फिर थोड़ा आगे बढ़कर वह मुँह के बल गिरा और यह प्रार्थना करने लगा,“हे मेरे पिता, यदि संभव हो तो यह कटोरा मुझसे टल जाए; फिर भी जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं, बल्कि जैसा तू चाहता है, वैसा ही हो।”
प्रेरितों के काम 18:21 - नवीन हिंदी बाइबल बल्कि विदा होते हुए कहा, “यदि परमेश्वर की इच्छा हुई तो मैं तुम्हारे पास फिर आऊँगा।” तब वह इफिसुस से जहाज़ द्वारा चल दिया; पवित्र बाइबल किन्तु जाते समय उसने कहा, “यदि परमेश्वर की इच्छा हुई तो मैं तुम्हारे पास फिर आऊँगा।” फिर उसने इफिसुस से नाव द्वारा यात्रा की। Hindi Holy Bible परन्तु यह कहकर उन से विदा हुआ, कि यदि परमेश्वर चाहे तो मैं तुम्हारे पास फिर आऊंगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और उन से विदा लेकर कहा, “यदि परमेश्वर ने चाहा, तो मैं आप लोगों के पास फिर आऊंगा।” वह इफिसुस छोड़ कर जलमार्ग द्वारा पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु यह कहकर उनसे विदा हुआ, “यदि परमेश्वर ने चाहा तो मैं तुम्हारे पास फिर आऊँगा।” तब वह इफिसुस से जहाज खोलकर चल दिया; सरल हिन्दी बाइबल पौलॉस ने उनसे यह कहते हुए आज्ञा चाही “यदि परमेश्वर चाहेंगे तो मैं दोबारा लौटकर तुम्हारे पास आऊंगा” और वह इफ़ेसॉस नगर छोड़कर जलमार्ग से आगे चले गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु यह कहकर उनसे विदा हुआ, “यदि परमेश्वर चाहे तो मैं तुम्हारे पास फिर आऊँगा।” तब इफिसुस से जहाज खोलकर चल दिया; |
फिर थोड़ा आगे बढ़कर वह मुँह के बल गिरा और यह प्रार्थना करने लगा,“हे मेरे पिता, यदि संभव हो तो यह कटोरा मुझसे टल जाए; फिर भी जैसा मैं चाहता हूँ वैसा नहीं, बल्कि जैसा तू चाहता है, वैसा ही हो।”
फिर एक और ने भी कहा, “प्रभु, मैं तेरे पीछे चलूँगा; परंतु पहले मुझे अपने घर वालों से विदा लेने की अनुमति दे।”
तुम मूर्तियों को चढ़ाई गई वस्तुओं से, और लहू से, और गला घोंटे हुए पशुओं के मांस से, और व्यभिचार से दूर रहो; इनसे अपने आपको दूर रखो तो तुम्हारे लिए भला होगा। नमस्कार।”
फिर इफिसुस पहुँचकर उसने उन्हें वहाँ छोड़ा, और स्वयं आराधनालय में जाकर यहूदियों से वाद-विवाद करने लगा।
अपुल्लोस नामक एक यहूदी जिसका जन्म सिकंदरिया में हुआ था, इफिसुस में आया। वह कुशल वक्ता और पवित्रशास्त्र में निपुण पुरुष था।
फिर ऐसा हुआ कि जब अपुल्लोस कुरिंथुस में था तो पौलुस भीतरी प्रदेशों से होते हुए इफिसुस में पहुँचा और वहाँ उसे कुछ शिष्य मिले।
यह बात इफिसुस में रहनेवाले सब यहूदी और यूनानी भी जान गए, और उन सब पर भय छा गया; और प्रभु यीशु के नाम की बड़ाई होने लगी।
जब ये बातें हो चुकीं, तो पौलुस ने अपनी आत्मा में मकिदुनिया और अखाया होते हुए यरूशलेम को जाने का निश्चय किया, और कहा, “वहाँ पहुँचने के बाद मुझे रोम भी देखना अवश्य है।”
पौलुस ने इफिसुस में जाए बिना आगे बढ़ने का निश्चय किया ताकि उसे आसिया में समय बिताना न पड़े। वह इसलिए जल्दी कर रहा था कि यदि संभव हो तो पिंतेकुस्त के दिन वह यरूशलेम में हो।
क्योंकि उन्होंने पहले उसके साथ इफिसुस के त्रुफिमुस को नगर में देखा था, और समझ रहे थे कि पौलुस उसे मंदिर में ले आया है।
और सदैव अपनी प्रार्थनाओं में विनती करता हूँ कि किसी प्रकार अब मैं परमेश्वर की इच्छा से तुम्हारे पास आने में सफल हो जाऊँ।
यदि मानवीय विचार से मैं इफिसुस में हिंसक पशुओं से लड़ा, तो मुझे क्या लाभ हुआ? यदि मृतक जिलाए नहीं जाते, तो आओ, हम खाएँ-पीएँ, क्योंकि कल तो हमें मरना ही है।
मैं मार्ग में जाते समय ही तुमसे मिलना नहीं चाहता, बल्कि आशा करता हूँ कि यदि प्रभु ने चाहा तो कुछ समय तुम्हारे साथ रहूँगा;
परंतु यदि प्रभु ने चाहा तो मैं शीघ्र तुम्हारे पास आऊँगा, और उन फूले हुओं की बातों को नहीं, बल्कि उनके सामर्थ्य को जान लूँगा।
अंततः हे भाइयो, आनंदित रहो, सिद्ध होते जाओ, प्रोत्साहित रहो, एक मन रखो, मेल-मिलाप से रहो; और प्रेम तथा शांति का परमेश्वर तुम्हारे साथ रहेगा।
पौलुस की ओर से, जो परमेश्वर की इच्छा से मसीह यीशु का प्रेरित है, उन पवित्र लोगों के नाम जो इफिसुस में रहते हैं और मसीह यीशु में विश्वासयोग्य हैं :
इसके बदले तुम्हें यह कहना चाहिए, “यदि प्रभु चाहे तो हम जीवित रहेंगे और यह या वह कार्य करेंगे।”
यदि परमेश्वर की इच्छा है कि तुम भलाई करते हुए दुःख उठाओ, तो यह बुराई करके दुःख उठाने से उत्तम है।
“जो कुछ तू देखता है उसे एक पुस्तक में लिख और उसे सातों कलीसियाओं अर्थात् इफिसुस, स्मुरना, पिरगमुन, थुआतीरा, सरदीस, फिलादेलफिया और लौदीकिया को भेज।”
“इफिसुस की कलीसिया के दूत को यह लिख : “जो अपने दाहिने हाथ में सात तारों को थामे हुए है और सोने की सात दीवटों के मध्य में चलता-फिरता है, वह यह कहता है :