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नीतिवचन 13:2 - नवीन हिंदी बाइबल

मनुष्य अपने मुँह से निकले शब्दों के कारण भली वस्तुओं का आनंद उठाता है, परंतु विश्‍वासघाती लोगों का मन हिंसा से ही तृप्‍त होता है।

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पवित्र बाइबल

सज्जन अपनी वाणी के सुफल का आनन्द लेता है, किन्तु दुर्जन तो सदा हिंसा चाहता हैं।

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Hindi Holy Bible

सज्जन अपनी बातों के कारण उत्तम वस्तु खाने पाता है, परन्तु विश्वासघाती लोगों का पेट उपद्रव से भरता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

सज्‍जन अपने मीठे वचनों से मीठा फल ही खाता है; किन्‍तु विश्‍वासघाती मनुष्‍य की इच्‍छा सदा हिंसा ही होती है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

सज्जन अपनी बातों के कारण उत्तम वस्तु खाने पाता है, परन्तु विश्‍वासघाती लोगों का पेट उपद्रव से भरता है।

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सरल हिन्दी बाइबल

मनुष्य अपनी बातों का ही प्रतिफल प्राप्‍त करता है, किंतु हिंसा ही विश्वासघाती का लक्ष्य होता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

सज्जन अपनी बातों के कारण उत्तम वस्तु खाने पाता है, परन्तु विश्वासघाती लोगों का पेट उपद्रव से भरता है।

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नीतिवचन 13:2
16 क्रॉस रेफरेंस  

निंदा करनेवाला मनुष्य पृथ्वी पर स्थिर न रह पाए; उपद्रवी मनुष्य को गिराने के लिए बुराई उसका पीछा करे।


यहोवा के हाथ में एक कटोरा है, जिसमें झागवाला दाखमधु है; उसमें मसाला मिला है, और वह उसमें से उँडेलता है। निश्‍चय पृथ्वी के सब दुष्‍ट लोग उसकी अंतिम बूँद तक पी जाएँगे।


ये तो अपनी ही हत्या के लिए घात लगाते हैं, और अपने ही प्राणों की घात में रहते हैं।


इसलिए वे अपनी ही करनी का फल भोगेंगे, और अपनी ही युक्‍तियों के फल से अघा जाएँगे।


धर्मी का मुँह तो जीवन का सोता है, परंतु दुष्‍टों के मुँह पर हिंसा छाई रहती है।


धर्मियों की अभिलाषा का परिणाम तो भलाई, परंतु दुष्‍टों की आशा का परिणाम प्रकोप होता है।


मनुष्य अपने मुँह से निकले शब्दों के अनुसार भली वस्तुओं से तृप्‍त होता है, और उसे अपने ही हाथों के कार्य का प्रतिफल मिलता है।


मनुष्य का पेट उसके मुँह से निकले शब्दों से भरता है, और वह अपने होंठों के फल से संतुष्‍ट होता है।


जीभ के वश में मृत्यु और जीवन दोनों होते हैं, और जो उसका सदुपयोग करना जानता है, वह उसका फल पाएगा।


वे तो दुष्‍टता की रोटी खाते, और हिंसा का दाखमधु पीते हैं।


इन लोगों ने पवित्र जनों और भविष्यवक्‍ताओं का लहू बहाया था, और तूने इन्हें पीने के लिए लहू दिया। वे इसी के योग्य हैं।