मार्ग में अंजीर का एक पेड़ देखकर वह उसके पास गया, और उसमें पत्तियों को छोड़ उसे और कुछ न मिला, तब उसने उस पेड़ से कहा,“अब से तुझमें कभी फल न लगे।” और वह अंजीर का पेड़ तुरंत सूख गया।
मरकुस 11:14 - नवीन हिंदी बाइबल तब उसने पेड़ से कहा,“अब से कोई तेरा फल कभी न खाए।” और उसके शिष्य यह सुन रहे थे। पवित्र बाइबल तब उसने पेड़ से कहा, “अब आगे से कभी कोई तेरा फल न खाये।” उसके शिष्यों ने यह सुना। Hindi Holy Bible इस पर उस ने उस से कहा अब से कोई तेरा फल कभी न खाए। और उसके चेले सुन रहे थे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु ने पेड़ से कहा, “अब से तेरे फल कोई कभी न खाये।” उनके शिष्यों ने उन्हें यह कहते सुना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इस पर उसने उससे कहा, “अब से कोई तेरा फल कभी न खाए!” और उसके चेले सुन रहे थे। सरल हिन्दी बाइबल उस पेड़ से मसीह येशु ने कहा, “अब तुझसे कभी भी कोई फल न खाए!” शिष्य यह सुन रहे थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस पर उसने उससे कहा, “अब से कोई तेरा फल कभी न खाए।” और उसके चेले सुन रहे थे। |
मार्ग में अंजीर का एक पेड़ देखकर वह उसके पास गया, और उसमें पत्तियों को छोड़ उसे और कुछ न मिला, तब उसने उस पेड़ से कहा,“अब से तुझमें कभी फल न लगे।” और वह अंजीर का पेड़ तुरंत सूख गया।
“एक और दृष्टांत सुनो : एक घर का स्वामी था जिसने अंगूर का बगीचा लगाया, और उसके चारों ओर बाड़ा बनाया; उसने उसमें रसकुंड खोदा और बुर्ज बनाया, फिर उसे किसानों को ठेके पर देकर यात्रा पर चला गया।
अब कुल्हाड़ा पेड़ों की जड़ पर रखा है, और प्रत्येक पेड़ जो अच्छा फल नहीं लाता, वह काटा और आग में झोंक दिया जाता है।
वह पत्तियों से भरे अंजीर के पेड़ को दूर से देखकर उसके पास गया कि कहीं उस पर कुछ मिल जाए। जब वह उसके पास पहुँचा तो उसे पत्तियों को छोड़ और कुछ न मिला; क्योंकि यह अंजीर के फल का समय नहीं था।
फिर वे यरूशलेम में आए, और यीशु मंदिर-परिसर में जाकर वहाँ लेन-देन करनेवालों को बाहर निकालने लगा, तथा सर्राफों की चौकियाँ और कबूतर बेचनेवालों के आसन उलट दिए,
यदि कोई मुझमें बना न रहे, तो वह डाली के समान बाहर फेंक दिया जाता है और सूख जाता है, फिर लोग उन्हें इकट्ठा करके आग में झोंक देते हैं और वे जल जाती हैं।
यदि वे हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के ज्ञान के द्वारा इस संसार की अशुद्धताओं से बच निकलने के बाद फिर से उनमें फँसकर हार जाते हैं, तो उनकी दशा पहले से भी बुरी हो जाती है।
जो अन्याय करता है वह अन्याय करता रहे, और जो अपवित्र है वह अपवित्र ही बना रहे; और जो धर्मी है वह धार्मिकता के कार्य करता रहे, और जो पवित्र है वह पवित्र ही बना रहे।”