उत्पत्ति 31:41 - नवीन हिंदी बाइबल पिछले बीस वर्ष मैंने तेरे घर में रहकर तेरी सेवा की—चौदह वर्ष तो तेरी दो बेटियों के लिए और छः वर्ष तेरी भेड़-बकरियों के लिए—और तूने मेरी मज़दूरी को दस बार बदला। पवित्र बाइबल मैंने बीस वर्ष तक तुम्हारे लिए एक दास की तरह काम किया। पहले के चौदह वर्ष मैंने तुम्हारी दो पुत्रियों को पाने के लिए काम किया। बाद में छः वर्ष मैंने तुम्हारे जानवरों को पाने के लिए काम किया और इस बीच तुमने मेरा वेतन दस बार बदला। Hindi Holy Bible बीस वर्ष तक मैं तेरे घर में रहो; चौदह वर्ष तो मैं ने तेरी दोनो बेटियों के लिये, और छ: वर्ष तेरी भेड़-बकरियों के लिये सेवा की: और तू ने मेरी मजदूरी को दस बार बदल डाला। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं बीस वर्ष तक आपके घर में रहा। मैंने आपकी दो पुत्रियों के लिए चौदह वर्ष तक, और आपकी भेड़-बकरियों के लिए छ: वर्ष तक आपकी सेवा की। आपने दस बार मेरी मजदूरी बदली। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) बीस वर्ष तक मैं तेरे घर में रहा; चौदह वर्ष तो मैं ने तेरी दोनों बेटियों के लिये, और छ: वर्ष तेरी भेड़–बकरियों के लिये सेवा की; और तू ने मेरी मज़दूरी को दस बार बदल डाला। सरल हिन्दी बाइबल इन बीस वर्षों में मैं आपके परिवार में रहा हूं; चौदह वर्ष आपकी पुत्रियों के लिए तथा छः वर्ष आपके भेड़-बकरियों के लिए. इन वर्षों में आपने दस बार मेरा पारिश्रमिक परिवर्तित किया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 बीस वर्ष तक मैं तेरे घर में रहा; चौदह वर्ष तो मैंने तेरी दोनों बेटियों के लिये, और छः वर्ष तेरी भेड़-बकरियों के लिये सेवा की; और तूने मेरी मजदूरी को दस बार बदल डाला। |
तब लाबान ने याकूब से कहा, “यह ठीक नहीं कि तू मेरा कुटुंबी होने के कारण मुफ्त में मेरी सेवा करता रहे; बता तेरी सेवा के बदले मैं तुझे क्या दूँ?”
पिछले बीस वर्षों से मैं तेरे साथ रहा हूँ। इनमें न तो तेरी भेड़-बकरियों के गर्भ गिरे, और न ही मैंने कभी तेरे मेढ़ों का मांस खाया।
मेरी दशा ऐसी थी कि दिन को तो धूप और रात को पाला मुझे खा जाता था और मेरी आँखों से नींद भाग जाती थी।
फिर भी तुम्हारे पिता ने मुझे धोखा दिया और मेरी मज़दूरी को दस बार बदल दिया, परंतु परमेश्वर ने उसे अनुमति नहीं दी कि मुझे हानि पहुँचाए।
उसने उन्हें यह आज्ञा भी दी, “तुम मेरे प्रभु एसाव से यह कहना : तेरा दास याकूब यह कहता है, ‘मैं अब तक लाबान के यहाँ परदेशी होकर रहा;
फिर भी मैं जो कुछ भी हूँ, परमेश्वर के अनुग्रह से हूँ, और मुझ पर उसका अनुग्रह व्यर्थ नहीं हुआ, परंतु मैंने उन सब से बढ़कर परिश्रम किया; फिर भी यह मुझसे नहीं बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह से हुआ जो मेरे साथ था।
मैं बार-बार यात्राओं में, नदियों के खतरों में, डाकुओं के खतरों में, अपनी ही जाति के लोगों से उत्पन्न खतरों में, गैरयहूदियों से उत्पन्न खतरों में, नगर के खतरों में, जंगल के खतरों में, समुद्र के खतरों में, झूठे भाइयों के खतरों में रहा।