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2 तीमुथियुस 2:20 - नवीन हिंदी बाइबल

बड़े घर में केवल सोने-चाँदी ही के नहीं बल्कि लकड़ी और मिट्टी के पात्र भी होते हैं; कुछ आदर के तो कुछ अनादर के लिए।

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पवित्र बाइबल

एक बड़े घर में बस सोने-चाँदी के ही पात्र तो नहीं होते हैं, उसमें लकड़ी और मिट्टी के बरतन भी होते हैं। कुछ विशेष उपयोग के लिए होते हैं और कुछ साधारण उपयोग के लिए।

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Hindi Holy Bible

बड़े घर में न केवल सोने-चान्दी ही के, पर काठ और मिट्टी के बरतन भी होते हैं; कोई कोई आदर, और कोई कोई अनादर के लिये।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

किसी भी बड़े घर में न केवल सोने और चांदी के, बल्‍कि लकड़ी और मिट्टी के भी पात्र पाये जाते हैं। कुछ पात्र ऊंचे प्रयोजन के लिए हैं और कुछ साधरण प्रयोजन के लिए।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

बड़े घर में न केवल सोने–चाँदी ही के, पर काठ और मिट्टी के बरतन भी होते हैं; कोई–कोई आदर, और कोई–कोई अनादर के लिये।

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सरल हिन्दी बाइबल

एक सम्पन्‍न घर में केवल सोने-चांदी के ही नहीं परंतु लकड़ी तथा मिट्टी के भी बर्तन होते हैं—कुछ अच्छे उपयोग के लिए तथा कुछ अनादर के लिए.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

बड़े घर में न केवल सोने-चाँदी ही के, पर काठ और मिट्टी के बर्तन भी होते हैं; कोई-कोई आदर, और कोई-कोई अनादर के लिये।

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2 तीमुथियुस 2:20
15 क्रॉस रेफरेंस  

उसकी राख उठाने के पात्र, उसके फावड़े, उसके कटोरे, उसके काँटे, और अंगारे उठाने के करछों को बनवाना; उसका यह सब सामान पीतल का बनवाना।


यीशु ने उत्तर दिया,“मुझमें दुष्‍टात्मा नहीं है, बल्कि मैं अपने पिता का आदर करता हूँ, और तुम मेरा निरादर करते हो।


हे मनुष्य, परमेश्‍वर को पलटकर उत्तर देनेवाला भला तू कौन होता है? क्या रचना अपने रचनाकार से यह कहेगी, “तूने मुझे ऐसा क्यों बनाया है?”


क्योंकि हम परमेश्‍वर के सहकर्मी हैं; तुम परमेश्‍वर के खेत हो और परमेश्‍वर का भवन हो।


परंतु हमारे पास यह धन मिट्टी के पात्रों में इसलिए है ताकि यह स्पष्‍ट हो कि यह असीम सामर्थ्य हमारी ओर से नहीं बल्कि परमेश्‍वर की ओर से है।


जिसमें तुम भी आत्मा में परमेश्‍वर के निवासस्थान होने के लिए एक साथ बनाए जाते हो।


कि मेरे आने में देर होने पर भी तुझे यह मालूम रहे कि परमेश्‍वर के घराने में, जो जीवित परमेश्‍वर की कलीसिया है और सत्य का स्तंभ तथा आधार है, कैसा आचरण होना चाहिए।


तुम भी स्वयं जीवित पत्थरों के समान आत्मिक घर बनते जाते हो कि याजकों का पवित्र समाज बनकर ऐसे आत्मिक बलिदानों को चढ़ाओ जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्‍वर को ग्रहणयोग्य हों।