निर्गमन 17:7 - नवीन हिंदी बाइबल मूसा ने उस स्थान का नाम मस्सा और मरीबा रखा, क्योंकि इस्राएलियों ने वहाँ झगड़ा किया था, और यह कहकर यहोवा की परीक्षा की थी, “क्या यहोवा हमारे बीच है या नहीं?” पवित्र बाइबल मूसा ने इस स्थान का नाम मरीबा और मस्सा रखा। क्योंकि यह वह स्थान था जहाँ इस्राएल के लोग उसके विरुद्ध हुए और उन्होंने यहोवा की परीक्षा ली थी। लोग यह जानना चाहते थे कि यहोवा उनके साथ है या नहीं। Hindi Holy Bible और मूसा ने उस स्थान का नाम मस्सा और मरीबा रखा, क्योंकि इस्राएलियों ने वहां वादविवाद किया था, और यहोवा की परीक्षा यह कहकर की, कि क्या यहोवा हमारे बीच है वा नहीं? पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मूसा ने उस स्थान का नाम मस्सा और मरीबा रखा; क्योंकि इस्राएलियों ने वहाँ मूसा से विवाद किया और प्रभु को परखा था। उन्होंने कहा, ‘क्या हमारे मध्य प्रभु है, अथवा नहीं? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और मूसा ने उस स्थान का नाम मस्सा और मरीबा रखा, क्योंकि इस्राएलियों ने वहाँ वाद–विवाद किया था, और यहोवा की परीक्षा यह कहकर की, “क्या यहोवा हमारे बीच है या नहीं?” सरल हिन्दी बाइबल और उन्होंने उस स्थान का नाम मस्साह तथा मेरिबाह रख दिया, क्योंकि यहां इस्राएलियों ने बहस की और यह कहते हुए याहवेह को परखा था, “हमारे साथ याहवेह हैं या नहीं?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मूसा ने उस स्थान का नाम मस्सा और मरीबा रखा, क्योंकि इस्राएलियों ने वहाँ वाद-विवाद किया था, और यहोवा की परीक्षा यह कहकर की, “क्या यहोवा हमारे बीच है या नहीं?” |
तूने संकट में पड़कर पुकारा, और मैंने तुझे छुड़ाया; मैंने बादल गरजने के गुप्त स्थान से तुझे उत्तर दिया, और मरीबा नामक सोते के पास तुझे परखा। सेला।
यदि आज तुम उसकी बात सुनो तो अपना हृदय ऐसा कठोर न करना, जैसा उस दिन जंगल में मरीबा और मस्सा में किया था,
इसलिए वे मूसा से झगड़ा करते हुए कहने लगे, “हमें पीने का पानी दे।” मूसा ने उनसे कहा, “तुम मुझसे क्यों झगड़ते हो? तुम यहोवा की परीक्षा क्यों करते हो?”
फिर उसने कहा, “हे प्रभु, अब यदि तेरी कृपादृष्टि मुझ पर हुई हो, तो प्रभु हम लोगों के बीच में से होकर चले; यद्यपि ये हठीले लोग हैं, फिर भी हमारे अधर्म और पाप को क्षमा कर और अपने निज भाग के रूप में हमें ग्रहण कर।”
वचन देहधारी हुआ और हमारे बीच में डेरा किया। हमने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। वह अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण था।