2 कुरिन्थियों 8:8 - नवीन हिंदी बाइबल मैं यह आज्ञा के रूप में नहीं बल्कि दूसरों के उत्साह के द्वारा तुम्हारे प्रेम की सच्चाई को भी परखते हुए कहता हूँ। पवित्र बाइबल यह मैं आज्ञा के रूप में नहीं कह रहा हूँ बल्कि अन्य व्यक्तियों के मन में तुम्हारे लिए जो तीव्रता है, उस प्रेम की सच्चाई को प्रमाणित करने के लिये ऐसा कह रहा हूँ। Hindi Holy Bible मैं आज्ञा की रीति पर तो नहीं, परन्तु औरों के उत्साह से तुम्हारे प्रेम की सच्चाई को परखने के लिये कहता हूं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं इस सम्बन्ध में कोई आदेश नहीं दे रहा हूँ, बल्कि दूसरे लोगों की लगन का उदाहरण देकर मैं आपके प्रेम की सच्चाई की परीक्षा लेना चाहता हूँ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं आज्ञा की रीति पर तो नहीं, परन्तु दूसरों के उत्साह से तुम्हारे प्रेम की सच्चाई को परखने के लिये कहता हूँ। सरल हिन्दी बाइबल मैं तुम्हें कोई आज्ञा नहीं दे रहा. मैं सिर्फ बाकियों के उत्साह से तुम्हारे प्रेम की तुलना कर इसकी सच्चाई को परख रहा हूं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं आज्ञा की रीति पर तो नहीं , परन्तु औरों के उत्साह से तुम्हारे प्रेम की सच्चाई को परखने के लिये कहता हूँ। |
बाकी लोगों से प्रभु नहीं, बल्कि मैं कहता हूँ : यदि किसी भाई की पत्नी अविश्वासी हो, और उसके साथ रहने के लिए सहमत हो, तो वह उसे न छोड़े;
अब कुँवारियों के विषय में मेरे पास प्रभु से कोई आज्ञा नहीं है, परंतु प्रभु की दया से विश्वासयोग्य होने के कारण मैं अपनी सलाह देता हूँ।
मैं इस विषय में एक सलाह देता हूँ : यह तुम्हारे लिए अर्थात् उनके लिए लाभदायक है, जिन्होंने पिछले वर्ष से केवल यह कार्य करना ही नहीं बल्कि इसकी इच्छा रखना भी आरंभ किया।
अतः कलीसियाओं के सामने उन्हें अपने प्रेम का प्रमाण दो और उस गर्व का भी जो हम तुम पर करते हैं।
क्योंकि मैं तुम्हारी उत्सुकता को जानता हूँ और मकिदुनिया के लोगों के सामने तुम्हारे विषय में गर्व करता हूँ कि अखाया के लोग पिछले वर्ष से तैयार हैं, और तुम्हारे उत्साह ने बहुतों को प्रेरित किया है।
प्रत्येक जन वैसा ही दान करे जैसा उसने अपने मन में निश्चित किया है, न तो अनिच्छा से और न ही विवश होकर; क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।
बल्कि प्रेम में सच्चाई से चलते हुए सब बातों में, उसमें जो सिर है अर्थात् मसीह में बढ़ते जाएँ,
जब तुमने भाईचारे के निष्कपट प्रेम के लिए अपने मनों को सत्य का पालन करके शुद्ध किया है, तो उत्साहपूर्वक शुद्ध मन से आपस में प्रेम रखो।