जैसे पिता अपने बच्चों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा उन पर दया करता है जो उसका भय मानते हैं।
मरकुस 8:2 - नवीन हिंदी बाइबल “मुझे इस भीड़ पर तरस आता है क्योंकि ये लोग तीन दिन से मेरे साथ हैं और उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है। पवित्र बाइबल “मुझे इन लोगों पर तरस आ रहा है क्योंकि इन लोगों को मेरे साथ तीन दिन हो चुके हैं और उनके पास खाने को कुछ नहीं है। Hindi Holy Bible मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि यह तीन दिन से बराबर मेरे साथ हैं, और उन के पास कुछ भी खाने को नहीं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “मुझे इन लोगों पर तरस आता है। ये तीन दिनों से मेरे साथ रह रहे हैं और इनके पास खाने को कुछ भी नहीं है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि यह तीन दिन से बराबर मेरे साथ है, और उनके पास कुछ भी खाने को नहीं। सरल हिन्दी बाइबल “इनके लिए मेरे हृदय में करुणा उमड़ रही है, क्योंकि ये सब तीन दिन से लगातार मेरे साथ हैं. इनके पास अब कुछ भी भोजन सामग्री नहीं है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि यह तीन दिन से बराबर मेरे साथ हैं, और उनके पास कुछ भी खाने को नहीं। |
जैसे पिता अपने बच्चों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा उन पर दया करता है जो उसका भय मानते हैं।
जब यीशु नाव से उतरा तो उसने एक बड़ी भीड़ को देखा और उसे लोगों पर तरस आया, और उसने उनके बीमारों को स्वस्थ किया।
जब यीशु ने भीड़ को देखा तो उसे लोगों पर तरस आया क्योंकि वे बिना चरवाहे की भेड़ों के समान व्याकुल और भटके हुए थे।
यीशु ने उस पर तरस खाकर अपना हाथ बढ़ाया, उसे छुआ और उससे कहा,“मैं चाहता हूँ; शुद्ध हो जा!”
परंतु यीशु ने उसे आने न दिया बल्कि उससे कहा,“तू अपने लोगों के पास अपने घर जा और उन्हें बता कि प्रभु ने तेरे लिए कैसे बड़े कार्य किए हैं और तुझ पर कैसी दया की।”
नाव से उतरकर जब यीशु ने एक बड़ी भीड़ को देखा तो उसे उन पर तरस आया क्योंकि वे बिना चरवाहे की भेड़ों के समान थे, और वह उन्हें बहुत सी बातें सिखाने लगा।
यदि मैं उन्हें भूखा घर भेज दूँ तो वे मार्ग में ही मूर्च्छित हो जाएँगे; इनमें से कुछ लोग तो बहुत दूर से आए हैं।”
और उसने इसे नाश करने के लिए कभी आग में गिराया तो कभी पानी में। परंतु यदि तू कुछ कर सकता है तो हम पर तरस खाकर हमारी सहायता कर।”
“तब वह उठकर अपने पिता के पास जाने को चल पड़ा। अभी वह दूर ही था कि उसके पिता ने उसे देखा और उस पर तरस खाया तथा दौड़कर उसे गले लगा लिया और उसको बहुत चूमा।
इस कारण यह आवश्यक था कि वह सब बातों में अपने भाइयों के समान बने, जिससे वह परमेश्वर से संबंधित बातों में दयालु और विश्वासयोग्य महायाजक बनकर लोगों के पापों का प्रायश्चित्त करे।
क्योंकि हमारा महायाजक ऐसा नहीं है जो हमारी निर्बलताओं में हमसे सहानुभूति न रख सके। वह सब बातों में हमारे समान परखा तो गया, फिर भी निष्पाप निकला।
वह अज्ञानियों और भटके हुओं के साथ कोमलता से व्यवहार कर सकता है, क्योंकि वह स्वयं भी निर्बलता से घिरा रहता है।