क्योंकि मैं तुमसे कहता हूँ कि यदि तुम्हारी धार्मिकता शास्त्रियों और फरीसियों की धार्मिकता से बढ़कर न हो, तो तुम स्वर्ग के राज्य में कभी प्रवेश नहीं कर पाओगे।
याकूब 2:14 - नवीन हिंदी बाइबल हे मेरे भाइयो, यदि कोई कहे कि उसे विश्वास है, परंतु कार्य न करे तो इससे क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास उसका उद्धार कर सकता है? पवित्र बाइबल हे मेरे भाईयों, यदि कोई व्यक्ति कहता है कि वह विश्वासी है तो इसका क्या लाभ जब तक कि उसके कर्म विश्वास के अनुकूल न हों? ऐसा विश्वास क्या उसका उद्धार कर सकता है? Hindi Holy Bible हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मेरे भाइयो और बहिनो! यदि कोई यह कहता है कि मैं विश्वास करता हूँ, किन्तु उसके अनुसार आचरण नहीं करता, तो इस से क्या लाभ? क्या विश्वास ही उसका उद्धार कर सकता है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे मेरे भाइयो, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो इससे क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है? सरल हिन्दी बाइबल प्रिय भाई बहनो, क्या लाभ है यदि कोई यह दावा करे कि उसे विश्वास है किंतु उसका स्वभाव इसके अनुसार नहीं? क्या ऐसा विश्वास उसे उद्धार प्रदान करेगा? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उससे क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है? |
क्योंकि मैं तुमसे कहता हूँ कि यदि तुम्हारी धार्मिकता शास्त्रियों और फरीसियों की धार्मिकता से बढ़कर न हो, तो तुम स्वर्ग के राज्य में कभी प्रवेश नहीं कर पाओगे।
उसने उन्हें उत्तर दिया, “जिसके पास दो कुरते हों वह उसके साथ बाँट ले जिसके पास नहीं है, और जिसके पास भोजन हो वह भी ऐसा ही करे।”
परंतु जो सुनकर पालन नहीं करता, वह उस मनुष्य के समान है जिसने भूमि पर बिना नींव के घर बनाया; जब जल की धारा उस घर से टकराई, तो वह तुरंत गिर पड़ा, और पूरी तरह से नाश हो गया।”
स्वयं उस शमौन ने भी विश्वास किया, और बपतिस्मा लेकर फिलिप्पुस के साथ रहने लगा; वह चिह्नों और सामर्थ्य के बड़े-बड़े कार्यों को होते देखकर चकित होता था।
इस बात में तेरा न कोई भाग है और न हिस्सा, क्योंकि परमेश्वर के सामने तेरा मन सीधा नहीं।
यदि तू व्यवस्था का पालन करता है तो वास्तव में ख़तने से लाभ है, परंतु यदि तू व्यवस्था का उल्लंघन करता है तो तेरा ख़तना, ख़तनारहित ठहरा।
और तुम्हारा उद्धार भी उसी के द्वारा होता है, यदि तुम सुसमाचार के उस वचन को दृढ़ता से थामे रहो जो मैंने तुम्हें सुनाया था अन्यथा तुमने व्यर्थ में विश्वास किया।
हे भाइयो, तुम स्वतंत्रता के लिए बुलाए गए हो; इस स्वतंत्रता का प्रयोग शरीर को अवसर देने के लिए न करो, बल्कि प्रेम से एक दूसरे की सेवा करो।
मसीह यीशु में न तो ख़तने का कुछ महत्त्व है और न ही बिना ख़तने का, परंतु केवल उस विश्वास का जो प्रेम के द्वारा कार्य करता है।
और अपने परमेश्वर और पिता के सामने तुम्हारे विश्वास के कार्य, प्रेम के परिश्रम और अपने प्रभु यीशु मसीह में आशा की दृढ़ता को निरंतर स्मरण करते हैं।
परंतु हमारे इस निर्देश का लक्ष्य वह प्रेम है जो शुद्ध मन और खरे विवेक और निष्कपट विश्वास से उत्पन्न होता है,
क्योंकि शारीरिक व्यायाम से थोड़ा ही लाभ होता है, परंतु भक्ति सब बातों में लाभदायक है, और इसमें वर्तमान और आने वाले जीवन की प्रतिज्ञा पाई जाती है।
वे परमेश्वर को जानने का दावा तो करते हैं परंतु अपने कार्यों से उसका इनकार करते हैं। वे घृणित, आज्ञा न माननेवाले और किसी भले कार्य के योग्य नहीं हैं।
यह बात सच है, और मैं चाहता हूँ कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले ताकि जिन्होंने परमेश्वर पर विश्वास किया है, वे भले कार्य करने पर मन लगाएँ। ये बातें मनुष्यों के लिए उत्तम और लाभदायक हैं।
विश्वास ही से अब्राहम ने परखे जाने के समय इसहाक को बलि चढ़ाया। जिसे प्रतिज्ञाएँ मिली थीं वही अपने एकलौते पुत्र को बलि चढ़ाने लगा,
तुम भिन्न-भिन्न प्रकार की विचित्र शिक्षाओं के द्वारा भरमाए न जाओ; क्योंकि मन का अनुग्रह से दृढ़ रहना भला है, न कि उन भोजन संबंधी नियमों से जिनका पालन करनेवाले लोगों को कुछ लाभ नहीं हुआ।
और तुममें से कोई उनसे कहे, “कुशल से जाओ, गर्म और तृप्त रहो,” परंतु तुम उन्हें वे वस्तुएँ न दो जो उनकी देह के लिए आवश्यक हैं, तो इससे क्या लाभ?
परंतु कोई कह सकता है, “तेरे पास विश्वास है और मेरे पास कार्य हैं।” तू मुझे अपना विश्वास बिना कार्यों के तो दिखा, और मैं तुझे अपना विश्वास अपने कार्यों के द्वारा दिखाऊँगा।
अतः जिस प्रकार देह आत्मा के बिना मरी हुई है, उसी प्रकार विश्वास भी कार्यों के बिना मरा हुआ है।