जब अब्राम को कनान देश में रहते हुए दस वर्ष बीत चुके तब उसकी पत्नी सारै ने अपनी मिस्री दासी हाजिरा को लेकर अपने पति अब्राम को सौंप दिया कि वह उसकी पत्नी हो।
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जब अब्राम को कनान देश में रहते हुए दस वर्ष बीत चुके तब उसकी पत्नी सारै ने अपनी मिस्री दासी हाजिरा को लेकर अपने पति अब्राम को सौंप दिया कि वह उसकी पत्नी हो।
तब सारै ने अब्राम से कहा, “मेरे साथ जो अन्याय हो रहा है, उसका उत्तरदायी तू ही है। मैंने तो अपनी दासी को तेरी पत्नी कर दिया था; पर जब से उसने जाना है कि वह गर्भवती है, तब से वह मुझे तुच्छ जानने लगी है। यहोवा मेरे और तेरे बीच में न्याय करे।”
तब बड़ी बेटी ने छोटी से कहा, “हमारा पिता बूढ़ा है, और पूरी पृथ्वी पर ऐसा कोई पुरुष नहीं जो संसार की रीति के अनुसार हमारे पास आए।
तब सारा ने देखा कि मिस्री हाजिरा का पुत्र, जो अब्राहम से उत्पन्न हुआ था, इसहाक का उपहास कर रहा है।
तब उसने अपनी दासी बिल्हा को उसकी पत्नी होने के लिए उसे दे दिया; और याकूब उसके पास गया।
अब हे भाइयो, मैंने तुम्हारे लिए इन बातों को अपने पर और अपुल्लोस पर लागू किया है ताकि तुम हमसे यह सीखो कि लिखी हुई बातों से आगे न बढ़ना, और यह कि तुममें से कोई किसी एक के पक्ष में दूसरे के विरुद्ध होकर घमंड से न फूले।