नीतिवचन 8:36 - नवीन हिंदी बाइबल परंतु जो मुझे पाने से चूक जाता है, वह अपनी ही हानि करता है। मुझसे बैर रखनेवाले सब लोग मृत्यु से प्रेम रखते हैं।” पवित्र बाइबल किन्तु जो मुझको, पाने में चूकता, वह तो अपनी ही हानि करता है। मुझसे जो भी जन सतत बैर रखते हैं, वे जन तो मृत्यु के प्यारे बन जाते हैं!” Hindi Holy Bible परन्तु जो मेरा अपराध करता है, वह अपने ही पर उपद्रव करता है; जितने मुझ से बैर रखते वे मृत्यु से प्रीति रखते हैं॥ पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पर जो मुझे चूक जाता है, वह अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारता है; जो मुझसे घृणा करता है वह मृत्यु को प्यार करता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु जो मेरा अपराध करता है, वह अपने ही पर उपद्रव करता है; जितने मुझ से बैर रखते वे मृत्यु से प्रीति रखते हैं।” सरल हिन्दी बाइबल किंतु वह, जो मुझे पाने में असफल होता है, वह स्वयं का नुकसान कर लेता है; वे सभी, जो मुझसे घृणा करते हैं, वे मृत्यु का आलिंगन करते हैं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु जो मुझे ढूँढ़ने में विफल होता है, वह अपने ही पर उपद्रव करता है; जितने मुझसे बैर रखते, वे मृत्यु से प्रीति रखते हैं।” |
क्योंकि नासमझ लोगों का भटक जाना उनकी मृत्यु का कारण होगा, और मूर्खों का निश्चिंत रहना उनके नाश का कारण होगा।
जो कोई शिक्षा से प्रीति रखता है, वह ज्ञान से प्रीति रखता है; परंतु जो ताड़ना से घृणा करता है, वह पशु के समान निर्बुद्धि है।
जो शिक्षा की उपेक्षा करता है, वह अपने प्राण को तुच्छ जानता है; परंतु जो ताड़ना पर ध्यान देता है, वह समझ प्राप्त करता है।
राजा का भयंकर क्रोध सिंह की दहाड़ के समान होता है, जो उसे भड़काता है, वह अपने प्राण से हाथ धो बैठता है।
तब पौलुस और बरनाबास ने साहसपूर्वक कहा, “यह आवश्यक था कि परमेश्वर का वचन पहले तुम्हें सुनाया जाता; परंतु तुम उसे ठुकराते और अपने आपको अनंत जीवन के अयोग्य ठहराते हो। इसलिए देखो, हम गैरयहूदियों की ओर फिरते हैं।
कि पौलुस ने ऊँची आवाज़ से पुकारकर कहा, “अपने आपको हानि न पहुँचा, क्योंकि हम सब यहीं हैं।”
तो तुम्हीं सोचो कि वह कितने कठोर दंड के योग्य होगा, जिसने परमेश्वर के पुत्र को पैरों से रौंदा, और वाचा के उस लहू को अपवित्र समझा जिससे वह पवित्र किया गया था, और अनुग्रह के आत्मा का अपमान किया?
तो हम ऐसे महान उद्धार की उपेक्षा करके कैसे बच सकते हैं? इस उद्धार का वर्णन सर्वप्रथम प्रभु के द्वारा किया गया, और सुननेवालों के द्वारा हमारे सामने इसकी पुष्टि हुई।