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प्रकाशितवाक्य 4:6 - नवीन हिंदी बाइबल

सिंहासन के सामने बिल्‍लौर के समान काँच जैसा समुद्र था, और सिंहासन के मध्य और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी थे जिनके आगे और पीछे आँखें ही आँखें थीं।

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पवित्र बाइबल

सिंहासन के सामने पारदर्शी काँच का स्फटिक सागर सा फैला था। सिंहासन के ठीक सामने तथा उसके दोनों ओर चार प्राणी थे। उनके आगे और पीछे आँखें ही आँखें थीं।

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Hindi Holy Bible

और उस सिंहासन के साम्हने मानो बिल्लौर के समान कांच का सा समुद्र है, और सिंहासन के बीच में और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी हैं, जिन के आगे पीछे आंखे ही आंखे हैं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

सिंहासन के आसपास का फर्श मानो स्‍फटिक-सदृश पारदर्शी समुद्र है। सिंहासन के मध्‍य और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी हैं, जिनके आगे और पीछे आंखें ही आंखें हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और उस सिंहासन के सामने मानो बिल्‍लौर के समान काँच का सा समुद्र है। सिंहासन के बीच में और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी हैं, जिनके आगे पीछे आँखें ही आँखें हैं।

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सरल हिन्दी बाइबल

सिंहासन के सामने बिल्लौर के समान पारदर्शी कांच का समुद्र था. बीच के सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी थे, जिनके आगे की ओर तथा पीछे की ओर में आंखें ही आंखें थी.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और उस सिंहासन के सामने मानो बिल्लौर के समान काँच के जैसा समुद्र है, और सिंहासन के बीच में और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी हैं, जिनके आगे-पीछे आँखें ही आँखें हैं। (यहे. 10:12)

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प्रकाशितवाक्य 4:6
25 क्रॉस रेफरेंस  

उसने पीतल की एक हौदी बनाई, और उसका पाया भी पीतल का बनाया, ये मिलापवाले तंबू के द्वार पर सेवा करनेवाली स्‍त्रियों के पीतल के दर्पणों से बनाए गए।


वे सिंहासन, चारों प्राणियों और प्रवरों के सामने एक नया गीत गा रहे थे; परंतु उस गीत को उन एक लाख चौवालीस हज़ार लोगों को छोड़, जो पृथ्वी पर से छुड़ा लिए गए थे, कोई और नहीं सीख सकता था।


फिर मैंने अग्‍नि-मिश्रित काँच के समुद्र जैसा कुछ देखा, और जो लोग उस पशु पर और उसकी मूर्ति पर तथा उसके नाम की संख्या पर जयवंत हुए थे, वे उस काँच के समुद्र पर परमेश्‍वर की वीणाएँ लिए हुए खड़े थे।


तब उन चारों प्राणियों में से एक ने उन सातों स्वर्गदूतों को युगानुयुग जीवित परमेश्‍वर के प्रकोप से भरे सोने के सात कटोरे दिए।


तब चौबीसों प्रवरों और चारों प्राणियों ने परमेश्‍वर को, जो सिंहासन पर विराजमान था, गिरकर दंडवत् किया और कहा: आमीन! हाल्‍लेलूय्याह!


उसमें परमेश्‍वर की महिमा थी, और उसकी चमक बहुमूल्य पत्थर के समान अर्थात् सूर्यकांत पत्थर के समान थी और वह बिल्‍लौर जैसी स्वच्छ थी।


उसकी शहरपनाह सूर्यकांत मणि से बनी थी और नगर स्वच्छ काँच के समान शुद्ध सोने का था।


बारह फाटक बारह मोतियों के थे, एक-एक फाटक एक-एक मोती का था; और नगर की सड़क पारदर्शी काँच के समान शुद्ध सोने की थी।


तब स्वर्गदूत ने मुझे बिल्‍लौर के समान चमकती हुई जीवन के जल की नदी दिखाई, जो परमेश्‍वर और मेमने के सिंहासन से निकलती थी।


उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन थे, और उन सिंहासनों पर चौबीस प्रवर श्‍वेत वस्‍त्र पहने हुए बैठे थे, और उनके सिरों पर सोने के मुकुट थे।


फिर मैंने देखा, और मैंने सिंहासन, प्राणियों और उन प्रवरों के चारों ओर बहुत से स्वर्गदूतों की आवाज़ सुनी—उनकी संख्या लाखों-करोड़ों में थी।


तब चारों प्राणियों ने कहा, “आमीन।” और प्रवरों ने गिरकर उसे दंडवत् किया।


तब मैंने सिंहासन और उन चार प्राणियों तथा प्रवरों के मध्य, मानो एक वध किया हुआ मेमना खड़ा देखा। उसके सात सींग और सात आँखें थीं, ये परमेश्‍वर की सात आत्माएँ हैं, जो संपूर्ण पृथ्वी पर भेजी गई थीं।


जब उसने पुस्तक ले ली, तो वे चारों प्राणी और चौबीसों प्रवर उस मेमने के सामने गिर पड़े। उनमें से प्रत्येक के पास वीणा, और धूप अर्थात् पवित्र लोगों की प्रार्थनाओं से भरे सोने के कटोरे थे।


तब मैंने देखा कि मेमने ने सात मुहरों में से एक को खोला; और मैंने उन चार प्राणियों में से एक को गर्जन जैसी आवाज़ में यह कहते हुए सुना, “आ।”


फिर मैंने चारों प्राणियों के बीच में से मानो एक आवाज़ को यह कहते हुए सुना, “एक दीनार का एक किलो गेहूँ और एक दीनार का तीन किलो जौ, परंतु तेल और दाखरस की हानि न करना।”


तब सारे स्वर्गदूत जो उस सिंहासन, प्रवरों और चारों प्राणियों के चारों ओर खड़े थे, सिंहासन के सामने मुँह के बल गिर पड़े, और परमेश्‍वर को दंडवत् करके कहने लगे :


क्योंकि मेमना, जो सिंहासन के मध्य है, उनकी रखवाली करेगा और उन्हें जीवन के जल के सोतों के पास ले जाएगा, और परमेश्‍वर उनकी आँखों से सब आँसुओं को पोंछ डालेगा।”