मैंने बड़ी सभा में धार्मिकता का शुभ-संदेश सुनाया है, हे यहोवा, तू तो जानता है कि मैंने अपने मुँह को बंद नहीं रखा।
मरकुस 2:2 - नवीन हिंदी बाइबल फिर इतने लोग इकट्ठे हो गए कि द्वार पर भी कोई स्थान नहीं रहा और वह उन्हें वचन सुना रहा था। पवित्र बाइबल फिर वहाँ इतने लोग इकट्ठे हुए कि दरवाजे के बाहर भी तिल धरने तक को जगह न बची। जब यीशु लोगों को उपदेश दे रहा था Hindi Holy Bible फिर इतने लोग इकट्ठे हुए, कि द्वार के पास भी जगह नहीं मिली; और वह उन्हें वचन सुना रहा था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और इतने लोग इकट्ठे हो गये कि द्वार के सामने भी जगह नहीं रही। येशु उन्हें शुभ संदेश सुना ही रहे थे कि पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर इतने लोग इकट्ठा हुए कि द्वार के पास भी जगह नहीं थी; और वह उन्हें वचन सुना रहा था। सरल हिन्दी बाइबल वहां इतनी विशाल भीड़ इकट्ठी हो गई कि कहीं कोई स्थान शेष न रहा—यहां तक कि द्वार के सामने भी नहीं और मसीह येशु पवित्र शास्त्र की शिक्षा दे रहे थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर इतने लोग इकट्ठे हुए, कि द्वार के पास भी जगह नहीं मिली; और वह उन्हें वचन सुना रहा था। |
मैंने बड़ी सभा में धार्मिकता का शुभ-संदेश सुनाया है, हे यहोवा, तू तो जानता है कि मैंने अपने मुँह को बंद नहीं रखा।
यूहन्ना के बंदी बना लिए जाने के बाद, यीशु परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार प्रचार करता हुआ गलील में आया
परंतु बाहर जाकर वह इस बात का इतना अधिक प्रचार करने और फैलाने लगा कि यीशु नगर में खुलेआम प्रवेश नहीं कर सका और बाहर निर्जन स्थानों पर रहा; फिर भी लोग चारों ओर से उसके पास आते रहे।
नाव से उतरकर जब यीशु ने एक बड़ी भीड़ को देखा तो उसे उन पर तरस आया क्योंकि वे बिना चरवाहे की भेड़ों के समान थे, और वह उन्हें बहुत सी बातें सिखाने लगा।
उस समय जब वहाँ हज़ारों लोग इकट्ठे हो गए, यहाँ तक कि वे एक दूसरे पर गिरे जा रहे थे, तो यीशु ने पहले अपने शिष्यों से कहना आरंभ किया :“फरीसियों के ख़मीर, अर्थात् पाखंड से अपने आपको बचाए रखो।
फिर एक दिन ऐसा हुआ कि यीशु उपदेश दे रहा था, और फरीसी तथा व्यवस्था के शिक्षक जो गलील और यहूदिया के प्रत्येक गाँव और यरूशलेम से आए थे, वहाँ बैठे थे; और स्वस्थ करने के लिए प्रभु का सामर्थ्य उसमें था।
इसके बाद ऐसा हुआ कि यीशु नगर-नगर और गाँव-गाँव में परमेश्वर के राज्य का प्रचार करता और सुसमाचार सुनाता फिरा; और उसके साथ वे बारह,
स्तिफनुस पर हुए क्लेश के कारण जो लोग तितर-बितर हुए थे, वे फीनीके और साइप्रस और अंताकिया तक पहुँचे; परंतु वे यहूदियों को छोड़ किसी और को वचन नहीं सुनाते थे।
वे फ्रूगिया और गलातिया के क्षेत्र से होकर गए, क्योंकि पवित्र आत्मा ने उन्हें आसिया में वचन सुनाने से मना किया था।
अतः जब वे साक्षी देकर प्रभु का वचन सुना चुके तो यरूशलेम को लौट पड़े, और सामरिया के बहुत से गाँवों में सुसमाचार सुनाते गए।
परंतु वह क्या कहती है? वचन तेरे निकट है, वह तेरे मुँह में और तेरे मन में है, यह विश्वास का वचन है जिसका हम प्रचार करते हैं।
वचन का प्रचार कर, समय-असमय तैयार रह, बड़े धैर्य से शिक्षा देते हुए समझा, डाँट और प्रोत्साहित कर।