जब उस देश के प्रधान हिव्वी हमोर के पुत्र शकेम ने उसे देखा, तो वह उसे पकड़कर ले गया और उसके साथ कुकर्म करके उसे भ्रष्ट कर दिया।
मत्ती 5:28 - नवीन हिंदी बाइबल परंतु मैं तुमसे कहता हूँ कि जो कोई किसी स्त्री को कामुकता से देखता है, वह अपने मन में उससे व्यभिचार कर चुका। पवित्र बाइबल किन्तु मैं तुमसे कहता हूँ कि यदि कोई किसी स्त्री को वासना की आँख से देखता है, तो वह अपने मन में पहले ही उसके साथ व्यभिचार कर चुका है। Hindi Holy Bible परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि जो कोई किसी स्त्री पर कुदृष्टि डाले वह अपने मन में उस से व्यभिचार कर चुका। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परन्तु मैं तुम से कहता हूँ : जो कोई बुरी इच्छा से किसी स्त्री पर दृष्टि डालता है, वह अपने मन में उसके साथ व्यभिचार कर चुका है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु मैं तुम से यह कहता हूँ, कि जो कोई किसी स्त्री पर कुदृष्टि डाले वह अपने मन में उस से व्यभिचार कर चुका। सरल हिन्दी बाइबल किंतु मेरा तुमसे कहना है कि हर एक, जो किसी स्त्री को कामुक दृष्टि से मात्र देख लेता है, वह अपने मन में उसके साथ व्यभिचार कर चुका. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु मैं तुम से यह कहता हूँ, कि जो कोई किसी स्त्री पर कुदृष्टि डाले वह अपने मन में उससे व्यभिचार कर चुका। |
जब उस देश के प्रधान हिव्वी हमोर के पुत्र शकेम ने उसे देखा, तो वह उसे पकड़कर ले गया और उसके साथ कुकर्म करके उसे भ्रष्ट कर दिया।
“तू किसी के घर का लालच न करना; न तो किसी की स्त्री का लालच करना, और न किसी के दास-दासी या बैल-गधे का, न किसी की वस्तु का लालच करना।”
तू अपने पड़ोसी की पत्नी से कुकर्म न करना, कहीं ऐसा न हो कि तू उसके द्वारा अशुद्ध हो जाए।
क्योंकि मन से बुरे बुरे विचार, हत्या, परस्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निंदा निकलती हैं।
परंतु मैं तुमसे कहता हूँ कि प्रत्येक जो अपने भाई परक्रोध करता है वह दंड के योग्य होगा; और जो कोई अपने भाई को ‘निकम्मा’ कहेगा, वह महासभा में दंड के योग्य होगा; और जो कोई ‘मूर्ख’ कहेगा, वह नरक की आग के योग्य ठहरेगा।
परंतु मैं तुमसे कहता हूँ कि दुष्ट का सामना न करना; परंतु जो कोई तेरे दाहिने गाल पर थप्पड़ मारे, उसकी ओर दूसरा भी फेर दे;
हम जानते हैं कि व्यवस्था तो आत्मिक है; परंतु मैं शारीरिक हूँ और पाप के हाथों बिका हुआ हूँ।
उनकी आँखें व्यभिचार से भरी हैं और वे पाप करने से नहीं रुकते। वे अस्थिर मनवालों को फुसला लेते हैं। उनका मन लोभ का आदी हो गया है, और वे शापित संतान हैं।
क्योंकि जो कुछ संसार में है, अर्थात् शरीर की अभिलाषा, आँखों की लालसा और धन-संपत्ति का घमंड, वह सब पिता की ओर से नहीं बल्कि संसार की ओर से है।