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जो मार्ग को छोड़ देता है, उसकी बड़ी ताड़ना होती है; और जो डाँट से बैर रखता है, वह मर जाता है।
तब उसने उनसे कहा,“इस कारण प्रत्येक शास्त्री जो स्वर्ग के राज्य का शिष्य बना है, ऐसे मनुष्य के समान है जो घर का स्वामी है और अपने भंडार से नई और पुरानी वस्तुएँ निकालता है।”
यीशु ने उनसे कहा,“क्या तुमने कभी पवित्रशास्त्र में नहीं पढ़ा : जिस पत्थर को राजमिस्त्रियों ने ठुकरा दिया, वही कोने का प्रमुख पत्थर बन गया? यह प्रभु की ओर से हुआ, और हमारी दृष्टि में अद्भुत है।
परंतु यह सब इसलिए हुआ है कि भविष्यवक्ताओं के लेख पूरे हों।” तब उसके सब शिष्य उसे छोड़कर भाग गए।
यीशु ने उनसे कहा,“कहीं तुम इसलिए तो भ्रम में नहीं हो कि न तो तुम पवित्रशास्त्र को समझते हो और न ही परमेश्वर के सामर्थ्य को?
दाऊद ने स्वयं पवित्र आत्मा में होकर कहा : प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा, ‘मेरे दाहिनी ओर बैठ, जब तक कि मैं तेरे शत्रुओं को तेरे पैरों तले न कर दूँ।’
“यदि उसने उन्हें ईश्वर कहा जिनके पास परमेश्वर का वचन आया (और पवित्रशास्त्र की बात को मिटाया नहीं जा सकता),
क्योंकि प्रत्येक जो बुराई करता है, वह ज्योति से घृणा करता है और ज्योति के पास नहीं आता, जिससे उसके कार्य प्रकट न हो जाएँ।
“भाइयो, यह आवश्यक था कि पवित्रशास्त्र का वह वचन पूरा हो, जो पवित्र आत्मा ने दाऊद के मुँह से उस यहूदा के विषय में पहले से कहा था जो यीशु को पकड़नेवालों का मार्गदर्शक बना।
उसे प्रभु के मार्ग की शिक्षा मिली थी और वह आत्मिक उत्साह के साथ यीशु के विषय में भली-भाँति बताया और सिखाया करता था; पर वह केवल यूहन्ना के बपतिस्मा के विषय में जानता था।
और किस प्रकार जो-जो लाभ की बातें थीं उन्हें तुम्हें बताने, और सब के सामने तथा घर-घर तुम्हें सिखाने से मैं नहीं झिझका,
वे आपस में असहमत होकर वहाँ से जा ही रहे थे कि पौलुस ने एक बात कही, “पवित्र आत्मा ने यशायाह भविष्यवक्ता के द्वारा तुम्हारे पूर्वजों से ठीक कहा था :
जो कुछ पहले से लिखा गया था, वह हमारी शिक्षा के लिए लिखा गया, ताकि हम धीरज से और पवित्रशास्त्र के प्रोत्साहन द्वारा आशा रखें।
निर्बुद्धियों को सिखानेवाला, और बच्चों का शिक्षक है, क्योंकि तुझे व्यवस्था में ज्ञान और सत्य का स्वरूप मिला है,
पवित्रशास्त्र ने पहले ही से यह जानकर कि परमेश्वर विश्वास के द्वारा गैरयहूदियों को धर्मी ठहराएगा, पहले से ही अब्राहम को यह सुसमाचार सुना दिया, सब जातियाँ तुझमें आशिष पाएँगी।
और नम्रता से विरोधियों को समझानेवाला हो। संभव है कि परमेश्वर उन्हें पश्चात्ताप का अवसर दे कि वे सत्य को जान सकें
वचन का प्रचार कर, समय-असमय तैयार रह, बड़े धैर्य से शिक्षा देते हुए समझा, डाँट और प्रोत्साहित कर।
परमेश्वर का वचन जीवित, प्रभावशाली और किसी भी दोधारी तलवार से अधिक तेज़ है, जो प्राण और आत्मा, जोड़ों और मज्जा को आर-पार भेदकर अलग करता है, और मन के विचारों और अभिप्रायों को परखता है।