जब कोई व्यक्ति राज्य का वचन सुनता है और उसे नहीं समझता, तो दुष्ट आकर जो कुछ उसके मन में बोया गया था उसे छीन ले जाता है। यह वही बीज है जिसे मार्ग के किनारे बोया गया था।
मत्ती 5:37 - नवीन हिंदी बाइबल परंतु तुम्हारी बात ‘हाँ’ की ‘हाँ’ या ‘न’ की ‘न’ हो; और इससे अधिक बात उस दुष्ट की ओर से होती है। पवित्र बाइबल यदि तू ‘हाँ’ चाहता है तो केवल ‘हाँ’ कह और ‘ना’ चाहता है तो केवल ‘ना’ क्योंकि इससे अधिक जो कुछ है वह शैतान से है। Hindi Holy Bible परन्तु तुम्हारी बात हां की हां, या नहीं की नहीं हो; क्योंकि जो कुछ इस से अधिक होता है वह बुराई से होता है॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम्हारी बात इतनी हो − हाँ की हाँ, नहीं की नहीं। जो इस से अधिक है, वह बुराई से उत्पन्न हुआ है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु तुम्हारी बात ‘हाँ’ की ‘हाँ,’ या ‘नहीं’ की ‘नहीं’ हो; क्योंकि जो कुछ इस से अधिक होता है वह बुराई से होता है। सरल हिन्दी बाइबल परंतु तुम्हारी बातो में ‘हां’ का मतलब हां और ‘न’ का न हो—जो कुछ इनके अतिरिक्त है, वह उस दुष्ट द्वारा प्रेरित है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु तुम्हारी बात हाँ की हाँ, या नहीं की नहीं हो; क्योंकि जो कुछ इससे अधिक होता है वह बुराई से होता है। |
जब कोई व्यक्ति राज्य का वचन सुनता है और उसे नहीं समझता, तो दुष्ट आकर जो कुछ उसके मन में बोया गया था उसे छीन ले जाता है। यह वही बीज है जिसे मार्ग के किनारे बोया गया था।
क्योंकि मन से बुरे बुरे विचार, हत्या, परस्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निंदा निकलती हैं।
हमें परीक्षा में न पड़ने दे, बल्कि बुराई से बचा। [क्योंकि राज्य और सामर्थ्य और महिमा सदा तेरे ही हैं। आमीन।]
मैं यह विनती नहीं करता कि तू उन्हें संसार से उठा ले बल्कि यह कि तू उन्हें उस दुष्ट से बचाए रख।
तुम अपने पिता शैतान की ओर से हो और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह आरंभ से ही हत्यारा है और सत्य पर कभी स्थिर नहीं रहा, क्योंकि उसमें सत्य नहीं है। जब वह झूठ बोलता है तो अपने स्वभाव से बोलता है, क्योंकि वह झूठा है और झूठ का पिता है।
इसलिए झूठ को छोड़कर प्रत्येक अपने पड़ोसी से सच बोले क्योंकि हम आपस में एक ही देह के अंग हैं।
और इन सब के साथ विश्वास की ढाल लेकर स्थिर खड़े रहो, जिसके द्वारा तुम दुष्ट के सब जलते हुए तीरों को बुझा सकोगे;
आपस में झूठ मत बोलो, क्योंकि तुमने अपने पुराने मनुष्यत्व को उसके कार्यों के साथ उतार फेंका है
तुम्हारी बातचीत सदा अनुग्रह के साथ और सलोनी हो ताकि तुम जान जाओ कि हर एक को कैसे उत्तर देना चाहिए।
हे मेरे भाइयो, सब से बड़ी बात यह है कि शपथ न खाना, न स्वर्ग की, न पृथ्वी की और न ही किसी अन्य वस्तु की; परंतु तुम्हारी “हाँ” की “हाँ” और “न” की “न” हो, ताकि तुम दंड के योग्य न ठहरो।
पिताओ, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ, क्योंकि तुम उसे जान गए हो जो आदि से है। युवको, मैं तुम्हें इसलिए लिख रहा हूँ, क्योंकि तुमने उस दुष्ट पर जय पाई है।
कैन के समान न हों जो उस दुष्ट से था और जिसने अपने भाई का वध किया। उसने किस लिए उसका वध किया? इसलिए कि उसके कार्य बुरे, और उसके भाई के कार्य धार्मिकता के थे।
हम जानते हैं कि जो कोई परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह पाप में नहीं चलता, बल्कि वह जो परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, उसे बचाए रखता है, और दुष्ट उसे छू नहीं पाता।