गलातियों 3:15 - नवीन हिंदी बाइबल हे भाइयो, मैं मानवीय रीति पर कह रहा हूँ, मनुष्य का अनुबंध भी जब पक्का हो जाता है तो न कोई उसे रद्द करता है और न उसमें कुछ जोड़ता है। पवित्र बाइबल हे भाईयों, अब मैं तुम्हें दैनिक जीवन से एक उदाहरण देने जा रहा हूँ। देखो, जैसे किसी मनुष्य द्वारा कोई करार कर लिया जाने पर, न तो उसे रद्द किया जा सकता है और न ही उस में से कुछ घटाया जा सकता है। और न बढ़ाया, Hindi Holy Bible हे भाइयों, मैं मनुष्य की रीति पर कहता हूं, कि मनुष्य की वाचा भी जो पक्की हो जाती है, तो न कोई उसे टालता है और न उस में कुछ बढ़ाता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) भाइयो और बहिनो! मैं आप लोगों को साधारण जीवन का उदाहरण दे रहा हूँ। किसी मनुष्य का प्रामाणिक वसीयतनामा न तो कोई रद्द कर सकता और न उसमें कुछ जोड़ सकता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हे भाइयो, मैं मनुष्य की रीति पर कहता हूँ; मनुष्य की वाचा भी जो पक्की हो जाती है, तो न कोई उसे टालता है और न उसमें कुछ बढ़ाता है। सरल हिन्दी बाइबल प्रिय भाई बहनो, मैं सामान्य जीवन से उदाहरण दे रहा हूं. एक मानवीय वाचा की पुष्टि के बाद उसे न तो कोई अलग करता है और न ही उसमें कुछ जोड़ता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हे भाइयों, मैं मनुष्य की रीति पर कहता हूँ, कि मनुष्य की वाचा भी जो पक्की हो जाती है, तो न कोई उसे टालता है और न उसमें कुछ बढ़ाता है। |
हे भाइयो, मैं नहीं चाहता कि तुम इस बात से अनजान रहो कि मैंने बार-बार तुम्हारे पास आने की योजना बनाई थी कि मुझे तुममें भी कुछ फल प्राप्त हो, जैसे अन्य गैरयहूदियों में प्राप्त हुआ था—परंतु आज तक रोका गया।
परंतु यदि हमारी अधार्मिकता परमेश्वर की धार्मिकता को प्रकट करती है, तो हम क्या कहें? क्या परमेश्वर जो क्रोध करता है, अधर्मी है? (मैं मानवीय रीति पर कह रहा हूँ।)
तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मैं मानवीय रीति से कह रहा हूँ। जिस प्रकार तुमने अपने अंगों को अशुद्धता और अधर्म के दास होने के लिए सौंप दिया था और उसके परिणामस्वरूप और अधिक अधर्म हुआ; उसी प्रकार अब तुम अपने अंगों को धार्मिकता के दास होने के लिए सौंप दो जिसका परिणाम पवित्रता हो।
यदि मानवीय विचार से मैं इफिसुस में हिंसक पशुओं से लड़ा, तो मुझे क्या लाभ हुआ? यदि मृतक जिलाए नहीं जाते, तो आओ, हम खाएँ-पीएँ, क्योंकि कल तो हमें मरना ही है।
अब्राहम से प्रतिज्ञा करते समय जब परमेश्वर को शपथ खाने के लिए अपने से बड़ा कोई न मिला, तो उसने अपनी ही शपथ खाई,
मनुष्य तो अपने से किसी बड़े की शपथ खाते हैं, और शपथ से वह बात पक्की होकर उनके हर विवाद का अंत कर देती है।
क्योंकि मृत्यु के बाद ही वसीयतनामा मान्य होता है। जब तक वसीयत लिखनेवाला जीवित है तब तक वसीयतनामा प्रभावी नहीं होता।