मैंने यहोवा से एक वर माँगा है, मैं उसी के यत्न में लगा रहूँगा : कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में ही वास करूँ, जिससे यहोवा की मनोहरता को निहारता रहूँ और उसके मंदिर में उसका ध्यान करता रहूँ।
यूहन्ना 1:38 - नवीन हिंदी बाइबल यीशु ने मुड़कर उनको पीछे आते देखा और उनसे पूछा,“तुम क्या चाहते हो?” उन्होंने उसे उत्तर दिया, “हे रब्बी (अर्थात् हे गुरु), तू कहाँ रहता है?” पवित्र बाइबल जब यीशु ने मुड़कर देखा कि वे पीछे आ रहे हैं तो उनसे पूछा, “तुम्हें क्या चाहिये?” उन्होंने जवाब दिया, “रब्बी, तेरा निवास कहाँ है?” (“रब्बी” अर्थात् “गुरु।”) Hindi Holy Bible यीशु ने फिरकर और उन को पीछे आते देखकर उन से कहा, तुम किस की खोज में हो? उन्होंने उस से कहा, हे रब्बी, अर्थात (हे गुरू) तू कहां रहता है? उस ने उन से कहा, चलो, तो देख लोगे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु ने मुड़ कर उन्हें अपने पीछे आते देखा, तो कहा, “तुम क्या चाहते हो?” उन्होंने उत्तर दिया, “रब्बी! (अर्थात् गुरु) आप कहाँ रहते हैं?” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यीशु ने मुड़कर उनको पीछे आते देखा और उनसे कहा, “तुम किसकी खोज में हो?” उन्होंने उससे कहा, “हे रब्बी (अर्थात् हे गुरु), तू कहाँ रहता है?” सरल हिन्दी बाइबल मसीह येशु ने उन्हें अपने पीछे आते देख उनसे पूछा, “तुम क्या चाहते हो?” उन्होंने कहा, “गुरुवर, आप कहां रहते हैं?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यीशु ने मुड़कर और उनको पीछे आते देखकर उनसे कहा, “तुम किसकी खोज में हो?” उन्होंने उससे कहा, “हे रब्बी, (अर्थात् हे गुरु), तू कहाँ रहता है?” |
मैंने यहोवा से एक वर माँगा है, मैं उसी के यत्न में लगा रहूँगा : कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में ही वास करूँ, जिससे यहोवा की मनोहरता को निहारता रहूँ और उसके मंदिर में उसका ध्यान करता रहूँ।
जो बुद्धिमान के साथ संगति करता है, वह बुद्धिमान हो जाता है; परंतु जो मूर्खों का साथी होता है, वह हानि उठाता है।
जो उसे ग्रहण करते हैं, उनके लिए वह जीवन का वृक्ष है; और जो उसे थामे रहते हैं, वे धन्य हैं।
क्या ही धन्य है वह पुरुष जो मेरी सुनता है, और मेरे फाटकों पर प्रतिदिन दृष्टि लगाए रहता है, बल्कि मेरी चौखट पर प्रतीक्षा करता है।
“तब वह उठकर अपने पिता के पास जाने को चल पड़ा। अभी वह दूर ही था कि उसके पिता ने उसे देखा और उस पर तरस खाया तथा दौड़कर उसे गले लगा लिया और उसको बहुत चूमा।
जब यीशु उस स्थान पर पहुँचा, तो उसने ऊपर देखकर उससे कहा,“हे जक्कई, शीघ्र नीचे उतर आ, क्योंकि आज अवश्य ही मुझे तेरे घर में रहना है।”
तब प्रभु ने मुड़कर पतरस को देखा, और पतरस को प्रभु की वह बात स्मरण आई जो उसने उससे कही थी :“आज मुरगे के बाँग देने से पहले तू तीन बार मेरा इनकार करेगा।”
जिस मनुष्य में से दुष्टात्माएँ निकली थीं वह यीशु से विनती करने लगा कि मुझे अपने साथ रहने दे; परंतु उसने यह कहकर उसे भेज दिया,
उसने उनसे कहा,“आओ, तो तुम देख लोगे।” तब उन्होंने जाकर देखा कि वह कहाँ रहता है, और उस दिन वे उसके साथ रहे। यह संध्या के लगभग चार बजे का समय था।
अतः ये लोग फिलिप्पुस के पास आए जो गलील के बैतसैदा का था और उससे विनती करने लगे, “महोदय, हम यीशु से मिलना चाहते हैं।”
तब यीशु अपने साथ होनेवाली सब बातों को जानकर बाहर निकला और उनसे पूछा,“तुम किसे ढूँढ़ रहे हो?”
वह रात को यीशु के पास आया और उससे कहा, “हे रब्बी, हम जानते हैं कि तू परमेश्वर की ओर से आया हुआ गुरु है, क्योंकि जिन चिह्नों को तू दिखाता है उन्हें जब तक परमेश्वर साथ न हो, कोई दिखा नहीं सकता।”
उन्होंने यूहन्ना के पास आकर उससे कहा, “हे रब्बी, जो यरदन के उस पार तेरे साथ था और जिसकी साक्षी तूने दी है, देख, वह बपतिस्मा दे रहा है और सब लोग उसके पास जा रहे हैं।”
तब पतरस ने नीचे उतरकर उन पुरुषों से कहा, “देखो, जिसे तुम ढूँढ़ रहे हो वह मैं ही हूँ। तुम्हारे यहाँ आने का क्या कारण है?”
इसलिए जब मुझे बुलाया गया तो बिना किसी आपत्ति के चला आया। अब मैं पूछता हूँ कि तुमने किस लिए मुझे बुलाया है?”