तीतुस 2:5 - नवीन हिंदी बाइबल समझदार, पवित्र आचरण रखनेवाली, कुशल गृहणी, भली और अपने-अपने पति के अधीन रहनेवाली हों, जिससे परमेश्वर के वचन की निंदा न हो। पवित्र बाइबल जिससे वे संयमी, पवित्र, अपने-अपने घरों की देखभाल करने वाली, दयालु अपने पतियों की आज्ञा मानने वाली बनें जिससे परमेश्वर के वचन की निन्दा न हो। Hindi Holy Bible और संयमी, पतिव्रता, घर का कारबार करने वाली, भली और अपने अपने पति के आधीन रहने वाली हों, ताकि परमेश्वर के वचन की निन्दा न होने पाए। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) समझदार, शुद्ध और सुशील हों, अपने घर का अच्छा प्रबन्ध करें और अपने पति के अधीन रहें, जिससे लोग परमेश्वर के शुभ-संदेश की निन्दा न कर सकें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और संयमी, पतिव्रता, घर का कारबार करनेवाली, भली, और अपने–अपने पति के अधीन रहनेवाली हों, ताकि परमेश्वर के वचन की निन्दा न होने पाए। सरल हिन्दी बाइबल और वे विवेकशील, पवित्र, सुघड़ गृहणी व सुशील हों और अपने-अपने पति के अधीन रहें, जिससे परमेश्वर के वचन की निंदा न हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और संयमी, पतिव्रता, घर का कारबार करनेवाली, भली और अपने-अपने पति के अधीन रहनेवाली हों, ताकि परमेश्वर के वचन की निन्दा न होने पाए। |
फिर उसने स्त्री से कहा, “मैं तेरी प्रसव-पीड़ा को बहुत अधिक बढ़ाऊँगा; तू पीड़ा के साथ बच्चों को जन्म देगी। तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।”
हे परमेश्वर, बैरी कब तक निंदा करता रहेगा? क्या शत्रु तेरे नाम का तिरस्कार सदा करता रहेगा?
याफा में तबीता नामक एक शिष्या रहती थी, जिसके नाम का यूनानी अनुवाद है दोरकास। वह बहुत से भले कार्य और दान किया करती थी।
पतरस उठकर उनके साथ चल दिया; जब वह वहाँ पहुँचा तो वे उसे अटारी पर ले गए। तब सब विधवाएँ रोती हुई उसके पास खड़ी हो गईं, और जो कुरते और वस्त्र दोरकास ने उनके साथ रहते हुए बनाए थे, दिखाने लगीं।
परंतु मैं चाहता हूँ कि तुम यह जान लो कि प्रत्येक पुरुष का सिर मसीह है, और स्त्री का सिर पुरुष है, और मसीह का सिर परमेश्वर है।
स्त्रियाँ कलीसियाओं में चुप रहें, क्योंकि उन्हें बोलने की अनुमति नहीं; परंतु वे अधीन रहें, जैसा व्यवस्था भी कहती है।
अतः तुममें से प्रत्येक अपनी पत्नी से अपने समान प्रेम रखे, और पत्नी भी अपने पति का भय माने।
वह अच्छे कार्यों के लिए जानी जाती हो, अर्थात् जिसने बच्चों का पालन-पोषण किया हो, अतिथि सेवा की हो, पवित्र लोगों के पैर धोए हों, दुखियों की सहायता की हो, और जो हर भले कार्य में लगी रही हो।
जितने भी जुए के नीचे हैं अर्थात् दास हैं, वे अपने-अपने स्वामियों को बड़े आदर के योग्य समझें, ताकि परमेश्वर के नाम और हमारी शिक्षा की निंदा न हो।
ताकि वे जवान स्त्रियों को सिखा सकें कि वे अपने-अपने पति और बच्चों से प्रीति रखनेवाली,