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उत्पत्ति 46:2 - नवीन हिंदी बाइबल

2 तब परमेश्‍वर ने रात को दर्शन में इस्राएल से कहा, “याकूब, हे याकूब!” उसने कहा, “क्या आज्ञा।”

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पवित्र बाइबल

2 रात में परमेश्वर इस्राएल से सपने में बोला। परमेश्वर ने कहा, “याकूब, याकूब।” और इस्राएल ने उत्तर दिया, “मैं यहाँ हूँ।”

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Hindi Holy Bible

2 तब परमेश्वर ने इस्राएल से रात को दर्शन में कहा, हे याकूब हे याकूब। उसने कहा, क्या आज्ञा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

2 परमेश्‍वर ने रात को दर्शन में याकूब से कहा, ‘याकूब! याकूब!’ वह बोले, ‘क्‍या आज्ञा है?’

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

2 तब परमेश्‍वर ने इस्राएल से रात को दर्शन में कहा, “हे याक़ूब, हे याक़ूब।” उसने कहा, “क्या आज्ञा।”

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सरल हिन्दी बाइबल

2 उस रात परमेश्वर ने इस्राएल को दर्शन में कहा “हे, याकोब! याकोब!” उसने कहा, “कहिये, क्या आज्ञा है?”

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उत्पत्ति 46:2
23 क्रॉस रेफरेंस  

इन बातों के बाद यहोवा का यह वचन दर्शन में अब्राम के पास पहुँचा : “हे अब्राम, मत डर! तेरी ढाल और तेरा अत्यंत बड़ा प्रतिफल मैं हूँ।”


तब यहोवा ने अब्राम से कहा, “निश्‍चय जान ले कि तेरे वंशज एक ऐसे देश में परदेशी होकर रहेंगे जो उनका नहीं है। वे उस देश के लोगों के दास हो जाएँगे, और उन्हें चार सौ वर्ष तक दुःख सहना होगा।


परंतु परमेश्‍वर ने रात को स्वप्‍न में अबीमेलेक के पास आकर कहा, “देख, जिस स्‍त्री को तूने रख लिया है उसके कारण तू मर जाएगा, क्योंकि वह विवाहित है।”


इन बातों के बाद ऐसा हुआ कि परमेश्‍वर ने यह कहकर अब्राहम की परीक्षा ली, “हे अब्राहम!” उसने कहा, “क्या आज्ञा।”


तब यहोवा के दूत ने स्वर्ग से उसे पुकारकर कहा, “अब्राहम, हे अब्राहम!” उसने कहा, “क्या आज्ञा?”


तब परमेश्‍वर के दूत ने स्वप्‍न में मुझसे कहा, ‘हे याकूब,’ मैंने कहा, ‘क्या आज्ञा।’


फिर उसे एक आवाज़ सुनाई दी,“हे पतरस, उठ, मार और खा।”


दिन के लगभग तीन बजे उसने दर्शन में स्पष्‍ट रूप से देखा कि परमेश्‍वर के एक स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर उससे कहा, “हे कुरनेलियुस!”


रात में पौलुस को एक दर्शन दिखाई दिया : एक मकिदुनियावासी पुरुष खड़ा हुआ उससे विनती कर रहा है, “मकिदुनिया में आकर हमारी सहायता कर।”


दमिश्क में हनन्याह नामक एक शिष्य था, और प्रभु ने दर्शन में उससे कहा,“हे हनन्याह!” उसने कहा, “प्रभु देख, मैं यहाँ हूँ।”


और वह भूमि पर गिर पड़ा और उसने एक आवाज़ यह कहते हुए सुनी,“हे शाऊल, हे शाऊल, तू मुझे क्यों सताता है?”


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