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मरकुस 12:28 - नवीन हिंदी बाइबल

शास्‍त्रियों में से एक ने वहाँ आकर उनको विवाद करते हुए सुना और यह जानकर कि यीशु ने उन्हें अच्छी रीति से उत्तर दिया है, उससे पूछा, “सब से प्रमुख आज्ञा कौन सी है?”

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पवित्र बाइबल

फिर एक यहूदी धर्मशास्त्री आया और उसने उन्हें वाद-विवाद करते सुना। यह देख कर कि यीशु ने उन्हें किस अच्छे ढंग से उत्तर दिया है, उसने यीशु से पूछा, “सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण आदेश कौन सा है?”

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Hindi Holy Bible

और शास्त्रियों में से एक ने आकर उन्हें विवाद करते सुना, और यह जानकर कि उस ने उन्हें अच्छी रीति से उत्तर दिया; उस से पूछा, सब से मुख्य आज्ञा कौन सी है?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

एक शास्‍त्री यह शास्‍त्रार्थ सुन रहा था। उसने देखा कि येशु ने सदूकियों को ठीक उत्तर दिया। वह आगे बढ़ा और उसने येशु से पूछा, “सब से पहली आज्ञा कौन-सी है?”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

शास्त्रियों में से एक ने आकर उन्हें विवाद करते सुना, और यह जानकर कि उसने उन्हें अच्छी रीति से उत्तर दिया, उससे पूछा, “सबसे मुख्य आज्ञा कौन सी है?”

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सरल हिन्दी बाइबल

उसी समय एक शास्त्री वहां से जा रहा था. उसने उनका वार्तालाप सुन लिया. यह देख कि मसीह येशु ने उन्हें सटीक उत्तर दिया है, उसने मसीह येशु से पूछा, “सबसे बड़ी आज्ञा कौन सी है?”

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और शास्त्रियों में से एक ने आकर उन्हें विवाद करते सुना, और यह जानकर कि उसने उन्हें अच्छी रीति से उत्तर दिया, उससे पूछा, “सबसे मुख्य आज्ञा कौन सी है?”

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मरकुस 12:28
8 क्रॉस रेफरेंस  

उसने उससे कहा, “कौन सी?” यीशु ने कहा,“यह कि तू हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना,


“हे पाखंडी शास्‍त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! क्योंकि तुम पुदीने, सौंफ और जीरे का दशमांश देते हो, परंतु न्याय, दया और विश्‍वास जैसी व्यवस्था की गंभीर बातों को छोड़ देते हो; चाहिए था कि इन्हें करते और उन्हें भी न छोड़ते।


इसलिए जो कोई इन छोटी से छोटी आज्ञाओं में से किसी एक को तोड़ेगा और वैसा ही मनुष्यों को सिखाएगा, वह स्वर्ग के राज्य में सब से छोटा कहलाएगा; परंतु जो कोई उनका पालन करेगा और उन्हें सिखाएगा, वही स्वर्ग के राज्य में बड़ा कहलाएगा।


जब वे शिष्यों के पास आए तो देखा कि उनके चारों ओर एक बड़ी भीड़ लगी है और शास्‍त्री उनके साथ विवाद कर रहे हैं।


“परंतु हे फरीसियो, तुम पर हाय! क्योंकि तुम पुदीने, सिताब और हर प्रकार के साग-पात का दशमांश तो देते हो, परंतु परमेश्‍वर के न्याय और प्रेम की उपेक्षा करते हो; चाहिए था कि इन्हें करते और उनमें भी कमी न आने देते।


इस पर कुछ शास्‍त्रियों ने कहा, “हे गुरु, तूने ठीक कहा।”