जब अब्राहम कड़ी धूप के समय मम्रे के बांजवृक्षों के बीच अपने तंबू के द्वार पर बैठा हुआ था, तब यहोवा उसके सामने प्रकट हुआ।
उत्पत्ति 31:11 - नवीन हिंदी बाइबल तब परमेश्वर के दूत ने स्वप्न में मुझसे कहा, ‘हे याकूब,’ मैंने कहा, ‘क्या आज्ञा।’ पवित्र बाइबल स्वप्न में परमेश्वर के दूत ने मुझ से बातें की। स्वर्गदूत ने कहा, ‘याकूब!’ “मैंने उत्तर दिया, ‘हाँ!’ Hindi Holy Bible और परमेश्वर के दूत ने स्वप्न में मुझ से कहा, हे याकूब: मैं ने कहा, क्या आज्ञा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब परमेश्वर के दूत ने स्वप्न में मुझसे कहा, “याकूब!” मैंने उत्तर दिया, “क्या आज्ञा है?” पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब परमेश्वर के दूत ने स्वप्न में मुझ से कहा, ‘हे याक़ूब,’ मैं ने कहा, ‘क्या आज्ञा।’ सरल हिन्दी बाइबल परमेश्वर के दूत ने स्वप्न में मुझसे कहा, ‘याकोब,’ मैंने कहा, ‘क्या आज्ञा है, प्रभु?’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब परमेश्वर के दूत ने स्वप्न में मुझसे कहा, ‘हे याकूब,’ मैंने कहा, ‘क्या आज्ञा।’ |
जब अब्राहम कड़ी धूप के समय मम्रे के बांजवृक्षों के बीच अपने तंबू के द्वार पर बैठा हुआ था, तब यहोवा उसके सामने प्रकट हुआ।
इन बातों के बाद ऐसा हुआ कि परमेश्वर ने यह कहकर अब्राहम की परीक्षा ली, “हे अब्राहम!” उसने कहा, “क्या आज्ञा।”
तब यहोवा के दूत ने स्वर्ग से उसे पुकारकर कहा, “अब्राहम, हे अब्राहम!” उसने कहा, “क्या आज्ञा?”
जब भेड़-बकरियों के गाभिन होने का समय आया तो मैंने स्वप्न में यह देखा कि बकरियों से संसर्ग करनेवाले बकरे धारीदार, चित्तीदार और चितकबरे हैं।
मैं बेतेल का परमेश्वर हूँ, जहाँ तूने एक खंभे पर तेल डाला था, और मेरी मन्नत मानी थी। अब उठ, और इस देश को छोड़कर अपनी जन्मभूमि को लौट जा।’ ”
परंतु परमेश्वर ने रात को स्वप्न में आकर अरामी लाबान से कहा, “सावधान! तू याकूब से भला या बुरा कुछ भी न कहना।”
और उसने उनसे कहा, “मैं देखता हूँ कि तुम्हारे पिता का व्यवहार मेरे प्रति पहले जैसा नहीं है, परंतु मेरे पिता का परमेश्वर मेरे साथ रहा है।
फिर यूसुफ ने एक स्वप्न देखा, और जब उसने अपने भाइयों को यह सुनाया तो वे उससे और भी अधिक बैर रखने लगे।
तब परमेश्वर ने रात को दर्शन में इस्राएल से कहा, “याकूब, हे याकूब!” उसने कहा, “क्या आज्ञा।”
जब यहोवा ने देखा कि मूसा देखने के लिए मुड़कर चला आ रहा है, तो परमेश्वर ने झाड़ी में से उसे पुकारा, “मूसा, हे मूसा!” मूसा ने कहा, “क्या आज्ञा!”
जब वह न्यायासन पर बैठा था, तो उसकी पत्नी ने उसके पास यह कहला भेजा, “तू उस धर्मी जन के साथ कुछ न कर, क्योंकि आज उसके कारण मैंने स्वप्न में बहुत दुःख उठाया है।”