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नीतिवचन 11:24 - नवीन हिंदी बाइबल

कोई तो उदारता से देता है, फिर भी उसकी बढ़ती होती है; और कोई तो जितना देना चाहिए उससे कम देता है, फिर भी उसे घटी ही रहती है।

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पवित्र बाइबल

जो उदार मुक्त भाव से दान देता है, उसका लाभ तो सतत बढ़ता ही जाता है, किन्तु जो अनुचित रूप से सहेज रखते, उनका तो अंत बस दरिद्रता होता।

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Hindi Holy Bible

ऐसे हैं, जो छितरा देते हैं, तौभी उनकी बढ़ती ही होती है; और ऐसे भी हैं जो यथार्थ से कम देते हैं, और इस से उनकी घटती ही होती है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मुक्‍त हृदय से लुटानेवाला मनुष्‍य धनवान होता जाता है; पर जो मनुष्‍य जितना देना चाहिए उतना नहीं देता; वह अभावग्रस्‍त हो जाता है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

ऐसे हैं, जो छितरा देते हैं, तौभी उनकी बढ़ती ही होती है; और ऐसे भी हैं जो यथार्थ से कम देते हैं, और इस से उनकी घटती ही होती है।

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सरल हिन्दी बाइबल

कोई तो उदारतापूर्वक दान करते है, फिर भी अधिकाधिक धनाढ्य होता जाता है; किंतु अन्य है जो उसे दबाकर रखता है, और फिर भी वह तंगी में ही रहता है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

ऐसे हैं, जो छितरा देते हैं, फिर भी उनकी बढ़ती ही होती है; और ऐसे भी हैं जो यथार्थ से कम देते हैं, और इससे उनकी घटती ही होती है। (2 कुरि. 9:6)

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नीतिवचन 11:24
19 क्रॉस रेफरेंस  

उसने उदारता से दरिद्रों को दान दिया; उसकी धार्मिकता सदा बनी रहती है। उसका सिर सम्मान से ऊँचा किया जाएगा।


दुष्‍ट का कमाया धन अस्थिर होता है, परंतु जो धार्मिकता का बीज बोता है, उसे सच्‍चा प्रतिफल मिलता है।


धर्मियों की अभिलाषा का परिणाम तो भलाई, परंतु दुष्‍टों की आशा का परिणाम प्रकोप होता है।


उदार व्यक्‍ति संपन्‍न हो जाता है; और जो दूसरों की खेती सींचता है, उसकी भी सींची जाएगी।


कोई तो धनी होने का दिखावा करता है, जबकि उसके पास कुछ नहीं होता; और कोई कंगाल होने का दिखावा करता है, जबकि उसके पास बहुत धन-संपत्ति होती है।


जो कंगाल पर तरस खाता है, वह यहोवा को उधार देता है; और यहोवा उसे उसके भले कार्य का प्रतिफल देगा।


जो कंगाल को दान देता है उसे घटी नहीं होती, परंतु जो उससे दृष्‍टि फेर लेता है उस पर बहुत से शाप आ पड़ते हैं।


जो ब्याज और अनुचित लाभ के द्वारा अपना धन बढ़ाता है, वह उसके लिए जमा करता है जो कंगालों पर कृपा करता है।


तू भोर को अपना बीज बो, और साँझ को भी अपना हाथ न रोक; क्योंकि तू नहीं जानता कि कौन सा सफल होगा, यह या वह, अथवा दोनों के दोनों एक समान अच्छे निकलेंगे।


दो, तो तुम्हें दिया जाएगा; लोग अच्छे नाप से दबा दबाकर और हिला हिलाकर उमड़ता हुआ तुम्हारी गोद में डालेंगे; क्योंकि जिस नाप से तुम नापते हो उसी से तुम्हारे लिए भी नापा जाएगा।”