ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




प्रकाशितवाक्य 13:15 - नवीन हिंदी बाइबल

उसे उस पशु की मूर्ति में प्राण डालने का अधिकार दिया गया जिससे पशु की वह मूर्ति बोलने लगे और उन्हें मरवा डाले, जो उस मूर्ति की पूजा नहीं करते।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

दूसरे पशु को यह शक्ति दी गई थी कि वह पहले पशु की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा करे ताकि पहले पशु की वह मूर्ति न केवल बोल सके बल्कि उन सभी को मार डालने का आदेश भी दे सके जो इस मूर्ति की उपासना नहीं करते।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

और उसे उस पशु की मूरत में प्राण डालने का अधिकार दिया गया, कि पशु की मूरत बोलने लगे; और जितने लोग उस पशु की मूरत की पूजा न करें, उन्हें मरवा डाले।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

उसे पशु की प्रतिमा में प्राण डालने की अनुमति मिली, जिसके फलस्‍वरूप वह प्रतिमा बोल सकी और उन सब को मरवा देती थी, जो पशु की प्रतिमा की आराधना नहीं करते थे।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

उसे उस पशु की मूर्ति में प्राण डालने का अधिकार दिया गया कि पशु की मूर्ति बोलने लगे, और जितने लोग उस पशु की मूर्ति की पूजा न करें, उन्हें मरवा डाले।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

उसे उस पशु की मूर्ति को ज़िंदा करने की क्षमता दी गई कि वह मूर्ति बातचीत कर सके तथा उनका नाश करवा सके, जिन्हें उस मूर्ति की पूजा-अर्चना करना स्वीकार न था.

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और उसे उस पशु की मूर्ति में प्राण डालने का अधिकार दिया गया, कि पशु की मूर्ति बोलने लगे; और जितने लोग उस पशु की मूर्ति की पूजा न करें, उन्हें मरवा डाले। (दानि. 3:5,6)

अध्याय देखें



प्रकाशितवाक्य 13:15
25 क्रॉस रेफरेंस  

तब यहोवा परमेश्‍वर ने आदम को भूमि की मिट्टी से रचा, और उसके नथनों में जीवन का श्‍वास फूँक दिया; और आदम जीवित प्राणी बन गया।


उनके मुँह तो हैं, परंतु वे बोल नहीं सकतीं; उनकी आँखें तो हैं, परंतु वे देख नहीं सकतीं।


अतः जिस प्रकार देह आत्मा के बिना मरी हुई है, उसी प्रकार विश्‍वास भी कार्यों के बिना मरा हुआ है।


फिर मैंने एक पशु को समुद्र में से निकलते हुए देखा। उसके दस सींग और सात सिर थे और उसके सींगों पर दस मुकुट थे तथा उसके सिरों पर परमेश्‍वर की निंदा के नाम लिखे हुए थे।


वह पहले पशु के सब अधिकारों को उसके सामने काम में लाता था, और पृथ्वी और उस पर रहनेवालों से उस पहले पशु की, जिसका प्राणघातक घाव ठीक हो गया था, पूजा कराता था।


और वह इन चिह्‍नों के द्वारा जिन्हें उस पशु की ओर से दिखाने का उसे अधिकार मिला था, पृथ्वी पर रहनेवालों को भरमाता था और उनसे उस पशु की मूर्ति बनाने के लिए कहता था, जो तलवार से घायल था और फिर भी जीवित था।


उनकी पीड़ा का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा, और जो उस पशु की और उसकी मूर्ति की पूजा करते हैं और उसके नाम की छाप लगवाते हैं, उन्हें दिन और रात विश्राम न मिलेगा।”


इसके बाद एक और, तीसरा स्वर्गदूत उनके पीछे ऊँची आवाज़ से यह कहता हुआ आया, “यदि कोई उस पशु की और उसकी मूर्ति की पूजा करेगा तथा अपने माथे या अपने हाथ पर छाप लगवाएगा,


अतः पहले स्वर्गदूत ने जाकर अपना कटोरा पृथ्वी पर उंडेल दिया। तब उन मनुष्यों के, जिन पर पशु की छाप थी और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे, भयंकर और कष्‍टदायक फोड़े निकल आए।


तब मैंने जल के स्वर्गदूत को यह कहते हुए सुना : हे पवित्र! जो है और जो था, तू धर्मी है, क्योंकि तूने इन बातों का न्याय किया है।


वे मेमने के साथ युद्ध करेंगे पर मेमना उन पर विजयी होगा, क्योंकि वह प्रभुओं का प्रभु और राजाओं का राजा है, और जो उसके साथ हैं वे बुलाए हुए, चुने हुए और विश्‍वासयोग्य हैं।”


परमेश्‍वर ने अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए उनके मनों में यह बात डाली है कि जब तक परमेश्‍वर का वचन पूरा न हो जाए, वे एकमत रहें और अपना-अपना राज्य उस पशु को दे दें।


फिर मैंने उस स्‍त्री को पवित्र लोगों के लहू और यीशु के गवाहों के लहू को पीकर मतवाली होते देखा। उसे देखकर मैं अत्यंत आश्‍चर्यचकित हो गया।


हे स्वर्ग! हे पवित्र लोगो, प्रेरितो और भविष्यवक्‍ताओ! उसके कारण आनंद मनाओ, क्योंकि परमेश्‍वर ने तुम्हारा न्याय किया है और उसके विरुद्ध निर्णय दिया है।”


और तुझमें भविष्यवक्‍ताओं, पवित्र लोगों और उन सब का लहू पाया गया है जो पृथ्वी पर वध किए गए थे।”


परंतु पशु और उसके साथ वह झूठा भविष्यवक्‍ता पकड़ा गया, जिसने उसके सामने चिह्‍न दिखाए थे। उन चिह्‍नों से उसने उन लोगों को भरमाया जिन पर पशु की छाप थी और जो उसकी मूर्ति की पूजा करते थे। उन दोनों को गंधक से जलती हुई आग की झील में जीवित ही फेंक दिया गया।


फिर मैंने सिंहासन देखे और उन पर लोग बैठ गए और उन्हें न्याय करने का अधिकार दिया गया। फिर मैंने उन लोगों की आत्माओं को भी देखा जिनके सिर यीशु की गवाही देने और परमेश्‍वर के वचन के कारण काट दिए गए थे, और जिन्होंने न तो उस पशु की और न ही उसकी मूर्ति की पूजा की थी और न अपने माथे और हाथों पर उसकी छाप लगवाई थी। फिर वे जीवित हो गए और उन्होंने एक हज़ार वर्ष तक मसीह के साथ राज्य किया।