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उत्पत्ति 45:11 - नवीन हिंदी बाइबल

मैं वहाँ तेरी आवश्यकताओं को पूरा करूँगा, क्योंकि अकाल के पाँच और वर्ष अभी बाकी हैं, कहीं ऐसा न हो कि तू और तेरा घराना और जो कुछ तेरा है, वे भूख से मरें।’

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पवित्र बाइबल

भुखमरी के अगले पाँच वर्षों में मैं आपकी देखभाल करुँगा। इस प्रकार आपके और आपके परिवार की जो चीज़ें हैं उनसे आपको हाथ धोना नहीं पड़ेगा।’”

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Hindi Holy Bible

और अकाल के जो पांच वर्ष और होंगे, उन में मैं वहीं तेरा पालन पोषण करूंगा; ऐसा न हो कि तू, और तेरा घराना, वरन जितने तेरे हैं, सो भूखों मरें।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वहाँ मैं आपके लिए भोजन-सामग्री की व्‍यवस्‍था करूँगा; क्‍योंकि अभी अकाल के पाँच वर्ष शेष हैं। ऐसा न हो कि आप, आपके परिवार एवं आपके साथ के लोगों को अभाव हो।”

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

और अकाल के जो पाँच वर्ष और होंगे, उनमें मैं वहीं तेरा पालन–पोषण करूँगा; ऐसा न हो कि तू और तेरा घराना, वरन् जितने तेरे हैं, वे भूखों मरें।’

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सरल हिन्दी बाइबल

वहां मैं आपके लिए भोजन की व्यवस्था करता रहूंगा, क्योंकि अकाल अभी पांच वर्ष और रहेगा, जिसके कारण आप वहां आपकी संपूर्ण गृहस्थी के साथ पूर्णतः साधन विहीन हो जाएंगे.’

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

और अकाल के जो पाँच वर्ष और होंगे, उनमें मैं वहीं तेरा पालन-पोषण करूँगा; ऐसा न हो कि तू, और तेरा घराना, वरन् जितने तेरे हैं, वे भूखे मरें।’ (प्रेरि. 7:14)

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उत्पत्ति 45:11
8 क्रॉस रेफरेंस  

अब तुम अपनी आँखों से देख रहे हो, और मेरा भाई बिन्यामीन भी अपनी आँखों से देख रहा है कि मैं यूसुफ ही हूँ जो तुमसे बातें कर रहा हूँ।


यूसुफ ने अपने पिता, और अपने भाइयों, और अपने पिता के सारे घराने के लिए उनके बाल-बच्‍चों की गिनती के अनुसार भोजन-सामग्री की व्यवस्था की।


और मिस्र देश तेरे सामने है; इस देश के सब से अच्छे भाग में अपने पिता और अपने भाइयों को बसा दे। वे गोशेन देश में बस जाएँ; और यदि तू उनमें से योग्य पुरुषों को जानता हो तो उन्हें मेरे पशुधन पर अधिकारी नियुक्‍त कर दे।”


इसलिए अब डरो मत, मैं तुम्हारी और तुम्हारे बाल-बच्‍चों की आवश्यकताओं को पूरा करता रहूँगा।” इस प्रकार उसने उन्हें शांति दी और उनसे कोमलता से बातें कीं।


यदि किसी विधवा के बच्‍चे या नाती-पोते हों, तो वे पहले अपने परिवार में भक्‍ति का व्यवहार करना और अपने माता-पिता के उपकारों का बदला चुकाना सीखें; क्योंकि परमेश्‍वर की दृष्‍टि में यह ग्रहणयोग्य है।