मनुष्य का पुत्र खाता-पीता आया, और लोग कहते हैं, ‘देखो, पेटू और पियक्कड़ मनुष्य, कर वसूलनेवालों और पापियों का मित्र।’ परंतु बुद्धि अपने कार्योंके द्वारा सच्ची ठहरती है।”
मत्ती 9:11 - नवीन हिंदी बाइबल यह देखकर फरीसी उसके शिष्यों से कहने लगे, “तुम्हारा गुरु कर वसूलनेवालों और पापियों के साथ क्यों भोजन करता है?” पवित्र बाइबल तो उसे फरीसियों ने देखा। वे यीशु के अनुयायियों से पूछने लगे, “तुम्हारा गुरु चुंगी वसूलने वालों और दुष्टों के साथ खाना क्यों खा रहा है?” Hindi Holy Bible यह देखकर फरीसियों ने उसके चेलों से कहा; तुम्हारा गुरू महसूल लेने वालों और पापियों के साथ क्यों खाता है? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यह देख कर फरीसियों ने उनके शिष्यों से कहा, “तुम्हारे गुरु चुंगी-अधिकारियों और पापियों के साथ क्यों भोजन कर रहे हैं?” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यह देखकर फरीसियों ने उसके चेलों से कहा, “तुम्हारा गुरु महसूल लेनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाता है?” सरल हिन्दी बाइबल यह देख फ़रीसियों ने आपत्ति उठाते हुए येशु के शिष्यों से कहा, “तुम्हारे गुरु चुंगी लेनेवाले और अपराधी व्यक्तियों के साथ भोजन क्यों करते हैं?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह देखकर फरीसियों ने उसके चेलों से कहा, “तुम्हारा गुरु चुंगी लेनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाता है?” |
मनुष्य का पुत्र खाता-पीता आया, और लोग कहते हैं, ‘देखो, पेटू और पियक्कड़ मनुष्य, कर वसूलनेवालों और पापियों का मित्र।’ परंतु बुद्धि अपने कार्योंके द्वारा सच्ची ठहरती है।”
क्योंकि यदि तुम उन्हीं से प्रेम रखो जो तुमसे प्रेम रखते हैं, तो तुम्हारा क्या प्रतिफल होगा? क्या कर वसूलनेवाले भी ऐसा नहीं करते?
फिर ऐसा हुआ कि जब यीशु घर में भोजन करने बैठा, तो देखो, बहुत से कर वसूलनेवाले और पापी आकर यीशु और उसके शिष्यों के साथ भोजन करने लगे।
जब उन फरीसियों ने जो शास्त्री थे देखा कि वह पापियों और कर वसूलनेवालों के साथ भोजन कर रहा है तो उसके शिष्यों से कहने लगे, “वह कर वसूलनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाता-पीता है?”
परंतु यह देखकर सब लोग बुड़बुड़ाते हुए कहने लगे, “वह तो एक पापी मनुष्य के यहाँ ठहरने गया है।”
तब फरीसी और उनके शास्त्री उसके शिष्यों पर कुड़कुड़ाते हुए कहने लगे, “तुम कर वसूलनेवालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो?”
वह अज्ञानियों और भटके हुओं के साथ कोमलता से व्यवहार कर सकता है, क्योंकि वह स्वयं भी निर्बलता से घिरा रहता है।
यदि कोई तुम्हारे पास आए और यह शिक्षा न दे, तो उसे न अपने घर में आने दो और न उसे नमस्कार करो;