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नीतिवचन 19:21 - नवीन हिंदी बाइबल

मनुष्य के मन में बहुत सी योजनाएँ होती हैं, परंतु जो यहोवा का उद्देश्य होता है वही पूरा होता है।

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पवित्र बाइबल

मनुष्य अपने मन में क्या—क्या! करने की सोचता है किन्तु यहोवा का उद्देश्य पूरा होता है।

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Hindi Holy Bible

मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएं होती हैं, परन्तु जो युक्ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मनुष्‍य अपने मन में अनेक योजनाएं बनाता है; परन्‍तु प्रभु का अभिप्राय स्‍थिर रहता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएँ होती हैं, परन्तु जो युक्‍ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है।

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सरल हिन्दी बाइबल

मनुष्य के मन में अनेक-अनेक योजनाएं उत्पन्‍न होती रहती हैं, किंतु अंततः याहवेह का उद्देश्य ही पूरा होता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

मनुष्य के मन में बहुत सी कल्पनाएँ होती हैं, परन्तु जो युक्ति यहोवा करता है, वही स्थिर रहती है।

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नीतिवचन 19:21
32 क्रॉस रेफरेंस  

तुम लोग तो मेरे साथ बुराई करना चाहते थे, परंतु परमेश्‍वर ने उसी को भलाई में बदलने का विचार किया, ताकि बहुत से लोगों के प्राण बच जाएँ, जैसा कि आज प्रकट है।


यद्यपि उन्होंने तेरी हानि करने की ठानी है और षड्यंत्र रचा है, पर वे सफल न होंगे।


उन्होंने कहा है, “आओ, हम उनकी पूरी जाति को ही मिटा डालें, ताकि इस्राएल का नाम फिर कभी स्मरण न किया जाए।”


भले मनुष्य पर यहोवा कृपा करता है, परंतु बुरी युक्‍ति रचनेवाले को वह दोषी ठहराता है।


मनुष्य के मन में विचार उत्पन्‍न होते हैं, परंतु मुँह के बोल यहोवा की ओर से होते हैं।


मनुष्य का मन उसके मार्ग की योजनाएँ बनाता है, परंतु यहोवा उसके प्रत्येक कदम को निर्धारित करता है।


मनुष्य का दयालु होना शोभनीय है; और झूठा होने से उत्तम निर्धन होना है।


राजा का मन यहोवा के हाथ में जल-धारा के समान है, वह उसे जहाँ चाहता है मोड़ देता है।


ऐसी कोई बुद्धि, कोई समझ और कोई युक्‍ति नहीं, जो यहोवा के विरुद्ध ठहर सके।


देखो, मैंने केवल यह बात पाई है कि जब परमेश्‍वर ने मनुष्य को बनाया तो वह धर्मी था, परंतु उसने बहुत सी बुरी युक्‍तियाँ निकाल ली हैं।”


उसी में जिसमें हम भी उसके उद्देश्य के अनुसार, जो अपनी इच्छा के निर्णय के अनुसार सब कुछ करता है, पहले से ही उत्तराधिकारी ठहराए गए हैं,


और “ठोकर का पत्थर और ठेस की चट्टान हो गया।” वे ठोकर खाते हैं क्योंकि वे वचन को नहीं मानते, जिसके लिए वे ठहराए भी गए थे।


इसलिए कि कुछ लोग चुपके से घुस आए हैं जिनके इस दंड के विषय में बहुत पहले से लिखा गया था : ये भक्‍तिहीन हैं, और हमारे परमेश्‍वर के अनुग्रह को लुचपन में बदल डालते हैं और हमारे एकमात्र स्वामी और प्रभु, यीशु मसीह का इनकार करते हैं।