जो व्यर्थ ही मेरे शत्रु हैं उन्हें मुझ पर आनंद करने न दे, और जो अकारण मुझसे घृणा करते हैं उन्हें द्वेष से घूरने न दे।
भजन संहिता 69:4 - नवीन हिंदी बाइबल मुझसे अकारण बैर रखनेवालों की गिनती मेरे सिर के बालों से अधिक है; मेरा विनाश करनेवाले व्यर्थ ही मेरे शत्रु हैं, वे बलशाली हैं, और जो मैंने नहीं लूटा वह भी मुझे देना पड़ता है। पवित्र बाइबल मेरे शत्रु! मेरे सिर के बालों से भी अधिक हैं। वे मुझसे व्यर्थ बैर रखते हैं। वे मेरे विनाश की जुगत बहुत करते हैं। मेरे शत्रु मेरे विषय में झूठी बातें बनातें हैं। उन्होंने मुझको झूठे ही चोर बताया। और उन वस्तुओं की भरपायी करने को मुझे विवश किया, जिनको मैंने चुराया नहीं था। Hindi Holy Bible जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे गिनती में मेरे सिर के बालों से अधिक हैं; मेरे विनाश करने वाले जो व्यर्थ मेरे शत्रु हैं, वे सामर्थी हैं, इसलिये जो मैं ने लूटा नहीं वह भी मुझ को देना पड़ा है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो मुझसे अकारण घृणा करते हैं, वे मेरे सिर के बाल से कहीं अधिक हैं; मुझे नष्ट करनेवाले, मुझपर मिथ्या दोष लगानेवाले बलवान हैं। जो मैंने छीना नहीं, क्या उसे लौटाना होगा? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे गिनती में मेरे सिर के बालों से अधिक हैं; मेरे विनाश करनेवाले जो व्यर्थ मेरे शत्रु हैं, वे सामर्थी हैं, इसलिये जो मैं ने लूटा नहीं वह भी मुझ को देना पड़ा। सरल हिन्दी बाइबल जो अकारण ही मुझसे बैर करते हैं उनकी संख्या मेरे सिर के केशों से भी बढ़कर है; बलवान हैं वे, जो अकारण ही मेरे शत्रु हो गए हैं, वे सभी मुझे मिटा देने पर सामर्थ्यी हैं. जो मैंने चुराया ही नहीं, उसी की भरपाई मुझसे ली जा रही है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे गिनती में मेरे सिर के बालों से अधिक हैं; मेरे विनाश करनेवाले जो व्यर्थ मेरे शत्रु हैं, वे सामर्थी हैं, इसलिए जो मैंने लूटा नहीं वह भी मुझ को देना पड़ा। (यूह. 15:25, भज. 35:19) |
जो व्यर्थ ही मेरे शत्रु हैं उन्हें मुझ पर आनंद करने न दे, और जो अकारण मुझसे घृणा करते हैं उन्हें द्वेष से घूरने न दे।
क्योंकि अनगिनित बुराइयों ने मुझे घेर लिया है; मेरे अधर्मों ने मुझे ऐसा पकड़ लिया है कि मैं देख नहीं सकता। वे गिनती में मेरे सिर के बालों से कहीं बढ़कर हैं, इसलिए मेरा हृदय टूट गया है।
क्योंकि देख, वे मेरी घात में हैं। हे यहोवा, मेरा कोई अपराध या दोष नहीं है फिर भी ये हिंसक लोग मेरे विरुद्ध इकट्ठे होते हैं।
यह इसलिए हुआ कि वह वचन पूरा हो जो उनकी व्यवस्था में लिखा है : उन्होंने मुझसे बिना कारण घृणा की।
वह जो पाप से अनजान था, उसे परमेश्वर ने हमारे लिए पाप ठहराया कि हम उसमें परमेश्वर की धार्मिकता बन जाएँ।
उसने स्वयं हमारे पापों को अपनी देह में क्रूस पर उठा लिया, ताकि हम पापों के लिए मरकर धार्मिकता के लिए जीवन बिताएँ। उसके मार खाने से तुम स्वस्थ हुए हो।
इसलिए कि मसीह ने भी पापों के कारण एक बार दुःख उठाया, अर्थात् धर्मी ने अधर्मियों के लिए, ताकि तुम्हें परमेश्वर के निकट ले आए। वह शरीर में तो मारा गया, पर आत्मा में जिलाया गया।