एसाव ने उस आशीर्वाद के कारण याकूब से बैर रखा जो उसके पिता ने याकूब को दिया था। एसाव ने अपने मन में कहा, “मेरे पिता की मृत्यु के बाद जब विलाप के दिन समाप्त हो जाएँगे, तब मैं अपने भाई याकूब को मार डालूँगा।”
उत्पत्ति 50:10 - नवीन हिंदी बाइबल जब वे यरदन के पार आताद के खलिहान तक पहुँचे, तो उन्होंने वहाँ बड़ा भारी विलाप किया; और यूसुफ ने अपने पिता के लिए सात दिन तक शोक मनाया। पवित्र बाइबल ये गोरन आताद को गए। जो यरदन नदी के पूर्व में था। इस स्थान पर इन्होंने इस्राएल का अन्तिम संस्कार किया। वे अन्तिम संस्कार सात दिन तक होता रहा। Hindi Holy Bible जब वे आताद के खलिहान तक, जो यरदन नदी के पार है पहुंचे, तब वहां अत्यन्त भारी विलाप किया, और यूसुफ ने अपने पिता के सात दिन का विलाप कराया। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब वे यर्दन नदी के किनारे पर स्थित ‘आटद का खलियान’ नामक स्थान पर पहुँचे, तब उन्होंने अत्यन्त शोक मनाया। यूसुफ ने भी अपने पिता के लिए सात दिन तक शोक किया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब वे आताद के खलिहान तक, जो यरदन नदी के पार है, पहुँचे, तब वहाँ अत्यन्त भारी विलाप किया; और यूसुफ ने अपने पिता के लिये सात दिन का विलाप कराया। सरल हिन्दी बाइबल जब वे अताद के खलिहान तक जो यरदन के पार है, पहुंचे; तब वे बड़े दुःखी हुए और रोने लगे; उन्होंने वहां अपने पिता के लिए सात दिन का शोक रखा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब वे आताद के खलिहान तक, जो यरदन नदी के पार है, पहुँचे, तब वहाँ अत्यन्त भारी विलाप किया, और यूसुफ ने अपने पिता के लिये सात दिन का विलाप कराया। |
एसाव ने उस आशीर्वाद के कारण याकूब से बैर रखा जो उसके पिता ने याकूब को दिया था। एसाव ने अपने मन में कहा, “मेरे पिता की मृत्यु के बाद जब विलाप के दिन समाप्त हो जाएँगे, तब मैं अपने भाई याकूब को मार डालूँगा।”
जब उस देश के निवासियों, अर्थात् कनानियों ने आताद के खलिहान में हो रहे विलाप को देखा तो कहा, “यह तो मिस्रियों का कोई भारी विलाप है।” इसलिए उस स्थान का नाम आबेलमिस्रैम पड़ा जो यरदन के पार है।
इसमें चालीस दिन लगे, क्योंकि शव-लेपन में इतने ही दिन लगते हैं। तब मिस्री लोगों ने उसके लिए सत्तर दिन तक शोक मनाया।
जब उसके लिए शोक मनाने के दिन बीत गए, तो यूसुफ ने फ़िरौन के घराने के लोगों से कहा कि यदि तुम्हारी कृपादृष्टि मुझ पर हो तो फ़िरौन से यह कहो,
इससे पहले कि वे ऊँचाई से और सड़क के खतरों से डरें, बादाम के वृक्ष में फूल खिले, उन्हें टिड्डी भी भारी लगे, और उनकी इच्छाएँ मरने लगें; क्योंकि मनुष्य तो अपने अनंत निवास में चला जाएगा और शोक करनेवाले सड़कों पर फिरेंगे।