ऑनलाइन बाइबिल

विज्ञापनों


संपूर्ण बाइबिल पुराना वसीयतनामा नया करार




उत्पत्ति 7:11 - नवीन हिंदी बाइबल

नूह के जीवन के छः सौवें वर्ष के दूसरे महीने के सत्रहवें दिन गहरे जल के सब सोते फूट पड़े और आकाश के झरोखे खुल गए;

अध्याय देखें

पवित्र बाइबल

दूसरे महीने के सातवें दिन, जब नूह छः सौ वर्ष का था, जमीन के नीचे के सभी सोते खुल पड़े और ज़मीन से पानी बहना शुरु हो गया। उसी दिन पृथ्वी पर भारी वर्षा होने लगी। ऐसा लगा मानो आकाश की खिड़कियाँ खुल पड़ी हों। चालीस दिन और चालीस रात तक वर्षा पृथ्वी पर होती रही। ठीक उसी दिन नूह, उसकी पत्नी, उसके पुत्र शेम, हाम और येपेत और उनकी पत्नियाँ जहाज़ पर चढ़े।

अध्याय देखें

Hindi Holy Bible

जब नूह की अवस्था के छ: सौवें वर्ष के दूसरे महीने का सत्तरहवां दिन आया; उसी दिन बड़े गहिरे समुद्र के सब सोते फूट निकले और आकाश के झरोखे खुल गए।

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जिस वर्ष नूह छ: सौ वर्ष का हुआ, उसके दूसरे महीने के सत्रहवें दिन अथाह महासागर के झरने फूट पड़े, आकाश के झरोखे खुल गए और

अध्याय देखें

पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जब नूह की आयु के छ: सौवें वर्ष के दूसरे महीने का सत्रहवाँ दिन आया; उसी दिन बड़े गहरे समुद्र के सब सोते फूट निकले और आकाश के झरोखे खुल गए।

अध्याय देखें

सरल हिन्दी बाइबल

नोहा के छः सौ वर्ष के दूसरे महीने के सत्रहवें दिन महासागर के सोते फूट पड़े तथा आकाश को खोल दिया गया.

अध्याय देखें

इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जब नूह की आयु के छः सौवें वर्ष के दूसरे महीने का सत्रहवाँ दिन आया; उसी दिन बड़े गहरे समुद्र के सब सोते फूट निकले और आकाश के झरोखे खुल गए।

अध्याय देखें



उत्पत्ति 7:11
27 क्रॉस रेफरेंस  

तब परमेश्‍वर ने एक अंतर स्थापित किया, तथा उस अंतर के नीचे के जल को अंतर के ऊपर के जल से अलग किया; और ऐसा ही हो गया।


और सुन, मैं उन सब प्राणियों का नाश करने के लिए, जो आकाश के नीचे हैं और जिनमें जीवन का श्‍वास है, पृथ्वी पर जलप्रलय भेजूँगा; तथा वे सब जो पृथ्वी पर हैं मर जाएँगे।


जब पृथ्वी पर जलप्रलय हुआ तब नूह की आयु छः सौ वर्ष की थी।


दूसरे महीने के सत्ताईसवें दिन पृथ्वी पूरी तरह से सूख गई।


गहरे जल के सोते और आकाश के झरोखे बंद हो गए; और आकाश से होनेवाली वर्षा भी रुक गई।


वह समुद्र के जल को ढेर के समान इकट्ठा करता है, और गहरे सागरों को भंडार में रखता है।


तूने सोतों और जल-धाराओं को खोला; तूने बारहमासी नदियों को सुखा डाला।


उसी के ज्ञान से गहरे सागर फूट निकले, और आकाश से ओस टपकती है।


क्योंकि जैसे जलप्रलय से पहले के उन दिनों में जब तक नूह ने जहाज़ में प्रवेश नहीं किया था, लोग खाते-पीते, विवाह करते और विवाह कराते रहे;


जब लोग कहेंगे, “शांति और सुरक्षा है,” तब जैसे गर्भवती स्‍त्री पर प्रसव-पीड़ा आती है, वैसे ही अचानक उन पर विनाश आ पड़ेगा, और वे बच नहीं सकेंगे।


और इसी के द्वारा उस समय का जगत जलमग्‍‍न होकर नष्‍ट हो गया था।