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नीतिवचन 4:23 - नवीन हिंदी बाइबल

सब से अधिक अपने मन की चौकसी कर, क्योंकि जीवन का सोता उसी में है।

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पवित्र बाइबल

सबसे बड़ी बात यह है कि तू अपने विचारों के बारे में सावधान रह। क्योंकि तेरे विचार जीवन को नियंत्रण में रखते हैं।

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Hindi Holy Bible

सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मेरे पुत्र, सबसे अधिक अपने हृदय की रक्षा कर; क्‍योंकि जीवन के स्रोत उससे ही फूटते हैं।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

सबसे अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।

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सरल हिन्दी बाइबल

सबसे अधिक अपने हृदय की रक्षा करते रहना, क्योंकि जीवन के प्रवाह इसी से निकलते हैं.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

सबसे अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है।

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नीतिवचन 4:23
21 क्रॉस रेफरेंस  

कृपालु स्‍त्री सम्मान प्राप्‍त करती है, जबकि निर्दयी मनुष्य धन को झपट लेते हैं।


जो अपने मुँह की चौकसी करता है, वह अपने प्राण की रक्षा करता है; पर जो व्यर्थ की बातें करता है, उसका विनाश होता है।


सीधे लोगों का राजमार्ग बुराई से हटना है; जो अपने चाल-चलन की चौकसी करता है, वह अपने जीवन की भी रक्षा करता है।


कुटिल मनुष्य के मार्ग में काँटे और फंदे होते हैं; जो अपने प्राण की रक्षा करता है, वह उनसे दूर रहता है।


हे मेरे पुत्र, मेरी बात ध्यान से सुन और बुद्धिमान बन; और अपना मन सुमार्ग पर लगा।


जो अपने ऊपर भरोसा रखता है, वह मूर्ख है; परंतु जो बुद्धिमानी से चलता है, वह छुटकारा पाएगा।


हे मेरे पुत्र, खरी बुद्धि और विवेक की रक्षा कर; ये बातें तेरी दृष्‍टि से ओझल न हों,


बुद्धि श्रेष्‍ठ है, इसलिए उसे प्राप्‍त कर; तू जो कुछ भी प्राप्‍त करे, उसके साथ-साथ समझ को भी प्राप्‍त कर।


मैंने संसार में एक दुखदायक बुराई देखी है : धन का स्वामी उसका संचय अपनी ही हानि के लिए करता है।


परंतु जो मुँह से बाहर आता है, वह मन से निकलता है और वही मनुष्य को अशुद्ध करता है।


क्योंकि मन से बुरे बुरे विचार, हत्या, परस्‍त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निंदा निकलती हैं।


जागते और प्रार्थना करते रहो कि तुम परीक्षा में न पड़ो; आत्मा तो तैयार है परंतु देह दुर्बल है।”


भला मनुष्य अपने मन के भले भंडार से भली बात निकालता है, और बुरा मनुष्य अपने मन के बुरे भंडार से बुरी बात निकालता है; क्योंकि जो मन में भरा है वही उसके मुँह पर आता है।


ध्यान रखो कि कोई भी परमेश्‍वर के अनुग्रह से वंचित न रह जाए, कहीं ऐसा न हो कि कोई कड़वी जड़ फूटकर कष्‍ट दे और उसके द्वारा बहुत से लोग अशुद्ध हो जाएँ।