प्रकाशितवाक्य 9:17 - नवीन हिंदी बाइबल इस दर्शन में मुझे घोड़े और उनके सवार इस प्रकार दिखाई दिए : उन सवारों के कवच आग के समान लाल, धूम्रकांत के समान नीले और गंधक के समान पीले थे, और घोड़ों के सिर सिंहों के सिरों के समान थे और उनके मुँह से आग, धुआँ और गंधक निकल रहा था। पवित्र बाइबल उस मेरे दिव्य दर्शन में वे घोड़े और उनके सवार मुझे इस प्रकार दिखाई दिए: उन्होंने कवच धारण किए हुए थे जो धधकती आग जैसे लाल, गहरे नीले और गंधक जैसे पीले थे। Hindi Holy Bible और मुझे इस दर्शन में घोड़े और उन के ऐसे सवार दिखाई दिए, जिन की झिलमें आग, और धूम्रकान्त, और गन्धक की सी थीं, और उन घोड़ों के सिर सिंहों के सिरों के से थे: और उन के मुंह से आग, और धुआं, और गन्धक निकलती थी। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मुझे उस दृश्य में वे घोड़े और उन पर सवार सैनिक इस प्रकार दीख पड़े : सैनिक अग्नि-जैसे लाल, धूम्रकान्त-जैसे नीले और गन्धक-जैसे पीले कवच पहने हुए थे। घोड़ों के सिर सिंहों के सिर-जैसे थे और उनके मुँह से आग, धूआँ और गन्धक निकल रही थी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मुझे इस दर्शन में घोड़े और उन के ऐसे सवार दिखाई दिए जिनकी झिलमें आग, और धूम्रकान्त, और गन्धक की सी थीं, और उन घोड़ों के सिर सिंहों के सिरों के समान थे; और उनके मुँह से आग, धुआँ और गन्धक निकलते थे। सरल हिन्दी बाइबल मैंने दर्शन में घोड़े और उन्हें देखा, जो उन पर बैठे थे. उनके कवच आग के समान लाल, धूम्रकांत तथा गंधक जैसे पीले रंग के थे. घोड़ों के सिर सिंहों के सिर जैसे थे तथा उनके मुंह से आग, गंधक तथा धुआं निकल रहा था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मुझे इस दर्शन में घोड़े और उनके ऐसे सवार दिखाई दिए, जिनकी झिलमें आग, धूम्रकान्त, और गन्धक की जैसी थीं, और उन घोड़ों के सिर सिंहों के सिरों के समान थे: और उनके मुँह से आग, धुआँ, और गन्धक निकलते थे। |
यदि कोई उन्हें हानि पहुँचाना चाहता है तो उनके मुँह से आग निकलती है और उनके शत्रुओं को भस्म कर देती है। अतः यदि कोई उन्हें हानि पहुँचाना चाहे तो उसका इसी प्रकार से मारा जाना अवश्य है।
तो वह परमेश्वर के प्रकोप की मदिरा को पीएगा, जो उसके क्रोध के कटोरे में बिना किसी मिलावट के उंडेली जाएगी, और उसे पवित्र स्वर्गदूतों तथा मेमने की उपस्थिति में आग और गंधक से यातनाएँ दी जाएँगी।
परंतु पशु और उसके साथ वह झूठा भविष्यवक्ता पकड़ा गया, जिसने उसके सामने चिह्न दिखाए थे। उन चिह्नों से उसने उन लोगों को भरमाया जिन पर पशु की छाप थी और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे। उन दोनों को गंधक से जलती हुई आग की झील में जीवित ही फेंक दिया गया।
फिर उन्हें भरमानेवाला शैतान उस आग और गंधक की झील में फेंक दिया गया, जिसमें वह पशु और झूठा भविष्यवक्ता डाले गए थे; और वे दिन और रात युगानुयुग तड़पते रहेंगे।
पाँचवीं गोमेद, छठी माणिक्य, सातवीं पीतमणि, आठवीं पेरोज, नवीं पुखराज, दसवीं लहसनिया, ग्यारहवीं धूम्रकांत और बारहवीं चंद्रकांत की थी।
परंतु डरपोकों, अविश्वासियों, घृणितों, हत्यारों, व्यभिचारियों, जादू-टोना करनेवालों, मूर्तिपूजकों और सब झूठों का भाग आग और गंधक से जलती हुई झील में होगा, जो दूसरी मृत्यु है।”
इन तीन महामारियों, अर्थात् उनके मुँह से निकलनेवाली आग, धुएँ और गंधक के द्वारा एक-तिहाई मनुष्य मार डाले गए।
उनके कवच लोहे के कवच के समान थे, और उनके पंखों की आवाज़ ऐसी थी जैसे युद्ध में रथों और बहुत से घोड़ों के दौड़ने की हो।