यूसुफ के अधिकार में जो कुछ था उसमें से कोई भी कार्य बंदीगृह के दारोगा को देखना नहीं पड़ता था, क्योंकि यहोवा यूसुफ के साथ था। वह जो कुछ करता था, यहोवा उसे सफल करता था।
भजन संहिता 1:3 - नवीन हिंदी बाइबल वह जल-धाराओं के किनारे लगाए गए उस वृक्ष के समान है, जो अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिए जो कुछ वह करता है, उसमें वह सफल होता है। पवित्र बाइबल इससे वह मनुष्य उस वृक्ष जैसा सुदृढ़ बनता है जिसको जलधार के किनारे रोपा गया है। वह उस वृक्ष समान है, जो उचित समय में फलता और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। वह जो भी करता है सफल ही होता है। Hindi Holy Bible वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वह उस वृक्ष के समान है जो नहर के तट पर रोपा गया, जो अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते मुरझाते नहीं। जो कुछ धार्मिक मनुष्य करता है, वह सफल होता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है, और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरुष करे वह सफल होता है। सरल हिन्दी बाइबल वह बहती जलधाराओं के तट पर लगाए गए उस वृक्ष के समान है, जो उपयुक्त ऋतु में फल देता है जिसकी पत्तियां कभी मुरझाती नहीं. ऐसा पुरुष जो कुछ करता है उसमें सफल होता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती पानी की धाराओं के किनारे लगाया गया है और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। और जो कुछ वह पुरुष करे वह सफल होता है। |
यूसुफ के अधिकार में जो कुछ था उसमें से कोई भी कार्य बंदीगृह के दारोगा को देखना नहीं पड़ता था, क्योंकि यहोवा यूसुफ के साथ था। वह जो कुछ करता था, यहोवा उसे सफल करता था।
यूसुफ के स्वामी ने देखा कि यहोवा उसके साथ है, और जो कुछ वह करता है उसे यहोवा उसके हाथ से सफल कर देता है।
और न आने जानेवाले कहते हैं : यहोवा की आशिष तुम पर हो; हम यहोवा के नाम से तुम्हें आशिष देते हैं।
ताकि यह प्रकट हो कि यहोवा सच्चा है; वह मेरी चट्टान है, और उसमें कुछ भी कुटिलता नहीं है।
मार्ग में अंजीर का एक पेड़ देखकर वह उसके पास गया, और उसमें पत्तियों को छोड़ उसे और कुछ न मिला, तब उसने उस पेड़ से कहा,“अब से तुझमें कभी फल न लगे।” और वह अंजीर का पेड़ तुरंत सूख गया।
उन्होंने उससे कहा, “वह उन दुष्टों का बुरी तरह से नाश करेगा, और अंगूर के बगीचे का ठेका दूसरे किसानों को दे देगा जो उचित समय पर उसे फल देंगे।”
यदि कोई मुझमें बना न रहे, तो वह डाली के समान बाहर फेंक दिया जाता है और सूख जाता है, फिर लोग उन्हें इकट्ठा करके आग में झोंक देते हैं और वे जल जाती हैं।
ये जो तुम्हारे प्रीति-भोजों में तुम्हारे साथ निडर होकर खाते-पीते हैं; वे कलंक के समान हैं और अपना ही ध्यान रखते हैं। ये निर्जल बादल हैं जिन्हें हवा उड़ा ले जाती है। ये पतझड़ के निष्फल पेड़ हैं जो दो बार सूखकर जड़ से उखाड़े गए हैं।
वह सड़क के बीचों-बीच बहती थी। नदी के इस ओर और उस ओर जीवन का वृक्ष था, जिसमें बारह प्रकार के फल लगते थे, और वह हर महीने फलता था, और उस वृक्ष की पत्तियों से जाति-जाति के लोग स्वस्थ होते थे।