उसकी चर्चा सारे सीरिया में फैल गई; तब वे सब बीमारों को जो भिन्न-भिन्न प्रकार की बीमारियों और दुःखों से जकड़े हुए थे, और दुष्टात्माग्रस्त लोगों, तथा मिर्गी और लकवे के रोगियों को उसके पास लाए, और उसने उन्हें स्वस्थ कर दिया।
मत्ती 8:6 - नवीन हिंदी बाइबल “प्रभु, मेरा सेवक लकवे का मारा घर में पड़ा है और अत्यंत कष्ट में है।” पवित्र बाइबल “प्रभु, मेरा एक दास घर में बीमार पड़ा है। उसे लकवा मार दिया है। उसे बहुत पीड़ा हो रही है।” Hindi Holy Bible कि हे प्रभु, मेरा सेवक घर में झोले का मारा बहुत दुखी पड़ा है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “प्रभु! मेरा सेवक घर में पड़ा हुआ है। उसे लकुवा हो गया है और वह घोर पीड़ा सह रहा है।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “हे प्रभु, मेरा सेवक घर में लकवा रोग से बहुत दु:खी पड़ा है।” सरल हिन्दी बाइबल “प्रभु, घर पर मेरा सेवक लकवा रोग से पीड़ित है और वह घोर पीड़ा में है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “हे प्रभु, मेरा सेवक घर में लकवे का मारा बहुत दुःखी पड़ा है।” |
उसकी चर्चा सारे सीरिया में फैल गई; तब वे सब बीमारों को जो भिन्न-भिन्न प्रकार की बीमारियों और दुःखों से जकड़े हुए थे, और दुष्टात्माग्रस्त लोगों, तथा मिर्गी और लकवे के रोगियों को उसके पास लाए, और उसने उन्हें स्वस्थ कर दिया।
और देखो, कुछ लोग एक लकवे के रोगी को खाट पर लिटाकर उसके पास लाए। तब यीशु ने उनके विश्वास को देखकर उस लकवे के रोगी से कहा,“पुत्र, साहस रख; तेरे पाप क्षमा हुए।”
जब वह स्वर्गदूत जिसने उससे बातें की थीं चला गया, तो उसने अपने दो सेवकों और निरंतर अपने पास रहनेवालों में से एक भक्त सैनिक को बुलाया,
क्योंकि बहुतों में से अशुद्ध आत्माएँ ऊँची आवाज़ से चिल्लाती हुई निकल रही थीं, और बहुत से लकवे के रोगी और लंगड़े अच्छे किए जा रहे थे।
वहाँ उसे एनियास नामक एक मनुष्य मिला जो लकवे का रोगी था और आठ वर्षों से बिस्तर पर पड़ा था।
जिसमें न कोई यूनानी है और न यहूदी, न ख़तनावाला और न ख़तनारहित, न बर्बर, न असभ्य, न दास और न स्वतंत्र, परंतु मसीह सब कुछ और सब में है।
हे स्वामियो, अपने दासों से न्यायसंगत और उचित व्यवहार करो, क्योंकि तुम जानते हो कि स्वर्ग में तुम्हारा भी एक स्वामी है।
जिन दासों के स्वामी विश्वासी हैं, उनका वे भाई होने के कारण अनादर न करें, बल्कि उनकी और भी सेवा करें; क्योंकि उनकी सेवाओं से जिन्हें लाभ मिलता है वे विश्वासी और प्रिय जन हैं। इन बातों को सिखाता और समझाता रह।
एक दास के समान नहीं बल्कि दास से बढ़कर एक प्रिय भाई के रूप में, जो मेरे लिए तो अत्यंत प्रिय है, फिर तेरे लिए वह शरीर और प्रभु दोनों में और कितना अधिक होगा।