उसकी चर्चा सारे सीरिया में फैल गई; तब वे सब बीमारों को जो भिन्न-भिन्न प्रकार की बीमारियों और दुःखों से जकड़े हुए थे, और दुष्टात्माग्रस्त लोगों, तथा मिर्गी और लकवे के रोगियों को उसके पास लाए, और उसने उन्हें स्वस्थ कर दिया।
प्रेरितों के काम 18:18 - नवीन हिंदी बाइबल वहाँ बहुत दिन तक रहने के बाद पौलुस ने भाइयों से विदा ली और प्रिस्किल्ला और अक्विला सहित जहाज़ द्वारा सीरिया को चल दिया। उसने किंख्रिया में अपना सिर मुँड़वाया, क्योंकि उसने मन्नत मानी थी। पवित्र बाइबल बहुत दिनों बाद तक पौलुस वहाँ ठहरा रहा। फिर भाइयों से विदा लेकर वह नाव के रास्ते सीरिया को चल पड़ा। उसके साथ प्रिसकिल्ला तथा अक्विला भी थे। पौलुस ने किंखिया में अपने केश उतरवाये क्योंकि उसने एक मन्नत मानी थी। Hindi Holy Bible सो पौलुस बहुत दिन तक वहां रहा, फिर भाइयों से विदा होकर किंखि्रया में इसलिये सिर मुण्डाया क्योंकि उस ने मन्नत मानी थी और जहाज पर सूरिया को चल दिया और उसके साथ प्रिस्किल्ला और अक्विला थे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पौलुस बहुत दिन तक कुरिन्थुस में रहे। इसके पश्चात् वह भाई-बहिनों से विदा ले कर प्रिस्किल्ला तथा अिक्वला के साथ, जलमार्ग द्वारा सीरिया देश चले गये। उन्होंने किसी व्रत के कारण किंख्रेअय बन्दरगाह में सिर मुंड़ा लिया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पौलुस बहुत दिन तक वहाँ रहा। फिर भाइयों से विदा होकर किंख्रिया में इसलिये सिर मुण्डाया, क्योंकि उसने मन्नत मानी थी, और जहाज पर सीरिया को चल दिया और उसके साथ प्रिस्किल्ला और अक्विला थे। सरल हिन्दी बाइबल वहां अनेक दिन रहने के बाद पौलॉस भाई बहिनों से विदा लेकर जलमार्ग से सीरिया प्रदेश चले गए. उनके साथ प्रिस्का और अकुलॉस भी थे. केनख्रेया नगर में पौलॉस ने अपना मुंडन करवा लिया क्योंकि उन्होंने एक संकल्प लिया था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 अतः पौलुस बहुत दिन तक वहाँ रहा, फिर भाइयों से विदा होकर किंख्रिया में इसलिए सिर मुँड़ाया, क्योंकि उसने मन्नत मानी थी और जहाज पर सीरिया को चल दिया और उसके साथ प्रिस्किल्ला और अक्विला थे। (गिन. 6:18) |
उसकी चर्चा सारे सीरिया में फैल गई; तब वे सब बीमारों को जो भिन्न-भिन्न प्रकार की बीमारियों और दुःखों से जकड़े हुए थे, और दुष्टात्माग्रस्त लोगों, तथा मिर्गी और लकवे के रोगियों को उसके पास लाए, और उसने उन्हें स्वस्थ कर दिया।
और उन्होंने उनके हाथ यह लिख भेजा : “प्रेरित और प्रवर भाइयों की ओर से अंताकिया और सीरिया और किलिकिया के भाइयों के नाम जो गैरयहूदियों में से हैं, नमस्कार।
वहाँ उसे पुंतुस में जन्मा अक्विला नामक एक यहूदी मिला, जो हाल ही में अपनी पत्नी प्रिस्किल्ला के साथ इटली से आया था, क्योंकि क्लौदियुस ने सब यहूदियों को रोम से निकल जाने का आदेश दिया था। वह उनके पास गया,
वह निर्भीकता से आराधनालय में बोलने लगा; परंतु जब प्रिस्किल्ला और अक्विला ने उसकी बातें सुनीं तो वे उसे अलग ले गए और परमेश्वर के मार्ग के विषय में उसको और भी ठीक रीति से समझाया।
फिर जब अपुल्लोस ने अखाया में जाना चाहा तो भाइयों ने उसे प्रोत्साहित करके शिष्यों को लिखा कि उसका स्वागत करें। वहाँ पहुँचकर उसने उन लोगों की बड़ी सहायता की जिन्होंने अनुग्रह के द्वारा विश्वास किया था;
इसलिए तू वही कर जो हम तुझसे कहते हैं। हमारे यहाँ चार मनुष्य हैं जिन्होंने अपने लिए मन्नत मानी है।
तू उन्हें ले जाकर उनके साथ अपने आपको शुद्ध कर और उनके सिर मुँड़ाने का खर्चा दे। तब सब जानेंगे कि तेरे विषय जो बातें बताई गई हैं उनमें कोई सच्चाई नहीं, बल्कि तू स्वयं भी व्यवस्था का पालन करता और उसके अनुसार चलता है।
जब हमें साइप्रस दिखाई दिया तो उसे बाईं ओर छोड़कर सीरिया की ओर बढ़े, और सूर में उतरे, क्योंकि वहाँ जहाज़ का माल उतरना था।
यहूदियों के लिए मैं यहूदी जैसा बना कि यहूदियों को जीत सकूँ; जो व्यवस्था के अधीन हैं, उनके लिए मैं स्वयं व्यवस्था के अधीन न होने पर भी व्यवस्था के अधीन जैसा बना कि जो व्यवस्था के अधीन हैं उनको जीत सकूँ।