और तुम भी अपनी प्रार्थनाओं द्वारा हमारी सहायता करते रहोगे, ताकि हमारी ओर से बहुत से लोग उस अनुग्रह के लिए धन्यवाद करें जो बहुतों की प्रार्थनाओं द्वारा हमें मिला है।
2 कुरिन्थियों 9:12 - नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि यह सेवाकार्य न केवल पवित्र लोगों के अभावों को पूरा करता है, बल्कि परमेश्वर को बहुत धन्यवाद देने के द्वारा इसकी वृद्धि भी होती है। पवित्र बाइबल दान की इस पवित्र सेवा से न केवल पवित्र लोगों की आवश्यकताएँ पूरी होती हैं बल्कि परमेश्वर के प्रति अत्यधिक धन्यवाद का भाव भी उपजता है। Hindi Holy Bible क्योंकि इस सेवा के पूरा करने से, न केवल पवित्र लोगों की घटियां पूरी होती हैं, परन्तु लोगों की ओर से परमेश्वर का बहुत धन्यवाद होता है। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि यह सार्वजनिक सेवा-कार्य न केवल सन्तों की आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि परमेश्वर को धन्यवाद देने के लिए बहुत-से लोगों को प्रेरित भी करता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि इस सेवा के पूरा करने से न केवल पवित्र लोगों की आवश्यकताएँ पूरी होती हैं, परन्तु लोगों की ओर से परमेश्वर का भी बहुत धन्यवाद होता है। सरल हिन्दी बाइबल यह सेवकाई न केवल पवित्र लोगों की ज़रूरतों को पूरा करने का ही साधन है परंतु परमेश्वर के प्रति उमड़ता हुआ धन्यवाद का भाव भी है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि इस सेवा के पूरा करने से, न केवल पवित्र लोगों की घटियाँ पूरी होती हैं, परन्तु लोगों की ओर से परमेश्वर का बहुत धन्यवाद होता है। |
और तुम भी अपनी प्रार्थनाओं द्वारा हमारी सहायता करते रहोगे, ताकि हमारी ओर से बहुत से लोग उस अनुग्रह के लिए धन्यवाद करें जो बहुतों की प्रार्थनाओं द्वारा हमें मिला है।
क्योंकि जैसे मसीह के दुःख हममें बहुतायत से हैं वैसे ही हमारी शांति भी मसीह के द्वारा बहुतायत से है।
और बड़े उत्साह के साथ हमसे विनती करते रहे कि उन्हें पवित्र लोगों की सेवा में सहभागी होने का अवसर मिले,
यह आवश्यक नहीं कि जो सेवा पवित्र लोगों के लिए की जाती है उसके विषय में मैं तुम्हें लिखूँ,
फिर भी मैंने आवश्यक समझा कि मैं इपफ्रुदीतुस को तुम्हारे पास भेज दूँ जो मेरा भाई, सहकर्मी और संगी योद्धा है, परंतु मेरी आवश्यकताओं में सेवा-टहल करनेवाला तुम्हारा दूत है।
परंतु जिसके पास सांसारिक धन-संपत्ति है और अपने भाई को आवश्यकता में देखकर उसके प्रति अपना हृदय कठोर कर लेता है, तो परमेश्वर का प्रेम उसमें कैसे बना रहेगा?