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मरकुस 11:25 - नवीन हिंदी बाइबल

जब कभी तुम प्रार्थना के लिए खड़े होते हो, तो यदि तुम्हारे मन में किसी के विरुद्ध कुछ है तो उसे क्षमा करो जिससे कि तुम्हारा पिता भी जो स्वर्ग में है तुम्हारे अपराध क्षमा करे।

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पवित्र बाइबल

और जब कभी तुम प्रार्थना करते खड़े होते हो तो यदि तुम्हें किसी से कोई शिकायत है तो उसे क्षमा कर दो ताकि स्वर्ग में स्थित तुम्हारा परम पिता तुम्हारे पापों के लिए तुम्हें भी क्षमा कर दे।”

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Hindi Holy Bible

और जब कभी तुम खड़े हुए प्रार्थना करते हो, तो यदि तुम्हारे मन में किसी की ओर से कुछ विरोध, हो तो क्षमा करो: इसलिये कि तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा करे॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

“जब तुम प्रार्थना के लिए खड़े हो और तुम्‍हें किसी से कोई शिकायत हो, तो उसे क्षमा कर दो, जिससे तुम्‍हारा स्‍वर्गिक पिता भी तुम्‍हारे अपराध क्षमा कर दे।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और जब कभी तुम खड़े हुए प्रार्थना करते हो तो यदि तुम्हारे मन में किसी के प्रति कुछ विरोध हो, तो क्षमा करो : इसलिये कि तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा करे।

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सरल हिन्दी बाइबल

इसी प्रकार, जब तुम प्रार्थना करो और तुम्हारे हृदय में किसी के विरुद्ध कुछ हो, उसे क्षमा कर दो, जिससे तुम्हारे स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे पाप क्षमा कर दें. [

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और जब कभी तुम खड़े हुए प्रार्थना करते हो, तो यदि तुम्हारे मन में किसी की ओर से कुछ विरोध हो, तो क्षमा करो: इसलिए कि तुम्हारा स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे अपराध क्षमा करे।

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मरकुस 11:25
13 क्रॉस रेफरेंस  

इसलिए यदि तू अपनी भेंट वेदी पर लाए, और वहाँ तुझे स्मरण आए कि मेरे भाई के मन में मेरे विरुद्ध कुछ है,


और जिस प्रकार हमने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर।


“जब तुम प्रार्थना करो तो पाखंडियों के समान न होना; क्योंकि उन्हें आराधनालयों में और सड़क के कोनों पर खड़े होकर प्रार्थना करना प्रिय लगता है, ताकि लोग उन्हें देखें; मैं तुमसे सच कहता हूँ, वे अपना प्रतिफल पा चुके।


वह फरीसी खड़ा होकर अपने मन में इस प्रकार प्रार्थना करने लगा, ‘हे परमेश्‍वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि मैं अन्य मनुष्यों के समान लुटेरा, अधर्मी और व्यभिचारी नहीं हूँ, और न ही इस कर वसूलनेवाले के समान हूँ।


“परंतु कर वसूलनेवाले ने दूर खड़े होकर अपनी आँखें स्वर्ग की ओर उठाना भी नहीं चाहा, बल्कि अपनी छाती पीट-पीटकर कहने लगा, ‘हे परमेश्‍वर, मुझ पापी पर दया कर।’


“दोष मत लगाओ, और तुम पर भी दोष नहीं लगाया जाएगा; किसी को दोषी मत ठहराओ, और तुम भी दोषी नहीं ठहराए जाओगे। क्षमा करो, तो तुम भी क्षमा किए जाओगे;


एक दूसरे के प्रति कृपालु और दयालु बनो, और जैसे परमेश्‍वर ने मसीह में तुम्हें क्षमा किया है, वैसे तुम भी एक दूसरे को क्षमा करो।


यदि किसी को किसी के विरुद्ध कोई शिकायत है तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे को क्षमा करो। जैसे प्रभु ने तुम्हें क्षमा किया, वैसे तुम भी करो;


क्योंकि जिसने दया नहीं की उसका न्याय भी बिना दया के होगा : दया न्याय पर विजयी होती है।


ये जैतून के वही दो वृक्ष और दो दीवट हैं जो पृथ्वी के प्रभु के सामने खड़े रहते हैं।