सामने तुम पर दोष लगाऊँगा, तुम पर दोष लगानेवाला तो मूसा है, जिस पर तुमने आशा लगा रखी है।


यीशु ने उनसे कहा,“यदि परमेश्‍वर तुम्हारा पिता होता तो तुम मुझसे प्रेम रखते, क्योंकि मैं परमेश्‍वर की ओर से आया और यहाँ हूँ; मैं अपने आपसे नहीं आया बल्कि उसी ने मुझे भेजा है।


अगले दिन उसने यीशु को अपनी ओर आते हुए देखकर कहा, “देखो, परमेश्‍वर का मेमना, जो जगत का पाप उठा ले जाता है।


क्योंकि जिन वचनों को तूने मुझे दिया, मैंने उन्हें उन तक पहुँचा दिया है, और उन्होंने उन्हें ग्रहण किया और सचमुच जान लिया कि मैं तेरी ओर से आया हूँ, और विश्‍वास किया कि तूने ही मुझे भेजा है।


तो जिसे पिता ने पवित्र किया और जगत में भेजा, उसे तुम कहते हो, ‘तू परमेश्‍वर की निंदा कर रहा है।’ क्योंकि मैंने कहा, ‘मैं परमेश्‍वर का पुत्र हूँ’?


परंतु मेरे पास यूहन्‍ना की साक्षी से भी बड़ी साक्षी है, क्योंकि जो कार्य पिता ने मुझे पूरा करने के लिए सौंपे हैं, अर्थात् वे कार्य जिन्हें मैं करता हूँ, मेरे विषय में साक्षी देते हैं कि पिता ने मुझे भेजा है;


कि वे सब एक हों, जैसे, हे पिता, तू मुझमें है और मैं तुझमें, वैसे ही वे भी हममें एकहों, ताकि संसार विश्‍वास करे कि तूने मुझे भेजा है।


और उसका वचन तुममें बना नहीं रहता, क्योंकि जिसे उसने भेजा है तुम उसका विश्‍वास नहीं करते।


देखो, एक कुँवारी गर्भवती होगी और एक पुत्र को जन्म देगी, और उसका नाम “इम्मानुएल” रखा जाएगा, जिसका अर्थ है, परमेश्‍वर हमारे साथ।


“देखो, इन छोटों में से किसी एक को भी तुच्छ न समझना; क्योंकि मैं तुमसे कहता हूँ कि स्वर्ग में उनके दूत मेरे स्वर्गिक पिता के मुख को निरंतर देखते रहते हैं।


क्योंकि मनुष्य का पुत्र मनुष्यों के प्राणों को नाश करने नहीं, बल्कि बचाने आया है।”] और वे दूसरे गाँव की ओर चले गए।


क्योंकि जिसे परमेश्‍वर ने भेजा है, वह परमेश्‍वर की बातें कहता है, क्योंकि परमेश्‍वर उसे बिना नाप-तोल के आत्मा देता है।


क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं बल्कि अपने भेजनेवाले की इच्छा पूरी करने के लिए स्वर्ग से उतर आया हूँ।


उसने कहा, “किसी ने नहीं, प्रभु।” तब यीशु ने कहा,“मैं भी तुझे दंड नहीं देता। जा और अब से फिर पाप मत करना।”]


जैसे तूने मुझे जगत में भेजा, वैसे ही मैंने भी उन्हें जगत में भेजा।


मैं उनमें और तू मुझमें, ताकि वे सिद्ध होकर एक हो जाएँ, जिससे संसार जाने कि तूने मुझे भेजा और उनसे वैसा ही प्रेम रखा जैसा तूने मुझसे प्रेम रखा।


हे धर्मी पिता, यद्यपि संसार ने तुझे नहीं जाना, परंतु मैंने तुझे जाना, और इन्होंने भी जाना कि तूने मुझे भेजा,


[मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने आया है।]


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