यद्यपि यहोवा महान है, फिर भी वह नम्र मनुष्य की ओर दृष्टि करता है; परंतु अहंकारी मनुष्य को दूर से ही पहचानता है।
भजन संहिता 101:5 - नवीन हिंदी बाइबल जो छिपकर अपने पड़ोसी की चुगली करे, उसे मैं नाश करूँगा; जिसकी आँखें चढ़ी हों और जिसका मन घमंडी हो, उसे मैं न सहूँगा। पवित्र बाइबल यदि कोई व्यक्ति छिपे छिपे अपने पड़ोसी के लिये दुर्वचन कहे, मैं उस व्यक्ति को ऐसा करने से रोकूँगा। मैं लोगों को अभिमानी बनने नहीं दूँगा और मैं उन्हें सोचने नहीं दूँगा, कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं। Hindi Holy Bible जो छिप कर अपने पड़ोसी की चुगली खाए, उसको मैं सत्यानाश करूंगा; जिसकी आंखें चढ़ी हों और जिसका मन घमण्डी है, उसकी मैं न सहूंगा॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो व्यक्ति गुप्त रूप से अपने पड़ोसी की निन्दा करता है, उसको मैं नष्ट करूंगा; जिसकी आखें घमण्ड से चढ़ी हैं और जिसके हृदय में अहंकार है, उसको मैं सहन नहीं करूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो छिपकर अपने पड़ोसी की चुगली खाए, उसका मैं सत्यानाश करूँगा; जिसकी आँखें चढ़ी हों और जिसका मन घमण्डी है, उसकी मैं न सहूँगा। सरल हिन्दी बाइबल जो कोई गुप्त में अपने पड़ोसी की निंदा करता है, मैं उसे नष्ट कर दूंगा; जिस किसी की आंखें अहंकार से चढ़ी हुई हैं तथा जिसका हृदय घमंडी है, वह मेरे लिए असह्य होगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो छिपकर अपने पड़ोसी की चुगली खाए, उसका मैं सत्यानाश करूँगा; जिसकी आँखें चढ़ी हों और जिसका मन घमण्डी है, उसकी मैं न सहूँगा। |
यद्यपि यहोवा महान है, फिर भी वह नम्र मनुष्य की ओर दृष्टि करता है; परंतु अहंकारी मनुष्य को दूर से ही पहचानता है।
वह अपनी जीभ से निंदा नहीं करता और न अपने पड़ोसी की बुराई करता है, और न ही अपने मित्र को बदनाम करता है।
जो बातों को इधर-उधर करता फिरता है, वह भेद प्रकट करता है, इसलिए बकवादी से मेल-जोल न रखना।
ऐसे लोग भी हैं, देखो, उनकी आँखें घमंड से कैसी भरी रहती हैं! और उनकी भौंहें कैसी चढ़ी रहती हैं!
तू अपने लोगों के बीच बदनामी करते न फिरना, और न अपने पड़ोसी के प्राण के विरुद्ध खड़ा होना। मैं यहोवा हूँ।
मैं तुमसे कहता हूँ, यही मनुष्य धर्मी ठहराया जाकर अपने घर गया, न कि वह दूसरा मनुष्य; क्योंकि प्रत्येक जो अपने आपको ऊँचा उठाता है वह नीचा किया जाएगा, परंतु जो अपने आपको दीन करता है वह ऊँचा उठाया जाएगा।”
परंतु अब मैं तुम्हें लिखता हूँ कि यदि कोई भाई कहलाकर व्यभिचारी, लोभी, मूर्तिपूजक, गाली देनेवाला, पियक्कड़ या लुटेरा हो, तो उससे संगति न रखना; बल्कि ऐसे मनुष्य के साथ भोजन भी न करना।
इसी प्रकार उनकी पत्नियाँ भी सम्माननीय हों; दोष लगानेवाली नहीं बल्कि संयमी और सब बातों में विश्वासयोग्य हों।
इसी प्रकार वृद्ध स्त्रियों का आचरण भी पवित्र हो। वे न तो दोष लगानेवाली और न ही पियक्कड़ हों, बल्कि अच्छी बातें सिखानेवाली हों,