यदि आज तुम उसकी बात सुनो तो अपना हृदय ऐसा कठोर न करना, जैसा उस दिन जंगल में मरीबा और मस्सा में किया था,
प्रेरितों के काम 19:9 - नवीन हिंदी बाइबल परंतु जब कुछ लोगों ने कठोर होकर उसकी नहीं मानी और वे लोगों के सामने इस “मार्ग” को बुरा कहने लगे, तो उसने उन्हें छोड़कर शिष्यों को अलग कर लिया, और तुरन्नुस की पाठशाला में प्रतिदिन वाद-विवाद करता रहा। पवित्र बाइबल किन्तु उनमें से कुछ लोग बहुत हठी थे उन्होंने विश्वास ग्रहण करने को मना कर दिया और लोगों के सामने पंथ को भला बुरा कहते रहे। सो वह अपने शिष्यों को साथ ले उन्हें छोड़ कर चला गया। और तरन्नुस की पाठशाला में हर दिन विचार विमर्श करने लगा। Hindi Holy Bible परन्तु जब कितनों ने कठोर होकर उस की नहीं मानी वरन लोगों के साम्हने इस मार्ग को बुरा कहने लगे, तो उस ने उन को छोड़ कर चेलों को अलग कर लिया, और प्रति दिन तुरन्नुस की पाठशाला में विवाद किया करता था। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु उन में कुछ लोग हठधर्मी थे और वे न केवल अविश्वासी बने रहे, बल्कि सभा में इस मार्ग की निन्दा भी करने लगे। इसलिए पौलुस ने उन से सम्बन्ध तोड़ लिया और अपने शिष्यों को वहाँ से हटा लिया। वह प्रतिदिन तुरन्नुस की पाठशाला में धर्म-चर्चा करने लगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु जब कुछ लोगों ने कठोर होकर उसकी नहीं मानी वरन् लोगों के सामने इस मार्ग को बुरा कहने लगे, तो उसने उनको छोड़ दिया और चेलों को अलग कर लिया, और प्रतिदिन तुरन्नुस की पाठशाला में वाद–विवाद किया करता था। सरल हिन्दी बाइबल किंतु, जो कठोर थे, उन्होंने वचन को नहीं माना और सार्वजनिक रूप से इस मत के विषय में बुरे विचारों का प्रचार किया. इसलिये पौलॉस अपने शिष्यों को साथ ले वहां से चले गए. वह तिरान्नुस के विद्यालय में गए, जहां वह हर रोज़ भीड़ से परमेश्वर संबंधी विषयों पर बात किया करते थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु जब कुछ लोगों ने कठोर होकर उसकी नहीं मानी वरन् लोगों के सामने इस पंथ को बुरा कहने लगे, तो उसने उनको छोड़कर चेलों को अलग कर लिया, और प्रतिदिन तुरन्नुस की पाठशाला में वाद-विवाद किया करता था। |
यदि आज तुम उसकी बात सुनो तो अपना हृदय ऐसा कठोर न करना, जैसा उस दिन जंगल में मरीबा और मस्सा में किया था,
क्या ही धन्य है वह पुरुष जो मेरी सुनता है, और मेरे फाटकों पर प्रतिदिन दृष्टि लगाए रहता है, बल्कि मेरी चौखट पर प्रतीक्षा करता है।
उन्हें छोड़ो; वे अंधों के अंधे मार्गदर्शक हैं; और यदि अंधा ही अंधे का मार्गदर्शन करे, तो दोनों ही गड्ढे में गिर जाएँगे।”
बुरी और व्यभिचारी पीढ़ी चिह्न ढूँढ़ती है, परंतु योनाके चिह्न को छोड़ उसे कोई चिह्न नहीं दिया जाएगा।” फिर वह उन्हें छोड़कर चला गया।
उस समय यीशु ने भीड़ से कहा,“क्या तुम डाकू समझकर तलवारों और लाठियों के साथ मुझे पकड़ने आए हो? मैं तो प्रतिदिन मंदिर में बैठकर उपदेश देता था, तब तो तुमने मुझे नहीं पकड़ा।
