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भजन संहिता 31:5 - नवीन हिंदी बाइबल

मैं अपनी आत्मा तेरे हाथ में सौंपता हूँ; हे यहोवा, सत्य के परमेश्‍वर, तूने मुझे दाम देकर छुड़ा लिया है।

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पवित्र बाइबल

हे परमेश्वर यहोवा, मैं तो तुझ पर भरोसा कर सकता हूँ। मैं मेरा जीवन तेरे हाथ में सौपता हूँ। मेरी रक्षा कर!

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Hindi Holy Bible

मैं अपनी आत्मा को तेरे ही हाथ में सौंप देता हूं; हे यहोवा, हे सत्यवादी ईश्वर, तू ने मुझे मोल लेकर मुक्त किया है॥

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मैं अपनी आत्‍मा तेरे हाथ में सौंपता हूँ; हे प्रभु! सच्‍चे परमेश्‍वर, तूने मेरा उद्धार किया है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मैं अपनी आत्मा को तेरे ही हाथ में सौंप देता हूँ; हे यहोवा, हे सत्यवादी ईश्‍वर, तू ने मुझे मोल लेकर मुक्‍त किया है।

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सरल हिन्दी बाइबल

अपनी आत्मा मैं आपके हाथों में सौंप रहा हूं; याहवेह, सत्य के परमेश्वर, आपने ही मुझे मुक्त किया है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

मैं अपनी आत्मा को तेरे ही हाथ में सौंप देता हूँ; हे यहोवा, हे विश्वासयोग्य परमेश्वर, तूने मुझे मोल लेकर मुक्त किया है। (लूका 23:46, प्रेरि. 7:59, 1 पत. 4:19)

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भजन संहिता 31:5
15 क्रॉस रेफरेंस  

और वह दूत जो मुझे सारी बुराई से छुड़ाता आया है, वही इन लड़कों को आशिष दे; और ये मेरे नाम तथा मेरे पूर्वजों अब्राहम और इसहाक के नाम से पहचाने जाएँ और पृथ्वी पर बहुतायत से बढ़ें।”


वही इस्राएल को उसके सारे अधर्म के कामों से छुड़ाएगा।


जब मैं तेरा भजन गाऊँगा, तो अपने होंठों से और अपने प्राण से जिसे तूने बचाया है, तेरा जय जयकार करूँगा।


तो बिक जाने के बाद उसे फिर छुड़ाया जा सकता है। उसके भाइयों में से कोई उसे छुड़ा सकता है,


तब यीशु ने ऊँची आवाज़ से पुकारकर कहा,“हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ।” और यह कहकर उसने प्राण त्याग दिया।


वे स्तिफनुस पर पथराव कर रहे थे और वह यह कहकर प्रार्थना करता रहा, “हे प्रभु यीशु, मेरी आत्मा को ग्रहण कर।”


इस कारण मैं ये सब दुःख भी उठाता हूँ, फिर भी लज्‍जित नहीं होता; क्योंकि मैं उसे जानता हूँ जिस पर मैंने विश्‍वास किया है, और मैं आश्‍वस्त हूँ कि वह उस दिन तक मेरी धरोहर की रखवाली करने में समर्थ है।


यदि हम विश्‍वासयोग्य न भी हों, तो भी वह विश्‍वासयोग्य बना रहता है, क्योंकि वह स्वयं अपना इनकार नहीं कर सकता।


उस अनंत जीवन की आशा में जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्‍वर ने, जो झूठ नहीं बोल सकता, सनातन काल से की है,


जिसने अपने आपको हमारे लिए दे दिया ताकि हर प्रकार के अधर्म से हमें छुड़ा ले, और शुद्ध करके अपने लिए एक ऐसी निज प्रजा बना ले जो भले कार्यों को करने में उत्साही हो।


ताकि दो न बदलनेवाली बातों के द्वारा, जिनमें परमेश्‍वर का झूठा ठहरना असंभव है, हमें—जो सामने रखी हुई आशा को प्राप्‍त करने के लिए दौड़ पड़े हैं—दृढ़ प्रोत्साहन मिले।


तब वे यह नया गीत गाने लगे : तू ही इस पुस्तक को लेने और इसकी मुहरों को खोलने के योग्य है, क्योंकि तूने वध होकर अपने लहू से परमेश्‍वर के लिए प्रत्येक कुल, भाषा, राष्‍‍ट्र और जाति में से लोगों को खरीद लिया,