प्रेरितों के काम 14:17 - नवीन हिंदी बाइबल फिर भी उसने अपने आपको बिना साक्षी के नहीं छोड़ा बल्कि भलाई करता रहा, और आकाश से वर्षा तथा फलदायक ऋतुओं को दे देकर तुम्हारे मनों को भोजन और आनंद से तृप्त करता रहा।” पवित्र बाइबल किन्तु तुम्हें उसने स्वयं अपनी साक्षी दिये बिना नहीं छोड़ा। क्योंकि उसने तुम्हारे साथ भलाइयाँ की। उसने तुम्हें आकाश से वर्षा दी और ऋतु के अनुसार फसलें दी। वही तुम्हें भोजन देता है और तुम्हारे मन को आनन्द से भर देता है।” Hindi Holy Bible तौभी उस ने अपने आप को बे-गवाह न छोड़ा; किन्तु वह भलाई करता रहा, और आकाश से वर्षा और फलवन्त ऋतु देकर, तुम्हारे मन को भोजन और आनन्द से भरता रहा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) फिर भी वह अपने भले कार्यों द्वारा अपने विषय में साक्षी देता रहा: वह आपके लिए आकाश से पानी बरसाता और नियत मौसम में फसलें उगाता है; वह अन्न प्रदान कर आपका हृदय आनन्द से भरता है।” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तौभी उसने अपने आप को बे–गवाह न छोड़ा; किन्तु वह भलाई करता रहा, और आकाश से वर्षा और फलवन्त ऋतु देकर तुम्हारे मन को भोजन और आनन्द से भरता रहा।” सरल हिन्दी बाइबल तो भी उन्होंने स्वयं अपने विषय में गवाह स्पष्ट रखा—वह भलाई करते हुए आकाश से वर्षा तथा ऋतुओं के अनुसार हमें उपज प्रदान करते रहे. वह पर्याप्त भोजन और आनंद प्रदान करते हुए हमारे मनों को तृप्त करते रहे हैं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तो भी उसने अपने आपको बे-गवाह न छोड़ा; किन्तु वह भलाई करता रहा, और आकाश से वर्षा और फलवन्त ऋतु देकर तुम्हारे मन को भोजन और आनन्द से भरता रहा।” (भज. 147:8, यिर्म. 5:24) |
तूने मेरे मन में उससे कहीं अधिक आनंद भर दिया है, जो उन्हें अन्न और दाखमधु की बहुतायत से होता था।
तो मैं तुम्हारे लिए उपयुक्त समय पर वर्षा भेजूँगा, और भूमि अपनी उपज उत्पन्न करेगी, तथा भूमि के वृक्ष अपना फल देंगे।
ताकि तुम अपने पिता की, जो स्वर्ग में है, संतान बन जाओ क्योंकि वह भले और बुरे दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मी और अधर्मी दोनों पर मेंह बरसाता है।
परंतु तुम अपने शत्रुओं से प्रेम रखो और भलाई करो, तथा वापस पाने की आशा न रखकर उधार दो; और तुम्हारा प्रतिफल बड़ा होगा, और तुम परमप्रधान के पुत्र ठहरोगे, क्योंकि वह उन पर जो धन्यवाद नहीं करते और दुष्टों पर भी कृपा करता है।
उसने एक ही मूल से मनुष्यों की प्रत्येक जाति को बनाया कि सारी पृथ्वी पर बस जाए, और निश्चित समयों तथा उनके निवास की सीमाओं को निर्धारित किया,
इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अहंकारी न बनें और अनिश्चित धन पर नहीं बल्कि परमेश्वर पर आशा रखें जो हमारे आनंद के लिए सब कुछ बहुतायत से देता है।