जब याकूब के पुत्रों ने यह सुना तो वे बहुत उदास और क्रोधित होकर मैदान से लौट आए; क्योंकि शकेम ने याकूब की बेटी के साथ कुकर्म करके इस्राएल के विरुद्ध अपराध किया था, जो नहीं किया जाना चाहिए था।
भजन संहिता 85:8 - नवीन हिंदी बाइबल मैं सुनूँगा कि परमेश्वर यहोवा क्या कहता है; वह तो अपनी प्रजा से जो उसके भक्त हैं, शांति की बातें कहेगा और उन्हें मूर्खता की ओर लौटने न देगा। पवित्र बाइबल जो परमेश्वर ने कहा, मैंने उस पर कान दिया। यहोवा ने कहा कि उसके भक्तों के लिये वहाँ शांति होगी। यदि वे अपने जीवन की मूर्खता की राह पर नहीं लौटेंगे तो वे शांति को पायेंगे। Hindi Holy Bible मैं कान लगाए रहूंगा, कि ईश्वर यहोवा क्या कहता है, वह तो अपनी प्रजा से जो उसके भक्त है, शान्ति की बातें कहेगा; परन्तु वे फिर के मूर्खता न करने लगें। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मुझे सुनने दो, कि प्रभु परमेश्वर क्या कहता है? वह अपनी प्रजा से, अपने भक्तों से, और उनसे, जो हृदय से उसकी ओर लौटते हैं, शान्तिप्रद वचन बोलेगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं कान लगाए रहूँगा कि परमेश्वर यहोवा क्या कहता है, वह तो अपनी प्रजा से जो उसके भक्त हैं, शान्ति की बातें कहेगा; परन्तु वे फिरके मूर्खता न करने लगें। सरल हिन्दी बाइबल जो कुछ याहवेह परमेश्वर कहेंगे, वह मैं सुनूंगा; उन्होंने अपनी प्रजा, अपने भक्तों के निमित्त शांति की प्रतिज्ञा की है. किंतु उपयुक्त यह होगा कि वे पुनः मूर्खता न करें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं कान लगाए रहूँगा कि परमेश्वर यहोवा क्या कहता है, वह तो अपनी प्रजा से जो उसके भक्त है, शान्ति की बातें कहेगा; परन्तु वे फिरके मूर्खता न करने लगें। |
जब याकूब के पुत्रों ने यह सुना तो वे बहुत उदास और क्रोधित होकर मैदान से लौट आए; क्योंकि शकेम ने याकूब की बेटी के साथ कुकर्म करके इस्राएल के विरुद्ध अपराध किया था, जो नहीं किया जाना चाहिए था।
चाहे तू मूर्ख को ओखली में डालकर अनाज के साथ मूसल से कूटे, फिर भी उसकी मूर्खता उससे दूर नहीं होगी।
“मैं तुम्हारे लिए शांति छोड़े जाता हूँ, अपनी शांति तुम्हें देता हूँ; जैसी संसार देता है, वैसी मैं तुम्हें नहीं देता। तुम्हारा मन व्याकुल न हो और न डरे।
उसी दिन अर्थात् सप्ताह के पहले दिन, संध्या होने पर, उस स्थान पर जहाँ शिष्य यहूदियों के डर से द्वार बंद किए हुए थे, यीशु आकर उनके बीच में खड़ा हो गया और उनसे कहा,“तुम्हें शांति मिले।”
आठ दिन के बाद उसके शिष्य फिर घर के भीतर थे और थोमा उनके साथ था। तब द्वार बंद होने पर भी यीशु आया और उनके बीच में खड़े होकर कहा,“तुम्हें शांति मिले।”
इन बातों के बाद यीशु उससे मंदिर-परिसर में मिला और कहा,“देख, तू ठीक हो गया है। फिर से पाप मत करना, कहीं ऐसा न हो कि तेरे साथ इससे भी बुरा कुछ हो जाए।”
उसने कहा, “किसी ने नहीं, प्रभु।” तब यीशु ने कहा,“मैं भी तुझे दंड नहीं देता। जा और अब से फिर पाप मत करना।”]
जो संदेश परमेश्वर ने यीशु मसीह के द्वारा (जो सब का प्रभु है) शांति का सुसमाचार सुनाते हुए इस्राएल की संतानों के पास भेजा,
परमेश्वर ने अपने सेवक को उठाकर पहले तुम्हारे पास भेजा कि तुममें से हर एक को उसकी बुराइयों से फेरकर आशिष दे।”
परंतु अब तुमने परमेश्वर को जान लिया है, बल्कि यह कहें कि परमेश्वर ने तुम्हें जान लिया है, तो तुम कैसे फिर से उन निर्बल और निरर्थक आरंभिक सिद्धांतों की ओर लौट रहे हो? क्या तुम एक बार फिर उनके दास बनना चाहते हो?
अब शांति का प्रभु स्वयं तुम्हें हर परिस्थिति में निरंतर शांति देता रहे। प्रभु तुम सब के साथ रहे।
परंतु परमेश्वर की पक्की नींव बनी रहती है, जिस पर यह मुहर लगी है : “प्रभु अपने लोगों को जानता है,” और “जो कोई प्रभु का नाम लेता है वह अधर्म से दूर रहे।”
सावधान रहो, कहीं तुम उस कहनेवाले का इनकार न कर दो; क्योंकि यदि वे पृथ्वी पर चेतावनी देनेवाले का इनकार करके नहीं बच सके, तो हम स्वर्ग से चेतावनी देनेवाले से मुँह मोड़कर बिलकुल नहीं बच सकेंगे।
जिनसे मैं प्रीति रखता हूँ, उन्हें मैं झिड़कता और ताड़ना देता हूँ। इसलिए सरगर्म हो जा और पश्चात्ताप कर।