उसने उनकी आँखें अंधी और उनका मन कठोर कर दिया है, कहीं ऐसा न हो कि वे आँखों से देखें और मन से समझें और फिरें, और मैं उन्हें स्वस्थ करूँ।
जब वह उसे मिला तो उसे अंताकिया ले आया। फिर ऐसा हुआ कि पूरे एक वर्ष तक वे कलीसिया के साथ मिलते और बहुत से लोगों को उपदेश देते रहे; और शिष्य सब से पहले अंताकिया में मसीही कहलाए।
परंतु नगर के लोगों में फूट पड़ गई, और कुछ यहूदियों के साथ और कुछ प्रेरितों के साथ हो गए।
उनमें से कुछ लोगों ने विश्वास किया और पौलुस तथा सीलास के साथ मिल गए, और ऐसा ही बड़ी संख्या में भक्त यूनानियों तथा बहुत सी प्रमुख स्त्रियों ने भी किया।
इसलिए जागृत रहो, और स्मरण करो कि मैंने तीन वर्ष तक रात और दिन आँसू बहाते हुए हर एक को चेतावनी देना नहीं छोड़ा।
मैंने इस ‘मार्ग’ के पुरुषों और स्त्रियों दोनों को बाँध बाँधकर बंदीगृह में डलवाया और उन्हें मृत्यु तक सताया;
केवल इस एक बात को छोड़ जो मैंने उनके बीच खड़े होकर चिल्लाकर कही थी : ‘मृतकों के पुनरुत्थान के विषय में आज तुम्हारे सामने मुझ पर मुकदमा चलाया जा रहा है।’”
परंतु हम तुझसे सुनना चाहते हैं कि तेरा विचार क्या है, क्योंकि हम जानते हैं कि हर स्थान पर इस पंथ का विरोध किया जाता है।”
“हे हठीले, तथा मन और कान के ख़तनारहित लोगो, तुम हर समय पवित्र आत्मा का विरोध करते हो, जैसे तुम्हारे पूर्वज थे वैसे ही तुम हो।
और उससे दमिश्क के आराधनालयों के लिए पत्र माँगे कि इस “मार्ग” के जो भी मिलें, चाहे पुरुष हों या स्त्री, उन्हें बाँधकर यरूशलेम ले आए।
इससे क्या हुआ? इस्राएली जिसकी खोज में थे, वह उन्हें प्राप्त नहीं हुआ, केवल चुने हुओं को प्राप्त हुआ; और बाकी लोग कठोर कर दिए गए,
और उन मनुष्यों में निरंतर झगड़े उत्पन्न होते हैं, जिनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है और जो सत्य से वंचित रह गए हैं और सोचते हैं कि भक्ति कमाई का साधन है।
तू यह जानता है कि वे सब जो आसिया में हैं मुझसे विमुख हो गए हैं, जिनमें फूगिलुस और हिरमुगिनेस भी हैं।
वे भक्ति का वेश तो धारण करेंगे परंतु उसकी शक्ति को नहीं मानेंगे; ऐसे लोगों से दूर रह।
वचन का प्रचार कर, समय-असमय तैयार रह, बड़े धैर्य से शिक्षा देते हुए समझा, डाँट और प्रोत्साहित कर।
जब तक “आज का दिन” कहलाता है, तब तक एक दूसरे को प्रतिदिन प्रोत्साहित करते रहो, ताकि तुममें से कोई पाप के छलावे में आकर कठोर न हो जाए—
ये लोग स्वाभाविक रूप से बुद्धिहीन पशुओं के समान हैं, जो पकड़े जाने और नाश होने के लिए उत्पन्न हुए हैं। वे जिन बातों को समझते भी नहीं उनकी निंदा करते हैं। वे अपनी ही सड़ाहट में नष्ट हो जाएँगे।
परंतु ये लोग जिन बातों को समझते नहीं उनकी निंदा करते हैं और बुद्धिहीन पशुओं के समान जिन बातों को वे स्वाभाविक रूप से जानते हैं उन्हीं के द्वारा नष्ट हो जाते हैं।