तब यहोवा ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य की दुष्टता बढ़ गई है, और उसके मन का प्रत्येक विचार निरंतर बुरा ही होता है।
मत्ती 7:11 - नवीन हिंदी बाइबल इसलिए, यदि तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो तुम्हारा पिता जो स्वर्ग में है, उससे भी बढ़कर अपने माँगनेवालों को अच्छी वस्तुएँ क्यों न देगा? पवित्र बाइबल इसलिये यदि चाहे तुम बुरे ही क्यों न हो, जानते हो कि अपने बच्चों को अच्छे उपहार कैसे दिये जाते हैं। सो निश्चय ही स्वर्ग में स्थित तुम्हारा परम-पिता माँगने वालों को अच्छी वस्तुएँ देगा। Hindi Holy Bible सो जब तुम बुरे होकर, अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएं देना जानते हो, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता अपने मांगने वालों को अच्छी वस्तुएं क्यों न देगा? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) बुरे होने पर भी यदि तुम अपने बच्चों को सहज ही अच्छी वस्तुएँ देते हो, तो तुम्हारा स्वर्गिक पिता अपने माँगने वालों को अच्छी वस्तुएँ क्यों नहीं देगा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: जब तुम बुरे होकर, अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता अपने माँगनेवालों को अच्छी वस्तुएँ क्यों न देगा? सरल हिन्दी बाइबल जब तुम दुष्ट होने पर भी अपनी संतान को उत्तम वस्तुएं प्रदान करना जानते हो तो तुम्हारे स्वर्गीय पिता उन्हें, जो उनसे विनती करते हैं, कहीं अधिक बढ़कर वह प्रदान न करेंगे, जो उत्तम है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अतः जब तुम बुरे होकर, अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो तुम्हारा स्वर्गीय पिता अपने माँगनेवालों को अच्छी वस्तुएँ क्यों न देगा? (लूका 11:13) |
तब यहोवा ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य की दुष्टता बढ़ गई है, और उसके मन का प्रत्येक विचार निरंतर बुरा ही होता है।
तब यहोवा ने मनमोहक सुगंध पाकर अपने मन में कहा, “मैं फिर कभी मनुष्य के कारण भूमि को शाप न दूँगा, यद्यपि मनुष्य के मन में बचपन से जो कुछ उत्पन्न होता है वह बुरा ही है। जैसा मैंने प्रत्येक प्राणी को अब नाश किया है, वैसा फिर कभी न करूँगा।
क्योंकि यहोवा परमेश्वर सूर्य और ढाल है। यहोवा कृपा करता और सम्मान देता है; और जो खरी चाल चलते हैं, उनसे वह कोई अच्छी वस्तु नहीं रख छोड़ता।
परंतु हे प्रभु, तू दयालु और अनुग्रहकारी परमेश्वर है। तू क्रोध करने में धीमा तथा करुणा और सच्चाई से परिपूर्ण है।
हे प्रभु, तू भला और क्षमा करनेवाला है, और जितने तुझे पुकारते हैं उन सब के लिए तू अति करुणामय है।
तुम पृथ्वी पर किसी को अपना पितान कहना, क्योंकि तुम्हारा एक ही पिता है, जो स्वर्ग में है।
“क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश न हो, परंतु अनंत जीवन पाए।
अब हम जानते हैं कि व्यवस्था जो भी कहती है उन्हीं से कहती है जो व्यवस्था के अधीन हैं, ताकि प्रत्येक मुँह बंद किया जाए और सारा संसार परमेश्वर को लेखा देनेवाला ठहरे;
तो क्या हुआ? क्या हम दूसरों से अच्छे हैं? बिलकुल नहीं! हम पहले ही दोष लगा चुके हैं कि चाहे यहूदी हों या यूनानी, सब पाप के अधीन हैं।
जिसने अपने पुत्र को भी न रख छोड़ा, बल्कि उसे हम सब के लिए दे दिया, तो वह उसके साथ हमें सब कुछ उदारता से क्यों न देगा?
परंतु पवित्रशास्त्र ने सब को पाप के अधीन कर दिया ताकि वह प्रतिज्ञा जो यीशु मसीह पर विश्वास करने के द्वारा है, विश्वास करनेवालों को दी जाए।
प्रत्येक भला दान और प्रत्येक उत्तम वरदान ऊपर से उस ज्योतियों के पिता की ओर से आता है जिसमें न तो कोई परिवर्तन होता है और न ही वह ऐसी छाया है जो बदलती रहती है।
देखो, पिता ने हमसे कैसा प्रेम किया है कि हम परमेश्वर की संतान कहलाएँ, और हम हैं भी। इस कारण संसार हमें नहीं जानता क्योंकि संसार ने उसे भी नहीं जाना।
प्रेम इसमें नहीं कि हमने परमेश्वर से प्रेम रखा, बल्कि इसमें है कि परमेश्वर ने हमसे प्रेम रखा और अपने पुत्र को हमारे पापों के प्रायश्चित्त के लिए भेजा।