उत्पत्ति 2:5 - नवीन हिंदी बाइबल उस समय मैदान का कोई पौधा पृथ्वी पर नहीं था, और न ही मैदान में कोई वनस्पति उगी थी, क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर पानी नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिए कोई मनुष्य भी नहीं था। पवित्र बाइबल तब पृथ्वी पर कोई पेड़ पौधा नहीं था और खेतों में कुछ भी नहीं उग रहा था, क्योंकि यहोवा ने तब तक पृथ्वी पर वर्षा नहीं भेजी थी तथा पेड़ पौधों की देख—भाल करने वाला कोई व्यक्ति भी नहीं था। Hindi Holy Bible तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था, और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था, क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर जल नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था; पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पर उस समय धरती पर भूमि का कोई पौधा उगा नहीं था, और न ही भूमि की कोई वनस्पति अंकुरित हुई थी; क्योंकि प्रभु परमेश्वर ने पृथ्वी पर वर्षा न की थी, और भूमि की जोताई करने के लिए मनुष्य न था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था, और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था, क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर जल नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था; सरल हिन्दी बाइबल उस समय तक पृथ्वी में कोई हरियाली और कोई पौधा नहीं उगा था, क्योंकि तब तक याहवेह परमेश्वर ने पृथ्वी पर बारिश नहीं भेजी थी. और न खेती करने के लिए कोई मनुष्य था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब मैदान का कोई पौधा भूमि पर न था, और न मैदान का कोई छोटा पेड़ उगा था, क्योंकि यहोवा परमेश्वर ने पृथ्वी पर जल नहीं बरसाया था, और भूमि पर खेती करने के लिये मनुष्य भी नहीं था। |
इसलिए यहोवा परमेश्वर ने उसे अदन की वाटिका से निकाल दिया कि वह उस भूमि पर खेती करे जिसमें से उसे बनाया गया था।
जब तू भूमि पर खेती करेगा तो वह तुझे अपनी भरपूर उपज न देगी; और तू पृथ्वी पर भटकनेवाला और भगोड़ा होगा।”
इसके बाद उसने उसके भाई हाबिल को भी जन्म दिया। हाबिल तो भेड़-बकरियों का चरवाहा था, परंतु कैन भूमि पर खेती करता था।
तू पशुओं के लिए घास, और मनुष्यों के उपयोग के लिए पेड़-पौधे उपजाता है, ताकि वे भूमि से भोजन-वस्तुएँ प्राप्त कर सकें;
वह पृथ्वी की छोर से बादल उठाता है, और वर्षा भेजने के साथ-साथ बिजली चमकाता है, और पवन को अपने भंडार में से निकालता है।
ताकि तुम अपने पिता की, जो स्वर्ग में है, संतान बन जाओ क्योंकि वह भले और बुरे दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मी और अधर्मी दोनों पर मेंह बरसाता है।
क्योंकि जो भूमि बार-बार होनेवाली वर्षा के पानी को पीती है और अपने जोतनेवालों के लिए उपयोगी साग-पात उपजाती है, वह परमेश्वर से आशिष पाती है।