तब वह पुरुष घर के भीतर आया; और लाबान ने ऊँटों की काठियाँ खोलकर उन्हें पुआल और चारा दिया, और उसे तथा उसके साथियों को पैर धोने के लिए जल दिया।
उत्पत्ति 24:33 - नवीन हिंदी बाइबल तब उसके सामने खाने के लिए कुछ रखा गया; पर उसने कहा, “मैं तब तक कुछ न खाऊँगा जब तक अपनी बात न कह दूँ।” अतः लाबान ने कहा, “कह दे।” पवित्र बाइबल तब लाबान ने उसे खाने के लिए भोजन दिया। लेकिन नौकर ने भोजन करना मना किया। उसने कहा, “मैं तब तक भोजन नहीं करूँगा जब तक मैं यह न बता दूँ कि मैं यहाँ किस लिए आया हूँ।” इसलिए लाबान ने कहा, “तब हम लोगों को बताओ।” Hindi Holy Bible तब इब्राहीम के दास के आगे जलपान के लिये कुछ रखा गया: पर उसने कहा मैं जब तक अपना प्रयोजन न कह दूं, तब तक कुछ न खाऊंगा। लाबान ने कहा, कह दे। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तत्पश्चात् सेवक के सम्मुख खाने के लिए भोजन परोसा गया। परन्तु सेवक ने कहा, ‘नहीं, जब तक मैं अपना सन्देश नहीं सुना लूँगा तब तक भोजन नहीं करूँगा।’ लाबान ने कहा, ‘सुनाइए।’ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब अब्राहम के दास के आगे जलपान के लिये कुछ रखा गया; पर उसने कहा, “मैं जब तक अपना प्रयोजन न कह दूँ, तब तक कुछ न खाऊँगा।” लाबान ने कहा, “कह दे।” सरल हिन्दी बाइबल तब सेवक को खाना दिया गया, पर उसने कहा, “मैं तब तक भोजन न करूंगा, जब तक कि मैं अपने आने का प्रयोजन न बता दूं.” लाबान ने कहा, “ठीक है, बता दें.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब अब्राहम के दास के आगे जलपान के लिये कुछ रखा गया; पर उसने कहा “मैं जब तक अपना प्रयोजन न कह दूँ, तब तक कुछ न खाऊँगा।” लाबान ने कहा, “कह दे।” |
तब वह पुरुष घर के भीतर आया; और लाबान ने ऊँटों की काठियाँ खोलकर उन्हें पुआल और चारा दिया, और उसे तथा उसके साथियों को पैर धोने के लिए जल दिया।
यदि तू किसी ऐसे व्यक्ति को देखे जो अपने कार्य में निपुण हो, तो वह राजाओं की सेवा में खड़ा होगा, साधारण लोगों की नहीं।
तू अपने हाथों से जो कुछ भी करे, उसे पूरी लगन से करना; क्योंकि अधोलोक में जहाँ तू जा रहा है वहाँ कोई कार्य, या युक्ति, या बुद्धिमानी नहीं होगी।
परंतु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूँगा, वह अनंत काल तक कभी प्यासा न होगा, बल्कि जो जल मैं उसे दूँगा, वह उसमें अनंत जीवन के लिए उमड़नेवाला जल का सोता बन जाएगा।”
जिन दासों के स्वामी विश्वासी हैं, उनका वे भाई होने के कारण अनादर न करें, बल्कि उनकी और भी सेवा करें; क्योंकि उनकी सेवाओं से जिन्हें लाभ मिलता है वे विश्वासी और प्रिय जन हैं। इन बातों को सिखाता और समझाता रह।