यहोवा की वाणी से हरिणियों का गर्भपात हो जाता है, और वन उजड़ जाते हैं; उसके मंदिर में सब “महिमा, महिमा” पुकार उठते हैं!
प्रकाशितवाक्य 15:8 - नवीन हिंदी बाइबल तब परमेश्वर की महिमा और उसके सामर्थ्य के कारण मंदिर धुएँ से भर गया, और जब तक सातों स्वर्गदूतों की सातों विपत्तियाँ समाप्त न हुईं तब तक मंदिर में कोई भी प्रवेश न कर सका। पवित्र बाइबल वह मन्दिर परमेश्वर की महिमा और उसकी शक्ति के धुएँ से भरा हुआ था ताकि जब तक उन सात दूतों के सात विनाश पूरे न हो जायें, तब तक मन्दिर में कोई भी प्रवेश न करने पाये। Hindi Holy Bible और परमेश्वर की महिमा, और उस की सामर्थ के कारण मन्दिर धुएं से भर गया और जब तक उन सातों स्वर्गदूतों की सातों विपत्तियां समाप्त न हुईं, तब तक कोई मन्दिर में न जा सका॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) परमेश्वर की महिमा और उसके सामर्थ्य के कारण मन्दिर धूएँ से भर गया था और कोई तब तक मन्दिर में प्रवेश नहीं कर सकता था, जब तक सात स्वर्गदूतों की सात विपत्तियाँ पूरी न हो जायें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और परमेश्वर की महिमा और उसकी सामर्थ्य के कारण मन्दिर धुएँ से भर गया, और जब तक उन सातों स्वर्गदूतों की सातों विपत्तियाँ समाप्त न हुईं तब तक कोई मन्दिर में न जा सका। सरल हिन्दी बाइबल मंदिर परमेश्वर की आभा तथा सामर्थ्य के धुएं से भर गया और उस समय तक मंदिर में कोई भी प्रवेश न कर सका, जब तक उन सातों स्वर्गदूतों द्वारा उंडेली गई सातों विपत्तियां समाप्त न हो गईं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और परमेश्वर की महिमा, और उसकी सामर्थ्य के कारण मन्दिर धुएँ से भर गया और जब तक उन सातों स्वर्गदूतों की सातों विपत्तियाँ समाप्त न हुई, तब तक कोई मन्दिर में न जा सका। (यशा. 6:4) |
यहोवा की वाणी से हरिणियों का गर्भपात हो जाता है, और वन उजड़ जाते हैं; उसके मंदिर में सब “महिमा, महिमा” पुकार उठते हैं!
क्योंकि यहोवा आग में होकर सीनै पर्वत पर उतरा था, इसलिए सारा पर्वत धुएँ से भर गया। उसका धुआँ भट्ठे के धुएँ के समान उठ रहा था, तथा सारा पर्वत अत्यंत काँप रहा था।
यहोवा ने मूसा से कहा, “अपने भाई हारून से कह कि वह जब चाहे पवित्रस्थान में संदूक के ऊपरवाले प्रायश्चित्त के ढक्कने के सामने, परदे के भीतर प्रवेश न करे, नहीं तो वह मर जाएगा; क्योंकि मैं प्रायश्चित्त के ढक्कने के ऊपर बादल में दिखाई दूँगा।
आहा! परमेश्वर का धन, बुद्धि और ज्ञान कितना गहन है! उसके निर्णय कैसे अथाह और उसके मार्ग कैसे अगम्य हैं!
तब मैंने स्वर्ग में एक और बड़ा तथा अद्भुत चिह्न देखा : सात स्वर्गदूत सात अंतिम विपत्तियाँ लिए हुए थे, क्योंकि इनके साथ ही परमेश्वर का प्रकोप भी समाप्त हो जाएगा।
उसमें परमेश्वर की महिमा थी, और उसकी चमक बहुमूल्य पत्थर के समान अर्थात् सूर्यकांत पत्थर के समान थी और वह बिल्लौर जैसी स्वच्छ थी।