अब्राम के पशुओं के चरवाहों और लूत के पशुओं के चरवाहों के बीच झगड़ा हुआ। उस समय कनानी और परिज्जी लोग उस देश में रहते थे।
उत्पत्ति 50:11 - नवीन हिंदी बाइबल जब उस देश के निवासियों, अर्थात् कनानियों ने आताद के खलिहान में हो रहे विलाप को देखा तो कहा, “यह तो मिस्रियों का कोई भारी विलाप है।” इसलिए उस स्थान का नाम आबेलमिस्रैम पड़ा जो यरदन के पार है। पवित्र बाइबल कनान के निवासियों ने गोरन आताद में अन्तिम संस्कार को देखा। उन्होंने कहा, “वे मिस्री सचमुच बहुत शोक भरा संस्कार कर रहे है।” इसलिए उस जगह का नाम अब आबेल मिस्रैम हैं। Hindi Holy Bible आताद के खलिहान में के विलाप को देखकर उस देश के निवासी कनानियों ने कहा, यह तो मिस्रियों का कोई भारी विलाप होगा, इसी कारण उस स्थान का नाम आबेलमिस्रैम पड़ा, और वह यरदन के पार है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अब उस नगर के रहने वाले कनानी लोगों ने आटद के खलियान में लोगों को शोक मनाते देखा तब कहा, ‘यह मिस्र के निवासियों का अत्यन्त दु:खपूर्ण शोक है।’ इसी कारण उस स्थान का नाम आबेल मिस्रीम पड़ा। यह यर्दन नदी के उस पार है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) आताद के खलिहान में के विलाप को देखकर उस देश के निवासी कनानियों ने कहा, “यह तो मिस्रियों का कोई भारी विलाप होगा।” इसी कारण उस स्थान का नाम आबेलमिस्रैम पड़ा, और वह यरदन के पार है। सरल हिन्दी बाइबल जब कनान के लोगों ने अताद के खलिहान में यह विलाप देखा तो कहा, “मिस्रवासियों के लिए यह वास्तव में गहरा शोक है.” इसलिये यरदन पार उस स्थान का नाम अबेल-मिस्रईम रखा गया. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 आताद के खलिहान में के विलाप को देखकर उस देश के निवासी कनानियों ने कहा, “यह तो मिस्रियों का कोई भारी विलाप होगा।” इसी कारण उस स्थान का नाम आबेलमिस्रैम पड़ा, और वह यरदन के पार है। |
अब्राम के पशुओं के चरवाहों और लूत के पशुओं के चरवाहों के बीच झगड़ा हुआ। उस समय कनानी और परिज्जी लोग उस देश में रहते थे।
तब याकूब ने शिमोन और लेवी से कहा, “तुमने मुझे इस देश में निवास करनेवाले कनानियों और परिज्जियों के लिए घृणा का पात्र ठहराकर मुझे संकट में डाल दिया है; मेरे साथ तो थोडे़ ही लोग हैं, इसलिए अब वे मेरे विरुद्ध इकट्ठे होकर मुझे मार डालेंगे, और मैं अपने घराने सहित नष्ट हो जाऊँगा।”
जब वे यरदन के पार आताद के खलिहान तक पहुँचे, तो उन्होंने वहाँ बड़ा भारी विलाप किया; और यूसुफ ने अपने पिता के लिए सात दिन तक शोक मनाया।