इफिसियों 5:18 - नवीन हिंदी बाइबल मदिरा पीकर मतवाले न बनो, इससे दुराचार होता है, बल्कि आत्मा में परिपूर्ण होते जाओ, पवित्र बाइबल मदिरा पान करके मतवाले मत बने रहो क्योंकि इससे कामुकता पैदा होती है। इसके विपरीत आत्मा से परिपूर्ण हो जाओ। Hindi Holy Bible और दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इस से लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मदिरा पी कर मतवाले नहीं बनें, क्योंकि इससे विषय-वासना उत्पन्न होती है, बल्कि पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जायें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इससे लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ, सरल हिन्दी बाइबल दाखरस से मतवाले न हो क्योंकि इससे भ्रष्टाचार पैदा होती है. परंतु, पवित्र आत्मा से भर जाओ, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इससे लुचपन होता है, पर पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ, (नीति. 23:31,32, गला. 5:21-25) |
फाटक के पास बैठनेवाले मेरे विषय में बातचीत करते हैं, और मदिरा पीनेवाले मुझ पर गीत रचते हैं।
दाखमधु ठट्ठा करनेवाला और मदिरा हल्ला मचानेवाली है; जो कोई उनसे मतवाला होता है, वह बुद्धिमान नहीं होता।
“जब कभी तू या तेरे साथ तेरे पुत्र मिलापवाले तंबू में आएँ, तब तुममें से कोई न तो दाखमधु पीए और न किसी प्रकार की मदिरा, कहीं ऐसा न हो कि तुम मर जाओ। तुम्हारी पीढ़ी-पीढ़ी में यह सदा की विधि रहे,
“हे पाखंडी शास्त्रियो और फरीसियो, तुम पर हाय! क्योंकि तुम कटोरे और थाली को बाहर से माँजते हो, परंतु वे भीतर लूट और असंयम से भरे हैं।
क्योंकि वह प्रभु की दृष्टि में महान होगा, और कभी दाखरस और मदिरा न पीएगा, और अपनी माता के गर्भ से ही पवित्र आत्मा से परिपूर्ण होगा।
इसलिए, यदि तुम बुरे होकर अपने बच्चों को अच्छी वस्तुएँ देना जानते हो, तो तुम्हारा पिता जो स्वर्ग में है, उससे भी बढ़कर अपने माँगनेवालों को पवित्र आत्मा क्यों न देगा।”
परंतु यदि वह दास अपने मन में कहे, ‘मेरे स्वामी के आने में देर है,’ और वह सेवकों और सेविकाओं को पीटने लगे, और खा-पीकर मतवाला होने लगे,
“तुम अपने विषय में सावधान रहो, कहीं ऐसा न हो कि तुम्हारे मन दुराचार, मतवालेपन और जीवन की चिंताओं के भार से दब जाएँ, और वह दिन अचानक फंदे के समान तुम पर आ पड़े।
और उससे कहा, “हर एक मनुष्य पहले अच्छा दाखरस देता है और जब लोग पीकर मतवाले हो जाते हैं तब उससे घटिया देता है। तूने तो अच्छा दाखरस अब तक बचा रखा है!”
क्योंकि वह एक भला मनुष्य था और पवित्र आत्मा तथा विश्वास से परिपूर्ण था; और बहुत लोग प्रभु में लाए गए।
जैसे दिन को शोभा देता है हम वैसी ही चाल चलें, न कि रंगरेलियों और मतवालेपन में, न अनैतिक यौनाचार और कामुकता में, और न ही झगड़े और ईर्ष्या में;
क्योंकि खाने के समय प्रत्येक अपना भोजन दूसरे से पहले ही झटपट खा लेता है, जिससे कोई तो भूखा रह जाता है और कोई मतवाला हो जाता है।
परंतु अब मैं तुम्हें लिखता हूँ कि यदि कोई भाई कहलाकर व्यभिचारी, लोभी, मूर्तिपूजक, गाली देनेवाला, पियक्कड़ या लुटेरा हो, तो उससे संगति न रखना; बल्कि ऐसे मनुष्य के साथ भोजन भी न करना।
न चोर, न लोभी, न पियक्कड़, न गाली देनेवाले और न लुटेरे परमेश्वर के राज्य के उत्तराधिकारी होंगे।
प्रवर निर्दोष, और एक ही पत्नी का पति हो, और उसके बच्चे विश्वासी हों, दुराचार या अवज्ञाकारिता के दोषी न हों।