तीतुस 1:11 - नवीन हिंदी बाइबल इनका मुँह बंद करना आवश्यक है, क्योंकि वे नीचता से धन कमाने के लिए गलत शिक्षा देकर घर के घर बिगाड़ रहे हैं। पवित्र बाइबल उनका तो मुँह बन्द किया ही जाना चाहिए। क्योंकि वे जो बातें नहीं सिखाने की हैं, उन्हें सिखाते हुए घर के घर बिगाड़ रहे हैं। बुरे रास्तों से धन कमाने के लिये ही वे ऐसा करते हैं। Hindi Holy Bible इन का मुंह बन्द करना चाहिए: ये लोग नीच कमाई के लिये अनुचित बातें सिखा कर घर के घर बिगाड़ देते हैं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ऐसे लोगों का मुँह बन्द कर देना चाहिए, क्योंकि वे घिनावने लाभ के लिए अनुचित बातें सिखाते हैं और इस प्रकार परिवार के परिवार चौपट कर देते हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इनका मुँह बन्द करना चाहिए। ये लोग नीच कमाई के लिये अनुचित बातें सिखाकर घर के घर बिगाड़ देते हैं। सरल हिन्दी बाइबल इनका मुख बंद करना अत्यावश्यक है क्योंकि ये नीच कमाई के लाभ के लिए गलत शिक्षा देकर घर के घर उजाड़ रहे हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इनका मुँह बन्द करना चाहिए: ये लोग नीच कमाई के लिये अनुचित बातें सिखाकर घर के घर बिगाड़ देते हैं। |
परंतु राजा परमेश्वर में आनंदित होगा; जो परमेश्वर की शपथ खाता है, वह उल्लसित होगा क्योंकि झूठ बोलनेवालों का मुँह बंद किया जाएगा।
“हे पाखंडी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! क्योंकि तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग के राज्य का द्वार बंद कर देते हो; और न तो तुम स्वयं उसमें प्रवेश करते हो और न ही उन्हें जो प्रवेश कर रहे हैं, प्रवेश करने देते हो।
मज़दूर, चरवाहा नहीं है, न ही भेड़ें उसकी अपनी हैं। वह जब भेड़िए को आते देखता है तो भेड़ों को छोड़कर भाग जाता है, और भेड़िया उन्हें पकड़कर तितर-बितर कर देता है;
अब हम जानते हैं कि व्यवस्था जो भी कहती है उन्हीं से कहती है जो व्यवस्था के अधीन हैं, ताकि प्रत्येक मुँह बंद किया जाए और सारा संसार परमेश्वर को लेखा देनेवाला ठहरे;
जबकि मसीह की सच्चाई मुझमें है, तो अखाया क्षेत्र में कोई भी मुझे इस बात पर गर्व करने से रोक नहीं सकेगा।
साथ ही साथ, वे घर-घर फिरकर आलसी होना भी सीखती हैं, और न केवल आलसी होना सीखती हैं बल्कि बकबक करती और दूसरों के कामों में हस्तक्षेप भी करती हैं, तथा ऐसी बातें बोलती हैं जो बोलनी नहीं चाहिए।
यदि किसी विधवा के बच्चे या नाती-पोते हों, तो वे पहले अपने परिवार में भक्ति का व्यवहार करना और अपने माता-पिता के उपकारों का बदला चुकाना सीखें; क्योंकि परमेश्वर की दृष्टि में यह ग्रहणयोग्य है।
और उन मनुष्यों में निरंतर झगड़े उत्पन्न होते हैं, जिनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है और जो सत्य से वंचित रह गए हैं और सोचते हैं कि भक्ति कमाई का साधन है।
जो यह कहते हुए सत्य से भटक गए हैं कि पुनरुत्थान पहले ही हो चुका है, और कितनों के विश्वास को उलट देते हैं।
इन्हीं में से वे लोग हैं जो घरों में घुसकर उन मूर्ख स्त्रियों को वश में कर लेते हैं जो पापों से दबी और विभिन्न प्रकार की लालसाओं में फँसी हैं।
परमेश्वर के भंडारी के रूप में अध्यक्ष के लिए आवश्यक है कि वह निर्दोष हो; वह न तो अहंकारी, न क्रोधी, न पियक्कड़, न मारपीट करनेवाला और न ही धन का लोभी हो,
और वह उस विश्वासयोग्य वचन को दृढ़ता से थामे रहे जो धर्मोपदेश के अनुसार है, ताकि वह खरी शिक्षा का उपदेश दे सके और विरोधियों का मुँह भी बंद कर सके।